Wednesday, 2 October 2019

कुछ ऐसा करो कि तुमसा बेटा पाकर गर्व से तुम्हारा पिता मुस्कुराये

*कुछ ऐसा करो कि तुमसा बेटा पाकर गर्व से तुम्हारा पिता मुस्कुराये*

मेरे बेटे,
पापा ने थोड़ा क्या डांट दिया,
तुमने तो गुस्से में मुँह फुला लिया,
क्रोध में इतने भर गए कि,
तुम्हारा पिता है वो,
यह भी भूल गए।

मेरे बेटे,
क्या तुम जन्म से ही,
इतने बड़े हो,
क्या तुम जन्म से ही,
अपने पैरों में खड़े हो,
ज़रा सोचो,
जहां तक भी तुम पहुंचे हो,
पिता के अथक परिश्रम से पहुंचे हो,
उसका हाथ पकड़कर ही,
चलना सीखे हो।

जानते हो,
कितनी रात तुम्हें गोद मे लिए,
तुम्हारे प्रेम में जागा है,
सुबह वही थकी आँख लिए,
ऑफिस के लिए भागा है,
तुम्हारी अच्छी परवरिश के लिए,
कठिन परिश्रम करता है,
तुम्हारे उज्ज्वल भविष्य के लिए,
दिन रात दुआ करता है।

मेरे बेटे,
माना तुम्हारा पिता थोड़ा कठोर है,
उसकी डांट फ़टकार में थोड़ा ज़ोर है,
पर वो नारियल की तरह है,
बाहर से कठोर व भीतर से नरम है,
कुम्हार की तरह उसके शब्दों में,
भीतर से प्यार व ऊपर से फ़टकार है।

मेरे बेटे,
थोड़ा उसकी डांट के शब्दों पर,
सच्चे मन से रिसर्च करो,
थोड़ा उन शब्दों के पीछे छुपे भावों को,
गहराई से सर्च करो,
तुम्हारे लिए वो थोड़ा चिंतित है,
तुम कहीं भटक न जाओ,
इसलिए आशंकित है,
तुम्हारे प्यार में वो इंसान पागल है,
उसका गुस्सा तो मात्र एक नाटक है।

मेरे बेटे,
पिता की डांट को,
कड़वी दवा की तरह पी जाओ,
इस दवा का कोई साइड इफेक्ट,
अपना क्रोध मिलाकर न जगाओ,
उनके हिस्से का ज्ञान,
उन्हें समझा दूंगी,
अतः उसकी चिंता तुम मत करो,
तुम्हारा पॉइंट भी,
उन्हें समझा दूंगी,
अतः तुम शांत व सहज रहो।

मेरे बेटे,
तुम थोड़ा अपने पिता को,
समझने की कोशिश करो,
थोड़ा प्यार से,
उनसे दोस्ती करो,
अपने भविष्य का प्लान ऑफ एक्शन,
उनसे शेयर करो,
क्या, क्यों, कब और कैसे लक्ष्य तक पहुंचोगे,
यह सब उनसे भी डिसकस करो,
वो पुराने ज़माने के हैं,
उन्हें नए ज़माने को समझाओ,
उनसे उनके ज़माने के पहलू समझ के,
जो बेहतर हो उसे अमल में लाओ।

उन्हें शब्दों से नहीं कर्म से बताओ,
कि तुम बड़े और समझदार हो गए हो,
अपना अच्छा-बुरा सोचने के लिए,
अब तुम समर्थ और लायक हो गए हो,
अपनी बातों में तथ्य-तर्क-प्रमाण वाला वज़न लाओ,
हर एक बात को जड़ से लेकर फल तक समझाओ।

कुछ ऐसा कर दिखलाओ,
कि तुम्हारा पिता तुम्हारे समक्ष नतमस्तक हो जाये,
तुम्हारे ज्ञान व प्रभाव को,
ख़ुद महसूस कर पाए,
जाओ कुछ ऐसा करो कि,
सारा जग तुमसे प्रेरणा पाए,
तुमसा बेटा पाने को,
हर पिता ललचाये,
तुमसा बेटा पाकर,
गर्व से तुम्हारा पिता मुस्कुराये।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती, DIYA

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