Wednesday, 24 October 2018

शबरीमाला मंदिर और तथ्य

यह महिला लिबी सी.एस एक मीडियाकर्मी है जो की न्यूज़गिल डॉट कॉम नामक मलयाली वेबसाइट चलाती है इस समय यह सुर्खियों में है क्योंकि इन्होंने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास किया था और अन्य भक्तों ने इन्हें प्रवेश नहीं करने दिया,

यह सुनकर तो आपको बुरा भी लग रहा होगा कि, बताओ एक महिला दर्शन करना चाहती थी और उसे प्रवेश नहीं करने दिया, सम्भवतः आपको ये लैंगिक भेदभाव भी लग रहा होगा,

वैसे अंग्रेजी में दो कहावतें है कि
🔺"नेवर जज अ बुक बाय इट्स कवर"
🔺" डेविल लाइज़ इन डिटेल्स"

तो चलिए इस विषय को भी डीटेल में समझते हैं, और इस घटना की डिटेल में छिपे "डेविल" को सबके सामने लाते हैं,

इस महिला का सत्य यह है कि ये वास्तव में एक वामपन्थी विचारधारा कि इसाई है जो कि स्वयं को नास्तिक बताकर लोगों को भ्रमित करती है, यानी कि यह एक क्रिप्टो क्रिश्चियन है, और पूर्व में भगवान अयप्पा पर अपने एक लेख में अमर्यादित टिप्पडी भी कर चुकी है, जिसमे इसने कहा था कि
"यदि सबरीमाला मन्दिर में महिलाओं के प्रवेश से भगवान अयप्पा की हवस जाग गयी तो हम उन्हें दवाई प्रिस्क्राइब करेंगे"

इस वक्तव्य से आप इसके मन मे भगवान अयप्पा के प्रति भरी हुई तिरस्कार, घृणा व् अपमान की भावना का अनुमान लगा सकते हैं,

अब सबरीमाला मंदिर पर कोर्ट के निर्णय के बाद इन्होंने तुरंत बिना किसी आस्था के मंदिर में प्रवेश कर वहां कि प्राचीन मान्यताओं पर आघात करने का विचार किया और यह पूरा प्रपंच रच डाला,  वास्तव में इस महिला के लिए यह सब एक फैंसी ड्रेस नौटंकी थी,
कम्युनिस्ट, लिबरल बुद्धिजीवी, प्रगतिशील समाज, पुलिस और प्रशासन का इस महिला को भरपूर सहयोग मिला, किंतु वहां उपस्थित भक्तों के विरोध  के कारण यह मंदिर में प्रवेश से वंचित ही रही,

भगवान अयप्पा के भक्तों ने इसका विरोध इसलिए किया क्योंकि सबरीमाला मंदिर के विषय में कहते हैं कि भगवान अयप्पा एक ब्रह्मचारी हैं और उनके दर्शन से पूर्व 41 दिन का कठोर तप करना पड़ता है, और यह महिला बिना आवश्यक नियमों का पालन किए लोगों की आस्था का उपहास उड़ाने और उनकी मान्यताओं को आघात पहुंचाने के लिए और उन्हें नीचा दिखाने हेतु मंदिर में घुसने का प्रयास कर रही थी,
जबकि वास्तव में यह एक इसाई है जिसे ना हिंदू धर्म में आस्था है ना ही भगवान अय्यप्पा में, क्योंकि यदि इसे भगवान अयप्पा में आस्था होती तो यह भी वही 41 दिन का कठोर तप कर मंदिर में प्रवेश करने के लिए आती जैसे भगवान अयप्पा के अन्य भक्त आते हैं, किंतु इसे तो मीडिया में हाईलाइट पानी थी,तो बस घर से निकली फैंसी ड्रेस पहनी और पहुंच गई नौटंकी करने,

यहां विषय लैंगिक भेदभाव का नहीं अपितु प्राचीन सनातनी मान्यताओं और भावनाओं को आघात पहुंचाने का है, आप स्वयं कल्पना करिए की जो भक्त 41 दिन का कठोर तप कर मंदिर में प्रवेश हेतु प्रतीक्षा कर रहे हो उनके सामने एक विधर्मी महिला बिना नियमों का पालन करे सिर्फ उनकी आस्थाओं को नीचा दिखाने हेतु जबरदस्ती फैंसी ड्रेस पहनकर मंदिर में प्रवेश का प्रयास करें उन भक्तों को कितना बुरा लगा होगा ?

वास्तविकता ये है कि मुश्किल से 4-5 सेक्युलर लिब्रल महिलाएं सबरीमाला में प्रवेश के नाम पर आडंबर करने सामने आईं हैं, जबकि भगवान अयप्पा में आस्था रखने वाली लाखों महिलाएं सड़कों पर उतरकर कोर्ट के निर्णय का विरोध कर रही हैं,

विडंबना देखिए कि हमारा सेक्युलर, लिब्रल बुद्धिजीवी  वर्ग उन 4-5 आडंबरकारी महिलाओं को तो नायिका बनाकर प्रस्तुत कर रहा है जिनकी आस्था ना तो सनातन धर्म में है, ना सनातन संस्कृति में, ना भगवान अयप्पा में, किन्तु भगवान अयप्पा की लाखों महिला भक्त जो कोर्ट के इस निर्णय के विरुद्ध प्रदर्शन कर रही हैं उनको हमारा सेक्युलर, लिब्रल बुद्धिजीवी वर्ग एक रूढ़िवादी, कट्टरपंथी उग्रवादी साबित करने में लगा हुआ है, यही इन लोगों का पाखण्ड उजागर कर देता है,

और ऐसा मैं इस आधार पर कह रहा हूँ कि सबरीमाला मन्दिर में प्रवेश हेतु अड़ी हुई किसी भी महिला ने दर्शनपूर्व निर्धारित नियमों, व्रत व् तप का पालन ही नही किया है, और यह सब केवल एक मीडिया में हंगामा करने व् भगवान अयप्पा के भक्तों को नीचा दिखाने का एक प्रयास मात्र है।

वहीं यदि मैं कोर्ट की बात करूं तो सुन्नी मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश हेतु भी एक याचिका डाली गई थी, किंतु कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया और उसे इस्लाम के धार्मिक मामलों में दखल करार दिया, और उस विषय पर किसी भी सेक्युलर लिब्रल बुद्धिजीवी प्रगतिशील व्यक्ति की ओर से कोई प्रतिक्रिया ही नही आई, न्यायपालिका और हमारी सेकुलर समाज का यह विरोधाभासी आचरण यह प्रमाणित करने हेतु पर्याप्त है कि यह सभी एक उद्देश्य के अंतर्गत हिंदुओं, उनकी आस्थाओं, उनकी परंपराओं और उनकी संस्कृति को योजनाबद्ध रूप से निशाने पर लेकर उन्हें नष्ट करने पर तुले हुए हैं।

🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳

No comments:

Post a Comment

डायबिटीज घरेलू उपाय से 6 महीने में ठीक करें - पनीर फूल(पनीर डोडा)

 सभी चिकित्सक, योग करवाने वाले भाइयों बहनों, आपसे अनुरोध है कि आप मेरे डायबटीज और ब्लडप्रेशर ठीक करने वाले रिसर्च में सहयोग करें। निम्नलिखित...