Friday 16 March 2018

कालरात्रि का ध्यान -सातवां दिन

*कालरात्रि का ध्यान -सातवां दिन*

*ध्यान* - आज माँ का आवाह्न मन में बसे जन्मजन्माँतर के उन विकारों के नाश के लिए करना है, जो हमें परेशान करके रखें है। भावना कीजिये हमारे विकारों, दोष, दुर्गुण, पाप को माँ कालरात्रि खड्ग के प्रहार से नष्ट कर रही हैं। हमें विकार मुक्त कर रही हैं। हमारे समस्त विकारों की कालिमा को नष्ट करके, हमें पवित्र और निर्मल बना रही हैं। माँ का यह ध्यान रात्रि सूर्यास्त के बाद करना उत्तम रहेगा।

माँ हमें निर्मल कर माँ गौरी के दिव्य रूप में परिवर्तित हो गयी, उसी तरह जैसे गन्दगी में पड़े बच्चे को माँ डाँट डपटकर साफ़ करती है, नहला धुलाकर साफ़ वस्त्र पहनाती है। फ़िर स्वयं स्वच्छ वस्त्र पहन लेती है।

भावना कीजिए क़ि माँ ने आपकी मन की गन्दगी साफ़ करके, आपको अंदर बाहर से पवित्र कर, माँ गौरी का रूप ले लिया है। और आपको अपनी गोद में लेकर प्यार कर रही हैं। इस ध्यान में खो जाइये।

या देवी सर्वभूतेषु, कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु, निद्रा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु, मातृ रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

ॐ भूर्भुवः स्वः क्लीं क्लीं क्लीं तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात क्लीं क्लीं क्लीं ॐ।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाईन इंडिया यूथ एसोसिएशन

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