प्रश्न - *उम्र ज्यादा होने की वजह से कमर और घुटने में दर्द है। बेटा मासपरायण में जप कैसे करूँ? और क्या नियम अपनाऊँ*
उत्तर - माता जी एक साफ कम्बल ले लीजिए उसे बैठने वाली चेयर या मूढढे पर कुछ इस तरह बिछाएं कि आधा चेयर पर हो और आधा निचे। जिससे जब आप उस पर बैठें तो आपके शरीर का कोई भी अंग पैर सहित सबकुछ कम्बल पर ही रहे। अब कोई शॉल या सोफ़े की तकिया से कमर को सहारा दे दें। अब आराम से भगवान के समक्ष मन्दिर में चेयर लगा के या मूढढे में बैठ के जप क्रम पूरा कर लें।
माता जी रात का भोजन गैस बनाता है, और वो जोड़ो में जमा होता है। इससे ही जोड़ो और कमर में दर्द रहता है। अतः सुबह सूक्ष्म व्यायाम जरूर करें, इससे जोड़ो में जमी गैस निकल जायेगी। शरीर चुस्त दुरुस्त रहेगा। वाक जरूर करें।
सुबह खाली पेट दो ग्लास गुनगुना पानी पियें।
भोजन दोनों वक़्त 4-4 ग्रास लें। दूध दही छाछ और फल का जूस लेते रहें।
स्वाध्याय में चेतना की शिखर यात्रा पढ़े। बहु बेटे या पोता पोती कोई गलती भी करें, तो क्रोध मत करना, अन्यथा पुण्यफ़ल आपका खर्च हो जाएगा। याद रखिए आप घर पर होकर भी घर पर नहीं है, आपकी चेतना शान्तिकुंज में ही है।
दवा रेगुलर वाली लेते रहें। अंकल जी को भी मासपारायण के लिए प्रेरित करें।
सोते वक़्त गोल तकिए पर पैर रख के सोए, और पैर में और नाभि में सरसों का तेल लगा के सोएं। आत्मबोध -तत्त्वबोध के साथ योगनिद्रा लें।
चरण स्पर्श कर प्रणाम🙏🏻
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - माता जी एक साफ कम्बल ले लीजिए उसे बैठने वाली चेयर या मूढढे पर कुछ इस तरह बिछाएं कि आधा चेयर पर हो और आधा निचे। जिससे जब आप उस पर बैठें तो आपके शरीर का कोई भी अंग पैर सहित सबकुछ कम्बल पर ही रहे। अब कोई शॉल या सोफ़े की तकिया से कमर को सहारा दे दें। अब आराम से भगवान के समक्ष मन्दिर में चेयर लगा के या मूढढे में बैठ के जप क्रम पूरा कर लें।
माता जी रात का भोजन गैस बनाता है, और वो जोड़ो में जमा होता है। इससे ही जोड़ो और कमर में दर्द रहता है। अतः सुबह सूक्ष्म व्यायाम जरूर करें, इससे जोड़ो में जमी गैस निकल जायेगी। शरीर चुस्त दुरुस्त रहेगा। वाक जरूर करें।
सुबह खाली पेट दो ग्लास गुनगुना पानी पियें।
भोजन दोनों वक़्त 4-4 ग्रास लें। दूध दही छाछ और फल का जूस लेते रहें।
स्वाध्याय में चेतना की शिखर यात्रा पढ़े। बहु बेटे या पोता पोती कोई गलती भी करें, तो क्रोध मत करना, अन्यथा पुण्यफ़ल आपका खर्च हो जाएगा। याद रखिए आप घर पर होकर भी घर पर नहीं है, आपकी चेतना शान्तिकुंज में ही है।
दवा रेगुलर वाली लेते रहें। अंकल जी को भी मासपारायण के लिए प्रेरित करें।
सोते वक़्त गोल तकिए पर पैर रख के सोए, और पैर में और नाभि में सरसों का तेल लगा के सोएं। आत्मबोध -तत्त्वबोध के साथ योगनिद्रा लें।
चरण स्पर्श कर प्रणाम🙏🏻
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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