Friday 17 May 2019

प्रश्न - 111, यज्ञ ज्ञान विज्ञान

🔥 *यज्ञ ज्ञान विज्ञान - प्रश्नोत्तर(प्रश्न 111)* 🔥

प्रश्न -111- *नित्य यज्ञ करने वाले लोगों के चेहरे की दिव्य आभा का राज़ क्या है?*

उत्तर - ऊर्जा का प्रकाश में बदलना एक जटिल प्रक्रिया है, लेकिन वैज्ञानिक यह जान चुके है कि - जब यह ऊर्जा किसी वस्तु में प्रवेश करती है तो उसके परमाणु उत्तेजित हो उठते हैं। फिंर थोड़ा शांत होकर जब वे अपने मूल स्थान में लौटते हैं तो उस सोखी हुई ऊर्जा को प्रकाश में बदल देते हैं। इस क्रिया को *संदीप्त* कहते हैं।

यज्ञ के दौरान वातावरण के परमाणु ऊर्जावान होते हैं, सूक्ष्म प्रकाश ऊर्जा युक्त तरंगों का प्रचण्ड वेग होता है। यह तरंगे मनुष्य के अंदर की 72 हज़ार नाड़ियों को झंकृत करती है। *घृतावघ्राण* एवं *प्राणायाम* द्वारा इस ऊर्जा को यज्ञकर्ता सोख लेता है। धीरे धीरे यह ऊर्जा प्रकाश में बदलती है। इसलिए यज्ञकर्ता के चेहरे में दिव्य आभा जिसे तेजस-ओजस-वर्चस कहा जाता है दिखने लगती है।

*नोट:*- गड्ढा जितना गहरा होता है उतनी ज्यादा मिट्टी लगती है उसे पाटने के लिए। इसी तरह यज्ञकर्ता के अंदर ऊर्जा कोष कितने खाली है, इस पर निर्भर करेगा कि चेहरे में दिव्य आभा कितने दिनों में दिखेगी।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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