Wednesday 31 January 2018

*युवा अभ्युदय आयोजन क्यूँ ज़रूरी है?*

1- अप्रैल - 2018, स्थान- सिविल लाइन, न्यू दिल्ली

भारत एक युवा देश है, लेकिन यौवन कितने प्रतिशत साक्षर है? और कितने प्रतिशत सार्थक है? इस बात पर निर्भर करेगी भारत की तरक़्क़ी।

स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, विभिन्न कोचिंग संस्थान में सब जगह मैथ में समकोण, न्यूनकोण इत्यादि पढ़ाया जाएगा लेकिन कहीं भी किसी शैक्षणिक संस्थान में साक्षरता के साथ जीवन की सार्थकता हेतु निम्न पाठ्यक्रम नहीं पढ़ाये जाते:-

1- दृष्टिकोण(Attitude)
2- सोचने की कला(Art of thinking)
3- बोलने की कला(Art of speaking)
4- सुनने की कला(Art of listening)
5- मानसिक संतुलन, मन प्रबंधन (Mind Management)
6- जीवन प्रबंधन (Life Management, Art of living)
7- देश और समाज के प्रति जिम्मेदारी (Responsibilities & Duties for nation)

इत्यादि महत्त्वपूर्ण दिशा धारा न मिलने के कारण युवा भटक जाता है। उपरोक्त जीवन को सार्थकता प्रदान करने वाली जीवन विद्या युवाओं को सिखाने और उन्हें सही दिशा देने हेतु यह प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा है। युवा अभ्युदय वास्तव में यौवन के सदुपयोग हेतु सही दृष्टिकोण विकसित करने हेतु आयोजित किया जा रहा है।

इस प्रोग्राम में यह महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने, यह महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी उठाने श्रद्धेय डॉक्टर प्रणव पण्ड्या, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और गायत्री परिवार के प्रमुख आ रहे हैं।

इस प्रोग्राम की सफलता हेतु अंशदान-समयदान कर सहयोग प्रदान करके पुण्य परमार्थ के भागीदार बनिये।

No comments:

Post a Comment

प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद्यमहे’, ' धीमही’ और 'प्रचोदयात्’ का क्या अर्थ है?

 प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद...