Wednesday, 16 January 2019

प्रश्न - *दी, मुझे लगता है, मैं पागल हो जाऊँगा। बचपन मे पिता के देहांत के बाद लोगों द्वारा यौन शोषण का शिकार बना। हाई डिप्रेशन में पढ़ न सका। किसी तरह नौकरी की और शादी की वो भी सम्हाल न सका। क्योंकि पुरानी घृणित यादों से स्वयं को बाहर नहीं निकाल पाया। मल्टीपल बीमारी से ग्रसित हो गया हूँ। साथ में O. C. D. और M.D.D. भी है। मेरी दवाईयों का प्रत्येक माह बहुत बड़ा ख़र्च है, एक वर्ष से जॉबलेस हूँ। मेरा क्या होगा, समझ नहीं आ रहा।*

प्रश्न - *दी, मुझे लगता है, मैं पागल हो जाऊँगा। बचपन मे पिता के देहांत के बाद लोगों द्वारा यौन शोषण का शिकार बना। हाई डिप्रेशन में पढ़ न सका। किसी तरह नौकरी की और शादी की वो भी सम्हाल न सका। क्योंकि पुरानी घृणित यादों से स्वयं को बाहर नहीं निकाल पाया। मल्टीपल बीमारी से ग्रसित हो गया हूँ। साथ में O. C. D.  और  M.D.D. भी है। मेरी दवाईयों का प्रत्येक माह बहुत बड़ा ख़र्च है, एक वर्ष से जॉबलेस हूँ। मेरा क्या होगा, समझ नहीं आ रहा।*

उत्तर - आत्मीय भाई, आपका असीम कष्ट है और बहुत कठिन प्रारब्ध है। यह आपका प्रायश्चित शरीर है। इससे उबरने का उपाय बताने से पहले आप जैसे कठिन प्रारब्ध को झेलने वाले लोगों की महान गाथा सुनिये:-

दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जिनकी पहचान उनके शरीर से नहीं काम से होती है। फिजिकल डिसएबल हुए तो क्‍या हुआ इन्‍होंने काम ऐसा किया है कि आप तारीफ करते नहीं थकेंगे। अगर आप चाहें तो इनसे प्रेरणा लेकर अपनी जिदंगी की नई शुरुआत कर सकते हैं। आइए जानें कौन हैं वो 11 महान शख्‍सियतें जिन्‍होंने शारीरिक कमजोरी के बावजूद सफलता के झंडे गाड़े।

1. *Stephen Hawking* :
दुनिया के महान भौतिकशास्‍त्री स्‍टीफन हॉकिंग किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। फिजिक्‍स के क्षेत्र में स्‍टीफन हॉकिंग ने काफी काम किया है। ऑक्सफोर्ड में अपने अंतिम वर्ष के दौरान हॉकिंग अक्षमता के शिकार होने लगे। उन्हें सीढ़ियाँ चढ़ने और नौकायन में कठिनाइयों का समाना करना पड़ा। धीरे-धीरे यह समस्याएं इतनी बढ़ गयीं कि उनकी बोली लड़खड़ाने लगी। अपने 21 वें जन्मदिन के शीघ्र ही बाद, उन्हें Amyotrophic Lateral Sclerosis (ALS) नामक बीमारी से ग्रसित पाया गया। फिलहाल वह कुछ भी बोल या चल पाने में अक्षम हैं लेकिन सिर्फ दिमाग चलता है।
2. *Helen Keller* :
हेलन केलर अमेरिका की मशहूर लेखक और एक्‍टीविस्‍ट थीं। हेलन केलर जन्‍म से अंधी और बहरी थीं। इसके बावजूद उन्‍होंने कभी हार नहीं मानी। हेलन पहली अंधी और बहरी महिला थीं जिन्‍होंने आर्ट्स में बैचलर डिग्री हासिल की थी।
3. *John Nash* :
जॉन नेश अमेरिका के जाने-माने गणितज्ञ थे। जॉन का पिछले साल ही निधन हुआ था। जॉन paranoid schizophrenia बीमारी से ग्रसित थे। यह बीमारी सीधे दिमाग पर असर डालती है और पीड़ित के सोचने और महसूस करने के तरीकों पर प्रभाव डालती है। इसके बावजूद जॉन गणित के सवालों में डूबते गए। जॉन को जियोमेट्री और कैलकुलस का ज्ञाता माना जाता है। इन पर फ़िल्म भी बनी है, A beautiful mind.
4. *Christy Brown* :
क्रिस्‍ट्री ब्राउन महान आइरिश लेखक थे। क्रिस्‍ट्री मस्‍तिष्‍क पक्षाघात (cerebral palsy) से ग्रसित थे। इसके बावजूद क्रिस्‍ट्री ने लिखना नहीं छोड़ा। वह पैरों से टाइप किया करते थे। यही नहीं क्रिस्‍ट्री को ऑटोबॉयोग्रॉफी 'My Left Foot' के लिए भी काफी सराहा जाता है।
5. *Demosthenes* :
एथेंस के महान वक्‍ता डेमोस्‍थेंस का जन्‍म 384 बीसी में हुआ था। डेमोस्‍थेंस की स्‍पीच सुनने के लिए लोग घंटो खड़े रहते थे। उनकी बातें लोगों को बहुत प्रभावित करती थीं। लेकिन डेमोस्‍थेंस को stammer नामक बीमारी थी, यानी कि वह हकलाते थे। फिर भी दुनिया उन्‍हें महान वक्‍ता के रूप में पहचानती है।
6. *Vincent van Gough* :
विन्‍सेंट वैन एक महान पेंटर थे। उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग्‍स लोगों के दिमाग से उतरनी नहीं थी। हालांकि जिंदगी के आखिरी पडाव में उनका दिमाग कमजोर होने लगा और वह डिप्रेशन में चले गए थे। इसके बावजूद उनका पेंटिंग्‍स बनाने का शौक कम नहीं हुआ।
7. *Beethoven* :
जर्मनी के महान संगीतकार बीथोवेन के म्‍यूजिक की दुनिया दीवानी थी। हालांकि बीथोवेन जन्‍म से बहरे थे। इसके बावजूद उन्‍होंने एक से बढ़कर एक धुनें ईजाद की थीं।
8. *Frida Kahlo* :
अक्‍सर आपने किसी दूसरे की पेंटिंग या पोट्रेट बनते देखा होगा। लेकिन मैक्‍िसको में रहने वाली महान चित्रकार फ्रीडा काहलो को अपनी पोट्रेट बनाने में महारत हासिल थी। वैसे आपको बता दें कि फ्रीडा पोलियो से पीड़ित थीं। फिर भी उनका पेंटिंग करने का शौक खत्‍म नहीं हुआ।
9. *Marla Runyan* :
अमेरिका की मशहूर धावक मारला रुनयान 9 साल की उम्र में Stargardt’s Disease रोग से पीड़ित हो गई थीं। जिसके बाद उनके आंखों की रोशनी चली गई। इसके बावजूद मारला एक महान रनर और उन्‍होंने ओलिंपिक में भी हिस्‍सा लिया। मारला तीन बार महिला 5000 मीटर वर्ग में नेशनल चैंपियन भी रहीं।
10. *Sudha Chandran* :
सुधा चंद्रन इंडियन एक्‍ट्रेस और क्‍लॉसिकल डांसर हैं। सुधा का जन्‍म केरल में हुआ था। वह जब 16 साल की थीं, तब एक दुर्घटना का शिकार हो गईं थी। डॉक्‍टर्स ने पैर का ऑपरेशन किया लेकिन घाव पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए। जो बाद में इंफेक्‍शन का कारण बना और सुधा को अपना एक पैर खोना पड़ा। सुधा ने इसे अपनी कमजोरी नहीं माना और नकली पैर की बदौलत एक बेहतरीन डांसर बनकर उभरीं।
11- *अमृता एक हिजड़ा भी और एक अफ़सर भी* - बचपन से यौन शोषण का शिकार हुई, इतनी बेइज्जती और अपमान को सहते हुए पढ़ाई पूरी की। भीख न मांगने की जिद और कुछ कर गुजरने की चाहत ने उसे हज़ारो का सहारा बना दिया। इस वीडियो लिंक में जाकर अमृता का दर्द और उसके संघर्ष की कहानी स्वयं सुनो।

