Tuesday 28 June 2022

मोबाईल की एडिक्शन से कैसे मुक्त हों?

 28 जून 2022

आज की काउंसलिंग - 20 वर्षीय बेटी के प्रश्न व गुरु कृपा से दिये हमारे उत्तर - 


बेटी - *मोबाईल की एडिक्शन से कैसे मुक्त हों?*


श्वेता - एक कहानी सुनो, एक नशे की लत से परेशान युवक व उसकी पत्नी एक संत के पास समाधान हेतु पहुंचे। कहा नशा करना नहीं चाहता मग़र यह नशा छूट नहीं रहा।


संत ने कहा - तुम्हारे प्रश्न का उत्तर मैं दे दूंगा पहले तुम मेरे शिष्य की मदद करो। वह अपना हाथ मटके से नहीं निकाल पा रहा। मटके का मुंह सकरा है और यह मुट्ठी में चने बांध कर निकालने की कोशिश कर रहा है। कह रहा है चने ने मुझे पकड़ रखा है।


युवक ने शिष्य से कहा - इस विधि से बंदर पकड़े जाते हैं क्योंकि वह मूर्ख होते है वह नहीं जानते कि यदि मुक्ति शिकारियों से चाहिए तो चने की लालच छोड़ हाथ निकालकर भागना होगा। तुम तो मनुष्य हो बुद्धिमान हो, निर्जीव वस्तु चना भला मनुष्य को कैसे पकड़ सकता है? तुम्हारी लालच ने उसे पकड़ रखा है, चना छोड़ो तो हाथ बाहर आ जायेगा।


शिष्य मुस्कुराया और बोला - नशा भी तो चने की तरह निर्जीव है, उसने तुम्हे नहीं पकड़ा है। तुम्हारी नशे की लालच ने उसे पकड़ रखा है। तुम चाहोगे तो उसे छोड़कर मुक्त हो सकते हो।


बेटी - तो इसका अर्थ यह हुआ कि मोबाईल को मनोरंजन की लालच से मैंने ही पकड़ रखा है। मुझे ही इसे छोड़ना पड़ेगा।


श्वेता - हाँजी, मोबाईल निर्जीव है, वह तुम तक स्वयं नहीं आ सकता। तुम्हारे मनोरंजन की अति लालच ने एडिक्शन दे रखा है। तुम ही स्वयं के कैरियर की दुश्मन हो तुम ही स्वयं के कैरियर की सहायक मित्र हो। अति मनोरंजन की लालच छोड़ दो, एडिक्शन छूट जाएगा।


बेटी - *यदि किसी लड़की को किसी लड़के ने प्रपोज किया पहले, फिर कुछ दिन के बाद अब इग्नोर कर रहा है। लड़की अपमानित महसूस कर रही है फिर भी उससे लगाव व उसे मैसेज करना बंद नहीं कर पा रही। वह क्या करे?*


श्वेता - एक कहानी सुनो, एक तानाशाह लोगों पर अत्याचार करता, फिर भी लोग उसे सलाम करते। एक पड़ोसी राज्य के युवक को यह माजरा समझ नहीं आया। उसने तानाशाह से पूँछा, कि यह सब तुमने कैसे किया? तानाशाह ने डेमो दिखाया।


तानाशाह ने एक मुर्गी मंगवाई - उसे दाने डाले व उससे दोस्ती कर ली। फिर दूसरे दिन हाथ में दाना लेकर वह बैठा जब मुर्गी आयी तो उसने उसके पंख बड़ी दयाहीनता से नोचे व मुर्गी लहूलुहान हो गयी और उससे दूर भागने लगी। मुर्गी को पुनः उसने अगले दिन थोड़े दाने दिए और पुनः पास आने पर उसके समस्त पंख नोच डाले वह दर्द से तड़फ रही थी। अगले दिन पुनः उसे कुछ दाने डाले तो मुर्गी उसके पास आकर पुनः दाने चुगने लगी। 


तानाशाह ने युवक से कहा मेरे राज्य के लोग इस मुर्गी की तरह बेफकूफ है। थोड़े से लालच के कारण मेरे अत्याचार सहते हैं।


