*भाई दूज(यम द्वितीया)- कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया उत्सव मनाने की विधि*
29 अक्टूबर, 2019, मंगलवार
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भाई दूज, भाई- बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है, जिसे यम द्वितीया या भैया दूज (Bhaiya Dooj) भी कहते हैं। यह हिन्दू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक है, जिसे कार्तिक माह की शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है।
भाई दूज देश के बाहर भी मनाया जाता है। यह भाइयों और बहनों के बीच प्यार के बंधन को बढ़ाने के लिए रक्षा बंधन त्योहार की तरह है। इस शुभ दिन की बहनें अपने विशेष भाइयों की भलाई और कल्याण के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों के प्रति प्रेम दिखाने और उनकी देखभाल करने के लिए अपनी ताकत के अनुसार उपहार पेश करते हैं।
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पंचम दिन - *भैया दूज* , 29 अक्टूबर, 2019
*भाई दूज तिलक का समय* : 13:11:34 से 15:25:13 तक
*अवधि* : 2 घंटे 13 मिनट
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*भाई दूज पूजा विधि* (Bhai Dooj Puja Vidhi)
इस दिन सुबह पहले स्नान करके गायत्री, लक्ष्मी-विष्णु और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। बहन अपने हाथों से बना कुछ मीठा हलवा या मिठाई या खीर सर्वप्रथम तुलसी पत्र डालकर ईश्वर को भोग लगाएगी, और भाई बहन एक दूसरे के सद्बुद्धि के लिए, उज्जवल भविष्य के लिए, धन धान्य के लिए पांच घी के दीपक जलाकर पूजन करेगें और साथ साथ निम्नलिखित मन्त्र का पूजन घर में दोहराएंगे:-
24 गायत्री मन्त्र - *ॐ भूर्भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात्*
5 महामृत्युंजय मन्त्र - *ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्टि वर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्*
3 बार गणेश मन्त्र - *ॐ एक दन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्*
3 बार लक्ष्मी मन्त्र - *ॐ महालक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि। तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्*
3 बार विष्णु मन्त्र - *ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्*
मन्त्र जप के बाद आरती करके, बहन पूजा के थाल में तिलक, कलावा, और मीठा भोग लेगी। भाई के माथे पर टीका निम्नलिखित मन्त्र के साथ लगा कर उसकी लंबी उम्र और सद्बुद्धि की कामना करेगी। साथ में हल्दी वाले अक्षत भी माथे में लगाएगी।
*ॐ चन्दनस्य महत्पुण्यं, पवित्रं पापनाशनम्।*
*आपदां हरते नित्यम्, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा॥*
फ़िर बहन भाई के हाथ में निम्नलिखित मन्त्र पढ़ते हुए कलावा(रक्षासूत्र बांधेगी)।
*ॐ व्रतेन दीक्षामाप्नोति, दीक्षयाऽऽप्नोति दक्षिणाम्।*
*दक्षिणा श्रद्धामाप्नोति, श्रद्धया सत्यमाप्यते॥*
फिर बहन भाई को खीर/मीठा खिलायेगी।
भाई बहन को इसी तरह टीका लगाकर, कलावा बांधकर खीर/मीठा खिलायेगा।
दोनों एक दूसरे को वादा करेंगे, हम सुख दुःख में एक दूसरे का साथ देंगें, किसी भी कारण से भाई बहन के पवित्र रिश्ते को कलुषित नहीं होने देंगें।
इस दिन भाई को बहन के घर जाकर भोजन करना चाहिए। अगर बहन की शादी ना हुई हो तो उसके हाथों का बना भोजन करना चाहिए। अपनी सगी बहन न होने पर चाचा, भाई, मामा आदि की पुत्री अथवा पिता की बहन के घर जाकर भोजन करना चाहिए। साथ ही भोजन करने के पश्चात बहन को गहने, वस्त्र आदि उपहार स्वरूप देना चाहिए इस दिन यमुनाजी में स्नान का विशेष महत्व है।
गिफ़्ट से प्यार को तौल कर इस रिश्ते का अपमान न करें, तथाकथित आधुनिकता में इसे लड़की लड़के का युद्ध मैदान न बनाएं। हाथ की पांचो अंगुलियां बराबर न होने पर सभी महत्त्वपूर्ण है। इसी तरह परिवार में सब बराबर हैं एक दूसरे के पूरक है। अध्यात्म में ठहराव और धैर्य की शक्ति की जरूरत होती है, इसलिए इस कठिन दायित्व को स्त्रियों ने उठाया हुआ है। अध्यात्म बल से पति और भाई को समुन्नत बनाने के लिये वो इसे ख़ुशी से करती हैं। घर के बाहर के शरीरिक बल के कठोर कार्य पुरुष ख़ुशी से अपने परिवार के लिए करते हैं।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाईन इण्डिया यूथ एसोसिएशन
Email:- sweta.awgp@gmsil.com
भाई बहन दोनों सुखी जीवन जीने के लिए निम्नलिखित पुस्तकें युगऋषि पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी की एक दूसरे को गिफ्ट में दें:-
1- सफलता के सात सूत्र साधन
2- आगे बढ़ने की तैयारी
3- प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
4- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
5- गृहस्थ एक तपोवन
29 अक्टूबर, 2019, मंगलवार
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भाई दूज, भाई- बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है, जिसे यम द्वितीया या भैया दूज (Bhaiya Dooj) भी कहते हैं। यह हिन्दू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक है, जिसे कार्तिक माह की शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है।
भाई दूज देश के बाहर भी मनाया जाता है। यह भाइयों और बहनों के बीच प्यार के बंधन को बढ़ाने के लिए रक्षा बंधन त्योहार की तरह है। इस शुभ दिन की बहनें अपने विशेष भाइयों की भलाई और कल्याण के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों के प्रति प्रेम दिखाने और उनकी देखभाल करने के लिए अपनी ताकत के अनुसार उपहार पेश करते हैं।
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पंचम दिन - *भैया दूज* , 29 अक्टूबर, 2019
*भाई दूज तिलक का समय* : 13:11:34 से 15:25:13 तक
*अवधि* : 2 घंटे 13 मिनट
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*भाई दूज पूजा विधि* (Bhai Dooj Puja Vidhi)
इस दिन सुबह पहले स्नान करके गायत्री, लक्ष्मी-विष्णु और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। बहन अपने हाथों से बना कुछ मीठा हलवा या मिठाई या खीर सर्वप्रथम तुलसी पत्र डालकर ईश्वर को भोग लगाएगी, और भाई बहन एक दूसरे के सद्बुद्धि के लिए, उज्जवल भविष्य के लिए, धन धान्य के लिए पांच घी के दीपक जलाकर पूजन करेगें और साथ साथ निम्नलिखित मन्त्र का पूजन घर में दोहराएंगे:-
24 गायत्री मन्त्र - *ॐ भूर्भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात्*
5 महामृत्युंजय मन्त्र - *ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्टि वर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्*
3 बार गणेश मन्त्र - *ॐ एक दन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्*
3 बार लक्ष्मी मन्त्र - *ॐ महालक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि। तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्*
3 बार विष्णु मन्त्र - *ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्*
मन्त्र जप के बाद आरती करके, बहन पूजा के थाल में तिलक, कलावा, और मीठा भोग लेगी। भाई के माथे पर टीका निम्नलिखित मन्त्र के साथ लगा कर उसकी लंबी उम्र और सद्बुद्धि की कामना करेगी। साथ में हल्दी वाले अक्षत भी माथे में लगाएगी।
*ॐ चन्दनस्य महत्पुण्यं, पवित्रं पापनाशनम्।*
*आपदां हरते नित्यम्, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा॥*
फ़िर बहन भाई के हाथ में निम्नलिखित मन्त्र पढ़ते हुए कलावा(रक्षासूत्र बांधेगी)।
*ॐ व्रतेन दीक्षामाप्नोति, दीक्षयाऽऽप्नोति दक्षिणाम्।*
*दक्षिणा श्रद्धामाप्नोति, श्रद्धया सत्यमाप्यते॥*
फिर बहन भाई को खीर/मीठा खिलायेगी।
भाई बहन को इसी तरह टीका लगाकर, कलावा बांधकर खीर/मीठा खिलायेगा।
दोनों एक दूसरे को वादा करेंगे, हम सुख दुःख में एक दूसरे का साथ देंगें, किसी भी कारण से भाई बहन के पवित्र रिश्ते को कलुषित नहीं होने देंगें।
इस दिन भाई को बहन के घर जाकर भोजन करना चाहिए। अगर बहन की शादी ना हुई हो तो उसके हाथों का बना भोजन करना चाहिए। अपनी सगी बहन न होने पर चाचा, भाई, मामा आदि की पुत्री अथवा पिता की बहन के घर जाकर भोजन करना चाहिए। साथ ही भोजन करने के पश्चात बहन को गहने, वस्त्र आदि उपहार स्वरूप देना चाहिए इस दिन यमुनाजी में स्नान का विशेष महत्व है।
गिफ़्ट से प्यार को तौल कर इस रिश्ते का अपमान न करें, तथाकथित आधुनिकता में इसे लड़की लड़के का युद्ध मैदान न बनाएं। हाथ की पांचो अंगुलियां बराबर न होने पर सभी महत्त्वपूर्ण है। इसी तरह परिवार में सब बराबर हैं एक दूसरे के पूरक है। अध्यात्म में ठहराव और धैर्य की शक्ति की जरूरत होती है, इसलिए इस कठिन दायित्व को स्त्रियों ने उठाया हुआ है। अध्यात्म बल से पति और भाई को समुन्नत बनाने के लिये वो इसे ख़ुशी से करती हैं। घर के बाहर के शरीरिक बल के कठोर कार्य पुरुष ख़ुशी से अपने परिवार के लिए करते हैं।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाईन इण्डिया यूथ एसोसिएशन
Email:- sweta.awgp@gmsil.com
भाई बहन दोनों सुखी जीवन जीने के लिए निम्नलिखित पुस्तकें युगऋषि पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी की एक दूसरे को गिफ्ट में दें:-
1- सफलता के सात सूत्र साधन
2- आगे बढ़ने की तैयारी
3- प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
4- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
5- गृहस्थ एक तपोवन
Kudos!!!!
ReplyDeleteI love this blog post on Bhai dooj.
I will use this year's wish SMS.