Sunday, 3 June 2018

प्रश्न- *क्यों विश्वामित्र जी बल प्रयोग से समस्त मनोकामना पूर्ति करने वाली नन्दिनी को वशिष्ठ जी से जबरजस्ती नहीं ले पाएं?

प्रश्न- *क्यों विश्वामित्र जी बल प्रयोग से समस्त मनोकामना पूर्ति करने वाली नन्दिनी को वशिष्ठ जी से जबरजस्ती नहीं ले पाएं? क्यों विश्वामित्र ने ब्रह्म तेज बल को भौतिक बुद्धि और शस्त्र बल से बड़ा कहा?*

*धिक बलम् छत्रिय बलम्, ब्रह्म तेजो बलम् बलम्।।*

( *विनम्र अनुरोध* - यह पोस्ट केवल 24 हज़ार मन्त्र अनुष्ठान कर चुके या नित्य उपासना करने वाले साधक ही पढ़े, कृपया अन्य कोई न पढ़े)

*प्रवचनकर्ता - परमपूज्य गुरुदेव*
*स्थान - गायत्री तपोभूमि मथुरा*
*विषय - गायत्री महाविद्या की उच्चस्तरीय साधना*

आत्मीय देवियों भाइयों, अब हमें लगता है कि आप उपासना की उच्च कक्षा में प्रवेश के योग्य हो गए हैं। अब आपकी मनःस्थिति गायत्री के दर्शन, शिक्षाएं और प्रेरणाओं को समझने योग्य हो गया है।

अब समय आ गया है कि क्यों विश्वामित्र जी बल प्रयोग से समस्त मनोकामना पूर्ति करने वाली नन्दिनी को वशिष्ठ जी से जबरजस्ती नहीं ले पाएं इसे समझने का...

पुराणों में लिखी कहानियां एक गूढ़ सन्देश देती हैं, उन्हें समझने के लिए थोड़ी योग्यता चाहिए...जैसे लोमड़ी और कौवे की कहानी...कौवे की रोटी देख लोमड़ी ने उसके स्वर की प्रसंशा कर गीत गाने का अनुरोध किया...कौवा झूठी प्रसंशा में फूला... गाने के लिए मुंह खोला...रोटी गिर गयी लोमड़ी रोटी खा के भाग गयी...

*सन्देश- झूठी प्रसंशा और चापलूसी से बचें*

लेकिन लोमड़ी और कौवे आपस मे कभी बात नहीं करते न एसी घटना कभी घटी और कोई पेन लेकर उस दृश्य को देख के कुछ लिखा। काल्पनिक कहानी और लेकिन जीवन सन्देश देने के उद्देश्य से लिखी गयी।

गायत्री ऋतम्भरा प्रज्ञा है, कलियुग की कामधेनु नन्दिनी है। वशिष्ठ जी की तरह यह नन्दिनी आपकी भी हो सकती है, लेकिन किसी से जबजस्ती छीनी नहीं जा सकती।

*विराट कोहली या सचिन तेंदुलकर से आप बैट छीन सकते हो, लेकिन उनका क्रिकेट खेलने का हुनर छीना नहीं जा सकता। वो तो अभ्यास/तप से ही आयेगा।*

इसी तरह *वशिष्ठ की कामधेनु नन्दिनी उनके तपस्या का प्रतीक थी जो तप करके तो पाई जा सकती है लेकिन छीनी नहीं जा सकती।* अस्त्र छीने जा सकते है लेकिन योद्धा का तप, कुशलता, साहस, आत्मबल भला कैसे छीनोगे?

*विश्वामित्र की कहानी का आध्यात्मिक सन्देश यह है कि गायत्री से प्राप्त तप शक्ति नन्दिनी गाय की तरह विश्वामित्र के सैनिकों को परास्त कर सकती अर्थात विपत्ति पाप, ताप, रोग, संताप, कष्ट और अभाव हमारे जीवन के मार के भगा सकती है।*

जड़ से चेतन की शक्तियां हज़ार गुनी ज्यादा हैं। चेतना की अपरिमित शक्ति जिसे आत्मबल कहते है वो यदि हमारे पास हो तो उसका कहना ही क्या? फिर तो संसार और अध्यात्म दोनों क्षेत्रों में सफ़लता सुनिश्चित है।

नोट - इस प्रवचन को पूरा पढ़ने के लिए पुस्तिका - जन्मशताब्दी पुस्तकमाला 70, *गायत्री महाविद्या की उच्चस्तरीय साधना* (प्रवचन) पढ़े, यह पॉकेट छोटी पुस्तिका निम्नलिखित शक्तिपीठ पर एक महानअंशदानी के सौजन्य से मुफ्त उपलब्ध करवाई गई है। जिसे आप रविवार यज्ञ में सम्मिलित होकर कभी भी फ्री कलेक्ट कर सकते हैं। इस पुस्तिका में वर्णित ब्रह्मबल के ज्ञान विज्ञान उच्चस्तरीय साधना को स्वयं भी पढ़े और दूसरों को भी फ्री दें पढ़ने के लिये:-

पता -
Shri Gayatri Sadhna Mandir

A Block, Vipul World, Sector 48, Gurugram, Haryana 122018

https://g.co/kgs/yKyrXf

(For google Map click the link)

इस शक्तिपीठ पर समस्त अन्य साहित्य 50% डिस्काउंट पर उपलब्ध है। दो हज़ार से अधिक साहित्य की फ्री होम डिलीवरी भी उपलब्ध है। साहित्य विस्तार से जुड़ने के लिए आदरणीय अजीत देशवाल भैया से सम्पर्क करें - +919810929745

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

No comments:

Post a Comment

डायबिटीज घरेलू उपाय से 6 महीने में ठीक करें - पनीर फूल(पनीर डोडा)

 सभी चिकित्सक, योग करवाने वाले भाइयों बहनों, आपसे अनुरोध है कि आप मेरे डायबटीज और ब्लडप्रेशर ठीक करने वाले रिसर्च में सहयोग करें। निम्नलिखित...