बेटी - जो लड़कियों को प्रेम में फंसा कर परेशान करते हैं क्या वो तानाशाह की तरह है।


श्वेता - हाँजी, ऐसे लड़के किसी लड़की को प्रेम व उसकी तारीफ़ के कुछ दाने डालते हैं, लड़की मुर्गी की तरह उनके जाल में फंसती है। फिर वो उनका शारीरिक मानसिक शोषण करते हैं। मुर्गी की तरह मानसिक यातना व अपमान सहने के बावजूद वो लड़की मूर्ख मुर्गी की तरह पुनः उस लड़के प्यार व तारीफ़ के दाने पाने की लालच में उसके पीछे लगी रहती है।


यदि तुम मूर्ख मुर्गी हो तो उस लड़के के इग्नोर करने व तुम्हे उपेक्षित करने के बाद भी उसके पीछे पड़ी रहो। बुद्धिमान हो तो स्वयं को सम्हालो और उससे प्यार पाने की लालच छोड़ दो। उसे छोड़ दो।


बेटी - मुझे लगता है कि मैं उसके बिना जी नहीं पाऊंगी..


श्वेता - कभी तुमने सुना है कि डॉक्टर ने किसी को कहा हो यह व्यक्ति मरने वाला है इसके प्रेमी/प्रेमिका को बुलाओ जिससे यह सांस ले सके? इसे दवा, इंजेक्शन, भोजन इत्यादि की जरूरत नहीं प्रेमी/प्रेमिका के आने मात्र से ठीक हो जाएगा।


बेटी - ऐसा तो कहीं नहीं सुना


श्वेता - फिल्में युवाओं का ब्रेन वाश करके सिखाती है कि जिससे प्रेम किया व न मिला तो जिया नहीं जायेगा। लेकिन हकीकत यह है कि तुम्हारी तरह पिछले सात साल से काउंसलिंग बहुत लड़के लड़कियों की किया है, जो तुम्हारी तरह डायलॉग मार रहे थे। उन सभी को जिन्हें प्रेमनहीँ मिला दूसरे से शादी की है। सब जिंदा है बाल बच्चे वाले है। नई जिंदगी में खुश है। फिल्मी जिंदगी से बाहर आओ, हकीकत की दुनिया मे प्रेम न मिलने से कोई मरता नहीं।


बेटी - *मैं खुद की सेल्फ रिस्पेक्ट कैसे करूँ? स्वयं को बेहतर कैसे बनाऊं?*


श्वेता - सेल्फ रिस्पेक्ट अर्थात अपने स्वयं के अस्तित्व व जीवन का सम्मान करना।


यदि वर्तमान समय व्यर्थ के कार्य मे या आलस्य में बर्बाद कर रही हो तो तुम अपने जीवन को असम्मानित कर रही हो। 


यदि स्वयं को ऊंचा उठाने के लिए पढ़ रही हो, अपने कैरियर बनाने के लिए सही दिशा में मेहनत कर रही हो तो तुम सेल्फ की रिस्पेक्ट कर रही हो। 


महिला हो तो निज का शशक्तिकरण व सम्मान भीख में नहीं मिलेगा। इसे निज योग्यता पात्रता बढाकर अर्जित करना पड़ेगा।


किसी लकीर को बिना छुए छोटा करना हो तो उसके सामने बड़ी लकीर खींच दो।इसी तरह जो समाज तुम्हें छोटा व लाचार समझ हीन मान रहा है, तुम उस समाज में स्वयं को ऊंचा उठाने के लिए प्रयत्नशील हो जाओ। जब तुम कुछ बन जाओगी, यह समाज तुम्हारे सामने झुक जाएगा।


मेरे पास या किसी अन्य के पास कोई जादुई गोली नही जिसे तुम पा सको, तुम उसे खाकर मोबाइल एडिक्शन से मुक्त हो जाओ, उस लड़के से प्रेम पाने की लालच छोड़ दो, आलस्य दूर हो जाये और तुम्हारा पढ़ाई में मन लगने लग जाय।


