Tuesday 27 November 2018

प्रश्न - *नारी जागरण इतने सारे संगठनों द्वारा किया जा रहा है, हम भी नारी जागरण हेतु गायत्री परिवार से जुड़कर नारी जागरण के लिए कार्य करना चाहते है। मार्गदर्शन करें।*

प्रश्न - *नारी जागरण इतने सारे संगठनों द्वारा किया जा रहा है, हम भी नारी जागरण हेतु गायत्री परिवार से जुड़कर नारी जागरण के लिए कार्य करना चाहते है। मार्गदर्शन करें।*

उत्तर - आत्मीय बहन, आपके शुभ श्रेष्ठ सङ्कल्प के लिए शुभकामनाएं।

आजकल कई संगठन नारी जागरण पर ऐसे कार्य कर रहे है, मानो वृक्ष की पत्तियों को जल देकर, उसकी जड़ में जल दिए बिना उसे हरा भरा रखना चाह रहे हो। खाना पूर्ति के लिए कुछ सिलाई कढ़ाई सेंटर, कुछ जागरूकता रैली, कुछ धरना प्रदर्शन कन्याभ्रूण हत्या, दहेज़ प्रथा इत्यादि पर। यह भी जरूरी है लेकिन यह अधूरा उपक्रम है। भारत में करोड़ों महिलाओं के लिए स्वरोजगार खोल कर देना संभव नहीं, दूसरा मानसिक ग़ुलामी की जंजीर काटे बिना, ख़र्चीली शादी और दहेज प्रथा रोके बिना, सामाजिक सुरक्षा और नैतिक शिक्षा दिए बिना कन्या भ्रूण हत्या रोकना सम्भव नहीं है। भिक्षा देने से भिक्षा वृत्ति नहीं रुकती, कमाने योग्य बनाने से भिक्षा वृत्ति मिटेगी।

आज मनुष्य एक बेहोशी में जी रहा है और यंत्रवत कठपुतली बनकर जी रहा है, स्वयं पर नियंत्रण खोता जा रहा है। एक प्रकार का मानसिक ग़ुलाम बनकर जी रहा है।

अतः यदि आप समस्या की जड़ समझकर उस पर कार्य करने की इच्छुक हैं, स्त्रियों को आत्मसम्मान के साथ जीने का हुनर सिखाइये,  निम्नलिखित तरीक़े अपनाइये:-

👉🏼👧🏻- चिकित्सक बनने के लिए जिस तरह चिकित्सा शास्त्र पढ़ना पड़ता है, उसी तरह नारी जागरण पर कार्य करने हेतु उससे सम्बन्धित निम्नलिखित युग साहित्य इत्यादि पढ़कर समझना पड़ेगा।

1-नारी की महानता
2-नारी श्रृंगारिकता नहीं, पवित्रता है;
3-नारी उत्थान की समस्या और समाधान ;
4-प्रबुद्ध नारियाँ आगे आए.
5-नारी जागरण की आवश्यकता

👉🏼👧🏻- आप स्वयं एक नारी हैं, और आसपास विभिन्न रिश्तेदार रूप में नारियों से घिरी हुई है। अतः स्वयं और सभी के जीवन को गहराई से देखिए, समस्या और समाधान पर चिंतन कीजिये।

👉🏼👧🏻 नारी जागरण की प्रथम सीढ़ी है, आत्मविश्वास जगाना। इसके लिए स्वयं आत्मविश्वास से भरपूर बनना पड़ेगा। दूसरे के बोध को जगाने के लिए स्वयं के बोध को जगाना पड़ेगा। जलता हुआ दिया ही दूसरे को रौशन कर सकेगा। निम्नलिखित पुस्तको को स्वयं पढ़िये और नारियों का भय दूर कीजिये उनमें आत्मविश्वास जगाइए।
👉🏼👧🏻 *वीर भोग्या वसुंधरा अर्थात वीरों के लिए ही धरती के सुख हैं*, *पराधीन सुख सपनेहुँ नाहीं अर्थात मानसिक गुलाम और पराधीन व्यक्ति को सुख कभी नहीं मिलता, वो तो सपने में भी दुःखी ही रहता है* यह हमेशा याद रखना, वीरता जगाने के लिए और मानसिक साहस उपजाने के लिए युगऋषि पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखित निम्नलिखित पुस्तक पढ़ो:-