https://youtu.be/-bYHed7PM1o

🙏🏻 *अब स्वयं से पूंछो कि कब तक समस्या गिनोगे? रोना है या कुछ कर गुज़रना है।*

पापी लोग जिन्होंने तुम्हें परेशान किया उन्हें उनके पाप का दण्ड परमात्मा देगा। खौलते तेल में यमराज उन्हें तलेगा। एक बालक के यौन शोषण का उन्हें घोर दण्ड मिलेगा।

लेकिन मेरे भाई, अपनी कमज़ोरी से तो तुम्हें स्वयं ही लड़ना होगा। अपनी बीमारियों और तकलीफों से लड़ना होगा। भगवान भी उसी की सहायता करता है जो अपनी सहायता स्वयं करता है।

बीज से पौधा भगवान निकालेगा, लेकिन खेत को तैयार करके, खाद पानी देकर और बुआई का श्रम तो मनुष्य को ही करना पड़ेगा। बिना फ़सल बोए बीज से पौधे न निकलने पर भगवान को दोष देना व्यर्थ है।

*ख़ुद बेसहारा हो तो किसी का सहारा बनो, किसी NGO को जॉइन करो और फ़्री में कुछ समय समाज के दुःखी पीड़ितों की सेवा करो। वृद्धों और पीड़ितों की सेवा करो। सेवा से प्रारब्ध कटेंगे।*

पूर्ण विश्वास के साथ तुलसी माता से नित्य प्रार्थना करो और अपने रोग को सुनाओ। सुबह तीन पत्ती तोड़कर खा लो और तीन पत्ती तकिए के नीचे रखकर सोना।

यदि सम्भव हो तो देवसंस्कृति विश्वविद्यालय से OCD के उपचार की यज्ञ सामग्री लाकर सुबह शाम यज्ञ करो। यदि यह न हो सके तो एक खाली कटोरी में एक एक चम्मच जल डालकर यज्ञ करो और सूर्य भगवान को वो जल चढ़ा दो।

अधिक से अधिक गायत्री जप और महामृत्युंजय मंत्र जपो। यदि बड़े मंन्त्र को दिनभर न जप सको तो गायत्री का अजपा जप *सो$हम* जपो। श्वांस लेते समय *सो* और छोड़ते वक्त *हम* मन ही मन बोलो। ज्यादा से ज्यादा ध्यान करो। नज़दीकी गायत्री शक्तिपीठ मे यज्ञ में सम्मिलित हो, स्वाध्याय ज्यादा से ज्यादा करो। साहित्य स्टॉल में समयदान करो। निःश्वार्थ सेवा से ही प्रारब्ध कटेंगे।

*अपनी समस्या स्वयं को ही हल करनी होती है, राह स्वयं को ही तलाशना होता है।*

स्वयं से नित्य बोलो कि हार नहीं मानोगे। कुछ करके दिखाओगे। जो बुरा होना था हो गया, अब सब अच्छा होगा।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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