रस्सी जैसी बंधी है, ठीक उसके विपरीत खोलने से खुलेगी। समस्या जैसे उपजी है ठीक वैसे विपरीत विधि से सुलझेगी। लालच तो छोड़ना ही पड़ेगा।


विवेक जगाने में ग़ायत्री मन्त्र जप, अच्छी पुस्तको का स्वाध्याय और उगते सूर्य का ध्यान तुम्हारी मदद करेगा। 


🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

Wednesday 22 June 2022

प्रश्न - मासिक असौच के समय विशेष पर्व, जन्मदिन, विवाह दिन,करवा चौथ व विशेष त्यौहार के दिन पूजन कैसे करें?

 प्रश्न - मासिक असौच के समय विशेष पर्व, जन्मदिन, विवाह दिन,करवा चौथ व विशेष त्यौहार के दिन पूजन कैसे करें?


उत्तर - धर्म अनुसार मासिक अशौच में पूजन वर्जित है।


लेकिन यदि कोई विशेष दिन या पर्व है तब के लिए विधान - 


पूजन के दिन शुद्धि हेतु दस स्नान निम्नलिखित इन 10 चीजों से करे स्नान करें- मिट्टी, गाय का गोबर, गाय का दूध, गाय का घी, गाय का पंचगव्य, भस्म, अपामार्ग, कुशा+दूर्वा, शहद एवं गंगाजल आदि 10 पदार्थो से स्नान किया जाता है। आयुर्वेद में मृतिका, भस्म, गोमय, कुशा, दूर्वा आदि सभी स्वास्थ्यवर्द्धक एवं रोगनाशक मानी गई है।


यदि यह दस्य स्नान सम्भव नहीं है तो तुलसी के वृक्ष के नीचे  की एक चुटकी मिट्टी घर मे किसी से मांग ले। उस मिट्टी को एक बाल्टी पानी मे घोल ले। सिर धोकर नहा लें।


स्नान के वक्त निम्नलिखित मन्त्र पढ़े :-


स्नान मंत्र - गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति।। नर्मदे सिन्धु कावेरि जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।


ॐ ह्रीं गंगायै, ॐ ह्रीं स्वाहा 

कहा जाता है इस मंत्र का जाप नहाते समय करना चाहिए और इस मंत्र का अर्थ ये है कि, ''हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी नदियों! मेरे स्नान करने के इस जल में आप सभी पधारिए।'' मुझे शुद्ध व पवित्र कीजिये।


साफ वस्त्र इत्यादि पहन कर पूजन कर लें। स्नान के बाद 6 घण्टे तक यह स्नान शुद्धि देता है। उसके बाद भी यदि पूरे दूसरे वक्त भी पूजन करना है तो पुनः इस विधि से स्नान कर दूसरे साफ धुले वस्त्र पहन कर पूजन करें।

श्रावणी स्नान समय - ब्रह्मुहूर्त - सूर्योदय से पहले। तीर्थ नदी में या घर में निम्नलिखित विधि से..

 श्रावणी स्नान समय - ब्रह्मुहूर्त - सूर्योदय से पहले। तीर्थ नदी में या घर में निम्नलिखित विधि से..


जाने-अंजाने में हुई गलतियां के पापों से मुक्ति के लिए दस स्नान निम्नलिखित इन 10 चीजों से करे स्नान करें- मिट्टी, गाय का गोबर, गाय का दूध, गाय का घी, गाय का पंचगव्य, भस्म, अपामार्ग, कुशा+दूर्वा, शहद एवं गंगाजल आदि 10 पदार्थो से स्नान किया जाता है। आयुर्वेद में मृतिका, भस्म, गोमय, कुशा, दूर्वा आदि सभी स्वास्थ्यवर्द्धक एवं रोगनाशक मानी गई है।


स्नान के वक्त निम्नलिखित मन्त्र पढ़े :-


स्नान मंत्र - गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति।। नर्मदे सिन्धु कावेरि जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।