1- महापुरुषों और वीरांगनाओं की जीवनियां
2- निराशा को पास न फटकने दें
3- मानसिक संतुलन
4- हारिये न हिम्मत
5- शक्ति संचय के पथ पर
6- शक्तिवान बनिये
7- हम अशक्त क्यो? शशक्त बने
8- आगे बढ़ने की तैयारी
9- सफल जीवन की दिशा धारा
10 - मित्रभाव बढ़ाने की कला
11- प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
12- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
13- सफलता के सात सूत्र साधन
14- दृष्टिकोण ठीक रखिये
15- मैं क्या हूँ

👉🏼👧🏻 स्त्री के बिना संसार मे न सौंदर्य होगा और न ही सृष्टि बचेगी। *बिन घरनी घर भूत का डेरा अर्थात स्त्री से ही घर घर होता है।* स्त्रियां कभी बेरोजगार नहीं होती, घर का कार्य वो जो करती है यदि उतना ही कार्य किसी अन्य के घर करें तो लगभग दस हज़ार से बीस हज़ार बड़े प्यार से कमा सकती है। करोड़ो रूपये की तो केवल रोटियां ही स्त्री उम्र भर में बेल डालती है। अतः केवल बाहर जाकर कमाने को ही कमाई नहीं कहते, जो घर मे रहकर कार्य करती है वो भी कमाई है।

👉🏼👧🏻 यदि स्त्री घर ख़र्च में हिस्सा बटाती है तो पुरुष को घर के कार्य मे हिस्सा बटाना चाहिए। इसके लिए स्त्री को कर्तव्य के साथ अधिकारों के लिए भी सचेत रहना चाहिए।

👉🏼👧🏻 स्त्री स्वयंमेव पुष्प की तरह सुंदर होती है। कोई भी प्रकृति के अन्य जीव अप्राकृतिक मेकअप नहीं करते, मूल रूप में ही सुंदर होते है। अतः स्त्रियों को केवल प्राकृतिक रूप से सुंदर और वस्त्राभूषण धारण करना चाहिए। अर्धनग्न फैशन पाश्चात्य का अपनाना केवल मूर्खता है, यह  भाँडो और वेश्याओं का कार्य होता है।

👉🏼👧🏻 फ़िल्म सीरियल एक वायरस है जो समाज को रुग्ण और अपराधी बना रहे है। घर बैठे अपराध, शराब और आतंकवाद की ट्रेनिंग दे रहे हैं। अतः इससे जितना दूर रहे उतना अच्छा। यह सीरियल वास्तव में चेतना का मानसिकता का सीरियल कीलर है, यह गुलाम बना देता है।

👉🏼👧🏻 स्त्रियों का अपने क्षेत्र में संगठन बनाइये, उस लड़की को कोई ससुराल वाले दहेज के लिए न जला नहीं सकते और न ही प्रताड़ित कर सकते है जो सामाजिक संगठन से जुड़ी हो और उस शहर के भाई बहन उसका हाल चाल लेने वाले हो। अतः जिस शहर में लड़की का विवाह करें उसकी ससुराल में उसी शहर के शक्तिपीठ के गायत्री परिजन और डिवाइन इंडिया यूथ के सदस्य जरूर लेके जाएं। कम से कम महीने में बेटी दामाद को नजदीकी शक्तिपीठ में जाने को कहें।

👉🏼👧🏻 सामाजिक उत्थान के संगठन डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन के साथ ग्रुप फोटो लड़कियाँ खिंचवा करके अपने फेसबुक, शोशल मीडिया, व्हाट्सएप डीपी में लगाएं। अपने शहर की सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लें, ऐसी बेटियों को कोई लड़का छेड़ने की हिम्मत नहीं करेगा।

👉🏼👧🏻 लड़कियों को उनके कर्तव्यों के साथ साथ कानूनी अधिकारों के प्रशिक्षण का केंद्र चलवाईये।

👉🏼👧🏻 स्वयं सुरक्षा हेतु प्रशिक्षण की व्यवस्था कीजिये। जुडो कराते इत्यादि लड़कियां सेल्फ डिफेंस के लिए सीख सकें।

👉🏼👧🏻 योग अभ्यास लड़कियों को करवाइये जिससे उनके तन और मन दोनों मजबूत बने।

👉🏼👧🏻 अध्यात्म की शक्ति से नेत्रों में तेज और बुद्धि कौशल बढ़ता है। प्राचीन ऋषियों, आधुनिक विज्ञान और आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन(AIMS) ने यह सिद्ध कर दिया है कि गायत्री मंत्र जप से बौद्धिक क्षमता बढ़ती है और ध्यान से मानसिक कौशल बढ़ता है। अतः गायत्री जप और उगते सूर्य के ध्यान सभी महिलाओं से करवाइये।

👉🏼👧🏻 भावसम्वेदना और सेवा वो सीमेंट है जो घर के समस्त सदस्य रूपी ईंट को जोड़कर घर बनाती है।

निम्नलिखित पुस्तक का स्वाध्याय और अभ्यास करवाइये:-

1- भावसम्वेदना की गंगोत्री
2- मित्रभाव बढ़ाने की कला
3- गृहस्थ एक तपोवन

👉🏼👧🏻 स्त्री के बिना न संसार है और न ही पुरुष के बिना यह संसार का अस्तित्व है। दोनों के दूसरे के पूरक है। अतः यह किसी को अधिकार नहीं कि एक दूसरे को गुलाम बनाये। उत्तम यह है कि एक दूसरे का सम्मान करते हुए प्यार-सहकार से जीवन बिताएं, इस हेतु अवेयरनेस स्कूल कॉलेज में चलाएं।

👉🏼👧🏻 स्त्री ही नौ महीने गर्भ लेकर बालक जन्म दे सकती है, यह ईश्वरीय विधान है, जिसे न कानून बदल सकता है और न ही विज्ञान। अतः यह महान उत्तरदायित्व स्त्री के कंधों पर है। इसलिए सुसन्तति और श्रेष्ठ नागरिक के जन्म और पालन को करने वाली स्त्रियों को गर्भ सँस्कार और बाल संस्कारशाला से जोड़िए।

👉🏼👧🏻 सभी स्त्रियां कुछ न कुछ विशेष गुण लेकर पैदा होती है। सबको आत्म मंथन-विचार मंथन के लिए प्रेरित कीजिये और उन गुणों पर कार्य करके अपनी पहचान बनाने को बोलिये।

👉🏼👧🏻 विवाह एक प्रेम बन्धन है, जो पतंग और डोर की तरह है। डोर से जुड़कर उड़ना है, सफलता का आसमान छूना है। न डोर तोड़ना है और न ही डोर से पतंग को लपेटकर कैद करना है।

👉🏼👧🏻 बेटियों को पढ़ने और बढ़ने का सब समान अवसर दें, इसलिए जागरूकता अभियान चलाइये।

👉🏼👧🏻 लड़की को लड़का नहीं बनाना है, दो लड़के मानसिकता का विवाह नहीं टिकेगा। लड़के और लड़की को दोनों को अदब और सँस्कार देना है। दोनों को समान पलने, पढ़ने, आगे बढ़ने, कुछ करने का समान अवसर देने हेतु जागरूकता फैलानी है।

👉🏼👧🏻 स्वस्थ शरीर के लिए सन्तुलित आहार, स्वस्थ मन के लिए सन्तुलित विचार हेतु जागरूकता लानी है।

👉🏼👧🏻 कुछ संघर्षात्मक आंदोलन जैसे ख़र्चीली शादी और दहेज़ प्रथा का सँगठित होकर विरोध करना है। तभी कन्या भ्रूण हत्या रुकेगा।

👉🏼👧🏻 ज्यादा से ज्यादा महिलामण्डल खोलिए, वहां सबको आत्मनिर्भर बनने की उपरोक्त ट्रेनिंग दीजिये।

👉🏼👧🏻 संगठन में शक्ति है, सँगठित शक्ति ही दुर्गा है। बदलाव का वातावरण तैयार कीजिये, उस बदलाव का स्वयं हिस्सा बनिये। नारी को नारी का मित्र बनाइये, नारी पर कहीं भी अत्याचार हो तो सँगठित होकर उसका सहयोग कीजिये।

अपने शहर के गायत्री शक्तिपीठ और डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन से जुड़कर कार्य कीजिये।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

No comments:

Post a Comment

प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद्यमहे’, ' धीमही’ और 'प्रचोदयात्’ का क्या अर्थ है?

 प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद...