Friday, 24 August 2018

प्रश्न- *दी, रक्षा बंधन की विधि और शुभमुहूर्त बतायें* उत्तर - आत्मीय बहन *राखी बांधने के मुहूर्त- रविवार 26

प्रश्न- *दी, रक्षा बंधन की विधि और शुभमुहूर्त बतायें*

उत्तर -  आत्मीय बहन *राखी बांधने के मुहूर्त- रविवार 26 अगस्त 2018* इस प्रकार है:-

सुबह 7:43 बजे से 9:18 बजे तक चर

सुबह 9:18 बजे से लेकर 10:53 बजे तक लाभ

सुबह 10:53 बजे से लेकर 12:28 बजे तक अमृत

दोपहर 2:03 बजे से लेकर 3:38 बजे तक शुभ

सायं 6:48 बजे से लेकर 8:13 बजे तक शुभ

रात्रि 8:13 बजे से लेकर 9:38 बजे तक अमृत

रात्रि 9:38 बजे से लेकर 11:03 बजे तक चर

👉🏼👉🏼🙏🏻 *राखी बांधने की विधि*

सबसे पहले बहनों का सुबह- सुबह पूजा की थाल तैयार कर लेनी चाहिए। उपरोक्त मुहूर्त में से किसी भी मुहूर्त में सुविधानुसार राखी बांधे।

इस थाल में रोली, मिठाई, कुमकुम,रक्षा सूत्र, अक्षत, पीला सरसों ,दीपक और राखी हो यह सुनिश्चित कर लें।

🙏🏻 भाई बहन एक साथ गायत्री मंत्र बोलते हुए, भाई बहन सद्बुद्धिं की प्रार्थना करे।

*ॐ भूर्भुवः स्व: तत सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात*

👉🏼इस दौरान दीप जरूर जला लें।

 निम्नलिखित मंन्त्र बोलते हुए सबसे पहले भाई को तिलक लगाएं, फिर भाई अपनी बहन को तिलक लगाएं।

*ॐ चन्दनस्य महत्पुण्यं, पवित्रं पापनाशनम्।*
*आपदां हरते नित्यम्, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा॥*

फिर दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र बांधें, निम्नलिखित मंन्त्र के साथ बांधे:-

*ॐ व्रतेन दीक्षामाप्नोति, दीक्षयाऽऽप्नोति दक्षिणाम्।*
*दक्षिणा श्रद्धामाप्नोति, श्रद्धया सत्यमाप्यते॥*

उसके बाद राखी को बांधें निम्नलिखित मंन्त्र के साथ बांधे।

*ॐ येन बद्धो बलीराजा, दानवेन्द्रो महाबलः।*
*तेन त्वां प्रति बध्नामि, रक्षे मा चल मा चल॥ *

अर्थात्- जिस रक्षासूत्र से दानवेन्द्र, महाबली राजा बलि बाँधे गये थे, उसी से तुम्हें बाँधती हूँ। हे रक्षे (रक्षासूत्र) यहाँ से (अपने प्रयोजन से) विचलित न होना अर्थात् अपनी बहन की सदैव रक्षा करना।धर्मपरायण होकर अपनी बहन की रक्षा करना।

फिर राखी और रक्षा सूत्र बांधने के बाद, भाई की आरती उतारें।और पुष्पवर्षा उस पर निम्नलिखित मन्त्रों के साथ करें:-

*मंगलम भगवान विष्णु, मंगलम गरुड़ ध्वज।*
*मंगलम पुण्डरीकाक्ष, मंगलाय तनो हरि।।*

फिर भाई को मिठाई खिला दें।

भाई आपसे बड़ा हो या छोटा आज कर दिन भाई बहन का  चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेगा।
फिर  निम्नलिखित  वचन भाई अपनी  बहन  को देगा, बड़ा भाई अपनी बहन के सर पर हाथ रखके आशीर्वाद भी देगा :-

1- जीवन में कभी कोई ऐसा कार्य नही करूंगा जिससे मेरे परिवार को शर्मिंदा होना पड़े।
2- कभी किसी को भी माँ-बहन की गाली नहीं दूंगा और न ही किसी को देने दूंगा।
3- स्त्रियों को सम्मान दूंगा।
4- नशा न करूंगा और न ही किसी को करने दूंगा।
5- बहन की सुरक्षा करूंगा और राष्ट्र की सुरक्षा हेतु भी ततपर रहूंगा।

अंत में पूजा की थाल को आप कुछ देर के लिए पूजा स्थान पर रख सकते हैं। भाई बहन के लिए जो गिफ्ट लाया है दे सकता है। बहन जो भाई के लिए गिफ्ट लाई है दे सकती है।

दीप को अंत तक जलने दें उसे बुझाए नहीं।

*एक सन्देश* - बहन जिस तरह तुम्हें तुम्हारा भाई प्यारा है, वैसे ही आपकी ननद को आपका पति प्यारा है। जो आदर सम्मान आप अपने भाई और भाभी से चाहती है वही आपको अपनी ननद को भी देना चाहिए। आपकी भाभी को आपके माता-पिता का ख्याल रखना चाहिए, वैसे ही आपको भी अपने सास ससुर का ख्याल रखना चाहिए। इस त्यौहार की ख़ुशी तभी निखर के आएगी जब प्रेम और सौहार्द के साथ इसे मनाया जाएगा। कन्या के जन्म को भी स्वीकार किया जाएगा। अन्यथा भाईयों की कलाई सुनी ही रहेगी। आज जब एक बच्चे अधिकतर लोग रखते है तो विश्व कुटुम्बकम का भाव रखते हुए, नाते रिश्तेदार, आस-पड़ोस में मिलकर भाई बहन का यह पवित्र त्योहार मनाये। कुछ ऐसा करें कि आज के दिन कोई कलाई सुनी न हो।

🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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