कहा जाता है इस मंत्र का जाप नहाते समय करना चाहिए और इस मंत्र का अर्थ ये है कि, ''हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी नदियों! मेरे स्नान करने के इस जल में आप सभी पधारिए।''

Wednesday 15 June 2022

अध्यात्म विद्या का प्रवेश द्वार पुस्तक अनुसार :- ईश्वरीय सत्ता के चार स्वरूप

 अध्यात्म विद्या का प्रवेश द्वार पुस्तक अनुसार :- ईश्वरीय सत्ता के चार स्वरूप


ब्रह्म निराकार है और मनुष्य के पूजन पाठ से उसे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। उसे केवल ध्यान से आकृष्ट किया जा सकता है। वह प्रकाशित ऊर्जा है। सृजन व प्राण प्रवाह इनका मुख्य कार्य है।इनकी सत्ता व प्रभाव सब जीवों के लिए समान है।


ईश्वर (पुरुष - शिव) न्यायाधीश है कर्म के अनुसार फल देता है। गलत कर्म से गलत परिणाम और अच्छे कर्म का अच्छा परिणाम सुनिश्चित करता है। तदनुसार हमारी नियति लिखता है। इनकी सत्ता व प्रभाव सब जीवों के लिए समान है।


विष्णु (प्रकृति) - संतुलन व पोषण के देवता। सृष्टि का संतुलन व पोषण करना इनका कार्य है। इनकी सत्ता व प्रभाव सब जीवों के लिए समान है।


भगवान - भगवान का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं है। भगवान साकार है। भगवान भक्त की तप, भक्ति, श्रद्धा व विश्वास से जुड़ा व निर्मित होता है। यह बीज रूप में प्रत्येक व्यक्ति के अंदर होता है, जिसे वृक्ष मनुष्य को अपने तप, भक्ति, श्रद्धा व विश्वास से बनाना पड़ता है। इसलिए इसका अस्तित्व व प्रभाव सबके लिए समान नहीं। इसलिए मीरा व सूर का कृष्ण पत्थर से जीवंत हो उठा व उनके साथ नृत्य करता है, अन्य लोगों के मंदिर में रखी कृष्ण की मूर्ति पत्थर ही है क्योंकि उनकी तप, भक्ति, श्रद्धा व विश्वास जीवंत नहीं। किसी की ग़ायत्री फलीभूत हो रही है और किसी अन्य की नहीं। एक ही कारण है, जिसकी जितनी तप,भक्ति, श्रद्धा व विश्वास है वह उतने ही अंशो में अपने भगवान से लाभ ले सकेगा।


🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

Thursday 9 June 2022

त्रिफ़ला के जल से आंख धोना..

 त्रिफ़ला के जल से आंख धोना..


हम माँ भगवती प्राकृतिक चिकित्सालय ग़ायत्री तपोभूमि मथुरा में 1 जून से 7 जून तक थे। वहां हमने आंखों की ज्योति बढाने व आंख को रिलेक्स करने के लिए उत्तम विधि सीखी जिसे त्रिफला जल से आँख धोना कहते हैं। शाम को जल में त्रिफ़ला (आमलकी, बहेड़ा और हरीतकी) भिगोना है। सुबह बारीक कपड़े से छानना है। निम्नलिखित विडियो में बताई विधि से करना है। आई कप अमेज़न से ऑनलाइन मंगवा सकते हैं। त्रिफ़ला पावडर आप ग़ायत्री तपोभूमि मथुरा या शांतिकुंज से खरीद सकते हैं। आप पतंजलि के त्रिफ़ला चूर्ण का भी प्रयोग कर सकते हैं।


Youtube link -

https://youtu.be/U_HD1tG3Bq4


Online Amazon link to purchase eye wash cup -

Nettie आई वॉश कप फ़्री आई एक्सरसाइज लीफ के साथ - 2 का पैक (पारदर्शी) https://amzn.eu/d/9FkeC8P


कम्प्यूटर में काम करने वाले व पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह अत्यंत उपयोगी है।


