Friday 26 July 2019

प्रश्न -1:- *मुझसे कई लोग बहुत ईर्ष्या करते हैं?*

प्रश्न - *दी, कुछ मेरे साथ हो रही परेशानियों का उत्तर दे दीजिए। प्रश्न कई सारे हैं?*

उत्तर- बहन, एक एक करके पूँछिए।

प्रश्न -1:- *मुझसे कई लोग बहुत ईर्ष्या करते हैं?*

उत्तर- तो ख़ुश हो जाइए, भगवान को धन्यवाद दीजिये कि भगवान ने आपको इस योग्य बनाया है कि लोग आपसे ईर्ष्या कर सकें।क्योंकि आप उनसे किसी न किसी चीज़ में बेहतर है। ईर्ष्या अपने से श्रेष्ठ से की जाती है, अपने से कमज़ोर व्यक्ति से कोई ईर्ष्या नहीं करता।

प्रश्न 2- *मेरी पीठ पीछे कई लोग मेरी चुगली करते हैं, जब मुझे पता चलता है तो मुझे गुस्सा आता है।*

उत्तर - व्यर्थ गुस्सा करती हो, तुम्हे भगवान को धन्यवाद देना चाहिए कि भगवान ने तुम्हें इतना प्रभावशाली बनाया है कि लोग तुम्हारे मुंह पर तुम्हें कुछ बोलने की हिम्मत नहीं कर पाते। चुगली करने वाले लोगों को धन्यवाद दो, क्योंकि वो तुम्हारा प्रारब्ध अपने ऊपर ले रहे हैं। चुगलखोर सबके पाप अपने सर पर लेता है। अतः उस पर दया करो क्योंकि उसकी नरक में एंट्री पक्की है।

प्रश्न -3- *मुझे मेरे मिशन के लोग मुख्य मीटिंग में शामिल नहीं करते, समस्त श्रेय आगे बढ़कर लेते हैं लेक़िन जब काम करने की बारी आती है तो मुझ पर डाल देते हैं।*

उत्तर - मिशन का कार्य अर्थात सद्गुरु की सेवा का सौभाग्य। अगर वो लोग झूठा श्रेय लेकर मुख्य सेवा का सौभाग्य और पुण्य कमाने का अधिक अवसर आपको दे रहे हैं। तो आपको उन्हें हृदय से धन्यवाद देना चाहिए। जिन लोगो से वो वाहवाही लूट रहे हैं वो नश्वर मनुष्य हैं। शाश्वत ईश्वर और सद्गुरु अंतर्यामी हैं उनसे झूठ बोलकर उनसे श्रेय लेना सम्भव नहीं है। नश्वर मनुष्य की वाहवाही चाहिए या शाश्वत ईश्वर की कृपादृष्टि व पुण्य? निर्णय लीजिये। जिस बच्चे पर दबाव डालकर अन्य बच्चे अपना होमवर्क करवाते हैं, वो क्षणिक लाभ लेते हैं। लेक़िन दूरगामी प्रभाव में उस बच्चे का भला कर देते हैं, क्योंकि होमवर्क करने वाला बच्चा ज़्यादा बुद्धिकुशल बनेगा।

प्रश्न - 4:- *कई लोग राजनीति करके मुझे फँसा देते हैं, क्या करूँ*

उत्तर - धन्यवाद उन लोगो का कीजिये जो राजनीति कर रहे हैं, वो आपके समक्ष चुनौती खड़ी करके आपको बेहतर बनाने में मदद कर रहे हैं। राजनीति की बॉल वो फेंक रहे हैं, आप बुद्धि का बल्ला उठाइये और कुशल बल्लेबाज की तरह उनकी फेंकी बॉल पर चौका छक्का लगाइये। समस्या मत गिनिए, कमर कस के समस्या के समाधान में जुटिये। आपको गिराने के लिए उनने मेहनत से गड्ढे खोदे हैं, तो आप बुद्धि का प्रयोग कर स्वयं सम्हलिये और उनके बुरी नियत से खोदे गड्ढों में भी कुछ अच्छाई के बीज बो दीजिये, पौधे बन जाएंगे और सबका भला होगा। उनकी बुरी नियत से की मेहनत को सही ढंग से उपयोग में ले लीजिए।

प्रश्न - 5- *कुछ लोग मुझ पर व्यग्य कसते रहते हैं, क्या करूँ?*

उत्तर - उनके व्यग्य का हृदय से स्वागत कीजिये, स्वयं को विश्वास दिलाइए कि आपको कुछ ऐसा करना है, एक इतनी बड़ी लकीर बननी है कि आप इनकी पहुँच से बहुत ऊपर हो जाएं। व्यग्य अर्थात अभी आप उनकी पहुंच में हैं। इन्हें मुंह से जवाब देने की गलती मत कीजिये, सूर्य की तरह सतकर्मो का प्रकाश फैलाइये। आपके प्रकाश को बोलने दीजिये। मुंह को कष्ट मत दीजिये।

प्रश्न 6 - *अन्य मिशन के लोगो को मेरे ख़िलाफ़ भड़काते हैं उनका कान भरते हैं*

उत्तर -  जो मिशन के श्रेष्ठ कार्यकर्ता हैं वो जानते हैं चुगली करने वाला स्वयं के कार्यो से मति भ्रम में मोहित है,  और स्वयं को बेस्ट साबित करने के लिए मुंह का सहारा ले रहा है, क्योंकि इसके पास इसके कर्मो का प्रकाश नहीं है। इसे ईश्वर के अंतर्यामी होने में संदेह है।

अन्य दूसरे जो कान के कच्चे हैं तो उन्हें भड़कने दीजिये। चिंता केवल तब कीजियेगा जब आपके खिलाफ कोई कान भरने प्रधानमंत्री मोदी या अमेरिकन राष्ट्रपति ट्रम्प के पास जाए।

प्रश्न - 7:- *मिशन में मेरे किये काम का श्रेय कभी मुझे नहीं देते*

उत्तर - यदि आप किसी का पर्सनल कार्य जैसे उसके घर का काम या उसके बच्चो को स्कूल ड्राप कर रहे हैं तो श्रेय लेने की अपेक्षा उस मनुष्य से कीजिये। लेक़िन यदि आप मिशन का कार्य कर रहे हैं वो तो गुरु की सेवा का सौभाग्य है, उसका श्रेय गुरूदेव देंगे जो अंतर्यामी है। अगर आपको गुरु और परमात्मा के अंतर्यामी होने में संदेह नहीं है तो चिंता की कोई बात नहीं है।

प्रश्न 8 - *कई लोग मेरी राह में रोड़ा अटकाते है, बाधा उतपन्न करते हैं, क्या करूं?*

उत्तर - बधाई हो अभी आप जीवित हैं, साथ ही कुछ ऐसा कर रहे हैं जिसे लोग नोटिस कर रहे हैं। अतः वो आपकी तरह कुछ करने में अपनी असमर्थता को स्वीकारते हुए आपकी राह में बाधा उतपन्न कर रहे है। देखिए इस दुनियाँ में लाश को रास्ता दिया जाता है, और मरने के बाद ही तारीफ़ मिलती है। लोगों के मुंह से अच्छा सुनने के लिए मरने में कोई अक्लमंदी नहीं है।

प्रश्न 9:- *लोग मेरा फ़ायदा उठाते हैं, मुझसे मदद लेते हैं। काम निकलने के बाद सीधे मुंह बात भी नहीं करते।*

उत्तर - ख़ुश हो जाइए और भगवान को धन्यवाद दीजिये, कि भगवान ने आपको इस योग्य बनाया है कि आप उसके निमित्त बनकर दूसरों की मदद कर सकें। *जापर कृपा तुम्हारी होई, तापर कृपा करें सब कोई।* यह गायत्री चालीसा में लाइन पढ़ी होगी, यदि आपने किसी की मदद की अर्थात उस पर भगवान की कृपा दृष्टि हुई और आपके माध्यम से उसकी मदद हुई। जब भगवान कर्ता है औऱ आप निमित्त तो वो भगवान के निमित्त का एहसान नहीं मानेगा तो भगवान उससे निपटेगा अगली बार उसे मदद नहीं देगा। अतः अहसान पाने के चक्कर मे अपनी ऊर्जा और विचार खर्च मत कीजिये। स्वयं किसी का किया अहसान मत भूलिए जिससे भगवान की कृपा दृष्टि सदैव आप पर बनी रहे।

प्रश्न 10 - *मुझे स्वयं को बेहतर बनाने के लिए क्या करना चाहिए*

उत्तर - दास भक्ति व सेवक भक्ति कीजिये, बिना पद प्रतिष्ठा सम्मान की चाह में निष्काम गुरु का कार्य, मिशन का कार्य गुरु की सेवा का सौभाग्य समझकर कीजिये। बिना पूजन के भोजन मत किजिये और बिना स्वाध्याय शयन मत कीजिये। स्वयं को भगवान के अनुशासन में ढालिये।

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🙏🏻 क्षमा करना उपरोक्त में से कोई भी प्रश्न या समस्या पर तनाव(टेंशन) लेने का कोई कारण मुझे नहीं दिख रहा है। हां, मेरे विचार में आपके दृष्टिकोण मे अत्यंत थोड़ी समस्या हैं, आपने अब तक आधी ग्लास खाली देखी, अब उपरोक्त पोस्ट पढकर आधी ग्लास भरी देखिए। प्रत्येक घटना के दोनों पहलुओं को समझने की कोशिश शुरु कीजिये। अतः आपकी जिंदगी सुखमय है, आप जीवित है इस योग्य है कि लोग आपसे ईर्ष्या करे । इस उपलब्धि का आनन्द लीजिये🙏🏻

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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