प्रश्न - *दी, हम जानना चाहते हैं कि हमारा भविष्य 7 वर्ष बाद कैसा होगा? ये क्या संभव है?*
उत्तर - आत्मीय भाई, यह तो सबसे आसान है।
तुम अगले 7 वर्ष में कितनी अच्छी पुस्तकें पढ़ते हो और कितने अच्छे लोगों की संगति में रहते हो? इस बात पर तुम्हारा भविष्य निर्भर करेगा।
दुनियाँ में सफ़लतम व्यक्ति का यदि एवरेज पुस्तक रीडिंग निकालेंगे तो वह 50 से 100 पुस्तक के बीच होता है। युगऋषि पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी और विवेकानन्द जी तो पूरी की पूरी लाइब्रेरी जहां जाते थे पढ़ डालते थे।
डॉक्टर चिन्मय पण्ड्या से आप जब भी मिलने जाएंगे तो आप उनको कोई न कोई वांगमय पढ़ते हुए ही पाएंगे। इनका तो प्रत्येक वर्ष का पुस्तक रीडिंग एवरेज 200 से ज्यादा है। माइक्रोसॉफ्ट के बिलगेट्स का एवरेज 80 पुस्तको की रीडिंग प्रतिवर्ष है। बिना पढ़े ज्ञान नहीं मिलता।
30 मिनट यदि रोज़ स्वाध्याय अच्छी पुस्तको का करोगे और अच्छे लोगों की संगति में रहोगे, स्वयं के ज्ञान में और सत्कर्मो में वृद्धि करते रहोगे तो 100% उज्ज्वल भविष्य 7 वर्ष बाद तुम्हारा होगा।
कुसंग को समझने के लिए एक प्रयोग करो, एक चने या मटर के दाने को सौंफ के डिब्बे में कुछ दिनों तक बन्द करो। कुछ दिन बाद निकालोगे तो वो हरे रंग के साथ साथ सौंफ़ की खुशबू देने लगेगा। अर्थात जैसी संगति में मनुष्य रहता है बार बार उनके सम्पर्क से उनके जैसा बनने लगता है।
यदि उज्ज्वल भविष्य चाहिए तो अच्छी पुस्तको को हाथ मे उठाइये और नित्य पढ़ने में जुट जाइये। अच्छे लोगो के साथ संगत रखिये।
पास होने के लिए मेहनत चाहिए, फेल होने के लिए कुछ करने की जरूरत नहीं। उज्ज्वल भविष्य के लिए स्वाध्याय जरूरी है, अंधकारमय जीवन/भविष्य के लिए कुछ भी पढ़ने की जरूरत नहीं।
📖अच्छी पुस्तकें जीवंत देवता है, जिनके स्वाध्याय से तत्काल जीवन मे प्रकाश मिलता है। हम और आप भाग्यशाली है कि युगऋषि परमपूज्य गुरूदेव हमारे लिए 3200 से ज्यादा युगसाहित्य दे गए हैं। आज ही डायरी में नोट करें कि प्रति महीने कितनी पुस्तक पढ़ी और प्रति वर्ष पुस्तक का आपका एवरेज क्या है?
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - आत्मीय भाई, यह तो सबसे आसान है।
तुम अगले 7 वर्ष में कितनी अच्छी पुस्तकें पढ़ते हो और कितने अच्छे लोगों की संगति में रहते हो? इस बात पर तुम्हारा भविष्य निर्भर करेगा।
दुनियाँ में सफ़लतम व्यक्ति का यदि एवरेज पुस्तक रीडिंग निकालेंगे तो वह 50 से 100 पुस्तक के बीच होता है। युगऋषि पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी और विवेकानन्द जी तो पूरी की पूरी लाइब्रेरी जहां जाते थे पढ़ डालते थे।
डॉक्टर चिन्मय पण्ड्या से आप जब भी मिलने जाएंगे तो आप उनको कोई न कोई वांगमय पढ़ते हुए ही पाएंगे। इनका तो प्रत्येक वर्ष का पुस्तक रीडिंग एवरेज 200 से ज्यादा है। माइक्रोसॉफ्ट के बिलगेट्स का एवरेज 80 पुस्तको की रीडिंग प्रतिवर्ष है। बिना पढ़े ज्ञान नहीं मिलता।
30 मिनट यदि रोज़ स्वाध्याय अच्छी पुस्तको का करोगे और अच्छे लोगों की संगति में रहोगे, स्वयं के ज्ञान में और सत्कर्मो में वृद्धि करते रहोगे तो 100% उज्ज्वल भविष्य 7 वर्ष बाद तुम्हारा होगा।
कुसंग को समझने के लिए एक प्रयोग करो, एक चने या मटर के दाने को सौंफ के डिब्बे में कुछ दिनों तक बन्द करो। कुछ दिन बाद निकालोगे तो वो हरे रंग के साथ साथ सौंफ़ की खुशबू देने लगेगा। अर्थात जैसी संगति में मनुष्य रहता है बार बार उनके सम्पर्क से उनके जैसा बनने लगता है।
यदि उज्ज्वल भविष्य चाहिए तो अच्छी पुस्तको को हाथ मे उठाइये और नित्य पढ़ने में जुट जाइये। अच्छे लोगो के साथ संगत रखिये।
पास होने के लिए मेहनत चाहिए, फेल होने के लिए कुछ करने की जरूरत नहीं। उज्ज्वल भविष्य के लिए स्वाध्याय जरूरी है, अंधकारमय जीवन/भविष्य के लिए कुछ भी पढ़ने की जरूरत नहीं।
📖अच्छी पुस्तकें जीवंत देवता है, जिनके स्वाध्याय से तत्काल जीवन मे प्रकाश मिलता है। हम और आप भाग्यशाली है कि युगऋषि परमपूज्य गुरूदेव हमारे लिए 3200 से ज्यादा युगसाहित्य दे गए हैं। आज ही डायरी में नोट करें कि प्रति महीने कितनी पुस्तक पढ़ी और प्रति वर्ष पुस्तक का आपका एवरेज क्या है?
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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