सभी से अनुरोध है, वर्ष में एक बार प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ ग़ायत्री तपोभूमि या देवसंस्कृति विश्वविद्यालय जाकर अवश्य लें।


ग़ायत्री तपोभूमि में प्राकृतिक चिकित्सा हेतु आवेदन हेतु आदरणीय अनिल पाठक भैया को इस नम्बर पर सम्पर्क करें - 9837048880


💐श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

वजन कम करने व पीरियड्स के दिनों में दर्द से राहत हेतु ठंडा गर्म सेंक व साबुत धनिये यानी धनिया के दानें (Coriander Seeds) का जल हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।

 वजन कम करने व पीरियड्स के दिनों में दर्द से राहत हेतु ठंडा गर्म सेंक व साबुत धनिये यानी धनिया के दानें (Coriander Seeds) का जल हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।


हम 1 जून 2022 से 7 जून 2022 तक माँ भगवती प्राकृतिक चिकित्सालय मथुरा में थे, डॉक्टर अमृते जी के मार्गदर्शन में हम सभी को ट्रीटमेंट मिल रहा था।


उन्होंने बताया कि जिन महिलाओं व कन्याओं को पीरियड में अत्यंत दर्द होता है या अनियमित होता है उनके लिए यह धनिये का जल अत्यंत उपयोगी है। साथ ही 3 मिनट गर्म व 1 मिनट ठंडी सेंक पेट में दर्द से तुरंत राहत देगा। ऐसा तीन बार फिर अंत में 3 मिनट गर्म व तीन मिनट ही ठंडी सेंक करें।


पीरियड के साथ साथ पेट की समस्त बीमारी में लाभदायक है, ठंडा गर्म सेंक करने की विधि इस वीडियो से सीखें। आप टॉवल की मदद से भी कर सकते हैं और यदि आपके पास रबर के हॉट वाटर व कोल्ड वाटर के पैकेट हो तो उनसे भी कर सकते हैं :-


यूट्यूब लिंक सिंकाई सीखने के लिए

https://youtu.be/ql26NUvbHKw



यूट्यूब लिंक धनिया पानी बनाना सीखने के लिए

https://youtu.be/i17j9ZIQdBM


धनिये के जल का सेवन पीरियड की समस्या दूर करता है और हमारी त्वचा को भी निखारता है, बल्कि वजन को नियंत्रित रखने में भी मदद करता है.साबुत धनिये को पानी में उबालकर पीने से कई फायदे होते हैं. इसमें मौजूद पोटैश‍ियम, कैल्‍श्यिम, विटामिन सी और मैग्‍नीजियम हमारे शरीर को बीमारियों से दूर रखता है.आज हम आपको धनिये के पानी से होने वाले फायदों के बारे में बताएंगे. 


साबुत धनिये के पानी से होने वाले 6 फायदे


1. वजन कम करने में कारगर


वजन कम करने के लिए धनिये का पानी पीना चाहिए. इसके लिए धनिये के दानों को पानी में डालकर उबाल ले. जब पानी आधा रह जाए तो इसे छान लें. इस पानी को पीने से वजन कम होगा. हर रोज दो बार जरूर पिएं.


2. कॉलेस्ट्रोल घटाने में करता है मदद


धनिये का पानी पीने से कॉलेस्ट्रॉल कम होता है, इस पानी से कॉलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है. जिन लोगों का कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा होता है उन्हें इसका सेवन करना चाहिए.


3. पेट की बीमरी का रामबाण


जिन लोगों को पेट से संबंधित कोई परेशानी होती है उनके लिए धनिया का पानी फायदेमंद होता है. पेट दर्द में धनिा का पानी पीने से राहत मिलती है. जिन लोगों को एसिडिटी की परेशानी है उन्हें धनिया के साथ-साथ जीरा, चाय पत्ती और शक्कर डालकर पका लेना चाहिए. इस पानी को पीने से एसिडिटी में आराम मिलता है. 


4. डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद


धनिए का पानी डायबिटीज में आराम देता है. जिन लोगों को डायबिटीज की शिकायत है उन्हें इसका पानी पीना चाहिए. इसे पीने से खून में इंसुलिन की मात्रा सही रहती है, जिससे डायबिटीज नियंत्रण में रहती है. 


5. आंखों को देता है आराम


जिन लोगों को आंखों में जलन या आंखों से पानी आने की समस्या है, वे धनिया के थोड़े से बीज पीस कर पानी में उबाल लें. इस पानी को ठंडा करके मोटे कपड़े से छान लें और इसकी दो बूंदे आंखों में टपकाएं. इससे आराम मिलेगा.


6. पीरियड्स की दवा है धनिया


जिन महिलाओं में पीरियड्स संबंधी परेशानी है. जिन्हें पीरियड्स समय से नहीं आते, या साधारण से ज्यादा होते हैं, उन्हें धनिए के पानी में चीनी डालकर पीने से फायदा होता है|



सभी से अनुरोध है, वर्ष में एक बार प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ ग़ायत्री तपोभूमि या देवसंस्कृति विश्वविद्यालय जाकर अवश्य लें।


ग़ायत्री तपोभूमि में प्राकृतिक चिकित्सा हेतु आवेदन हेतु आदरणीय अनिल पाठक भैया को इस नम्बर पर सम्पर्क करें - 9837048880


💐श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

Thursday 2 June 2022

प्रश्न - ग़ायत्री चालीसा 9 दिन करने के क्या लाभ हैं?

 प्रश्न - ग़ायत्री चालीसा 9 दिन करने के क्या लाभ हैं?


उत्तर - चालीस पदों में जब ईश्वर के गुणों और शक्तियों का वर्णन करते हुए उन की स्तुति-प्रार्थना की जाती है, उनके गुणों को स्वयं में धारण करने की चाह की जाती है। तब उसे चालीसा कहते हैं।


उदाहरण - ग़ायत्री चालीसा, हनुमान चालीसा, शिव चालीसा इत्यादि


धातु हो या शब्द या भाव यदि बार बार रगड़े गए या बोले गये या चिंतन किये गए तो वह ऊर्जा उतपन्न करेंगे ही।


आप दोनो हाथ बार बार रगड़ो तो भी ऊर्जा का सृजन हो जाएगा। पत्थर रगड़ो तो आग उतपन्न हो जाएगी।


9 दिन में 108 चालीसा पाठ से हम एक तरह का संकल्पित अनुष्ठान करते हैं। 40*108= 4320 पद हम पाठ करते हैं।


ईश्वरीय स्तुति बारम्बार करने से हमारी चेतना ईश्वरीय गुणों से ओतप्रोत होने लगती है व इन दैवीय शब्दो के बार बार बोलने से उतपन्न घर्षण से ऊर्जा उतपन्न होती है।


इस ऊर्जा का सकाम उपयोग या निष्काम उपयोग कर सकते हैं।


इस बार यह ऊर्जा लोकहित लगाएं - मनुष्य में देवत्व के उदय और धरती पर स्वर्ग अवतरण के लिए स्वयं को योग्य बनाने हेतु उपयोग करें।


जीवन में व्यक्ति कई तरह की समस्याओं से मनुष्य परेशान रहता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार कई तरह के दोष होते हैं, जिनकी वजह से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। इन सभी समस्याओं का समाधान श्री ग़ायत्री चालीसा में है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रोजाना ग़ायत्री चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को जीवन में किसी भी तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। ग़ायत्री कलियुग की कामधेनु है, ग़ायत्री माता की चालीसा इस कलयुग में जीवन की समस्त समस्याओं का आध्यात्मिक मनोवैज्ञानिक समाधान हैं। माता ग़ायत्री जी की असीम कृपा जिस व्यक्ति पर हो जाए, उसका जीवन आनंद से भर जाता है। ग़ायत्री चालीसा की हर पंक्ति महामंत्र है। हर व्यक्ति को रोजाना ग़ायत्री चालीसा का पाठ करना चाहिए। 


🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद्यमहे’, ' धीमही’ और 'प्रचोदयात्’ का क्या अर्थ है?

 प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद...