Monday 19 November 2018

कविता - बेटी पैदा हुई है तो....दहेज़ मत जुटाओ...

बेटी पैदा हुई है तो,

दहेज़ मत जुटाओ,
दुर्गा शक्ति को पहले शिक्षित बनाओ,
अच्छे संस्कारो से उसे गढ़ना,
उसको देश का कोहिनूर बनाना,

बोलो बेटी से,
अपना वर्चस्व बनाओ,
उच्च मनोबल से,
अपनी सफलता का परचम लहराओ,

दहेज़ के लोभी को सबक सिखाना,
कुंवारी रह जाना पर दहेज न देना,

अच्छे लड़कों की संसार मे कमी नहीं है,
जो स्वयं को विवाह में बेचते नहीं है।

भवानी दुर्गा बनकर देवाधिदेव शिव से विवाह रचाना,
स्वयं की रक्षा के साथ साथ अन्य नारियों की रक्षा का भार उठाना।

यदि कभी नर पिशाच से पाला पड़ जाये,
तुम्हारी अस्मिता पर जो हाथ लगाए,
उस पिशाच का वो हाथ उखाड़कर आना,
ताकि फ़िर वो किसी और को परेशान न कर पाए।

#श्वेता #DIYA

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