प्रश्न - *गायत्री परिवार किस सम्प्रदाय में आता है?*
उत्तर - गायत्री परिवार - अच्छी सोच व भली नियत वाले लोगों का संगठन है, जिनको युगनिर्माण योजना हेतु परमपूज्य गुरुदेव ने एकत्रितकरण किया है। यह परमार्थकेंद्रित दृष्टिकोण से बनाया विश्व परिवार है। इस परिवार से कोई भी कभी भी किसी भी जाति, वर्ण, लिंग, सम्प्रदाय, देश, विदेश का व्यक्ति जुड़ सकता है। गायत्री मंत्र सार्वभौमिक मन्त्र इस परिवार की नींव है, जिसमें वैदिक सनातन संस्कृति और प्राचीन अध्यात्म विज्ञान से जन जन को लाभान्वित करना उद्देश्य है। वसुधैव कुटुम्बकम का भाव - पूरा विश्व एक परिवार है।
प्रत्येक मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण यही गायत्री परिवार का विजन व मिशन है। युग निर्माण जितना बड़ा इसका नाम है उतना ही बड़ा काम है। व्यक्तियों का समूह संगठन, ग्राम का समूह -शहर, शहर का समूह- राज्य, राज्य का समूह देश, देशों का समूह विश्व, विश्व जिस समय में अस्तित्व में है उस काल खंड को युग कहते हैं। युग अच्छा या बुरा इस बात पर निर्भर करता है कि उस काल खंड में लोगों का चरित्र-चिंतन-व्यवहार किस तरह की सोच पर टिका है। समूह का सद्चिन्तन से प्रेरित सद्व्यवहार व सत्कर्म ही सतयुग है, समूह का विकृत दुश्चिंतन से प्रेरित दुर्व्यवहार व दुष्कर्म ही कलियुग है। गायत्री परिवार विश्व की सोच को सद्चिन्तन में बदलने हेतु एक क्रांति कर रहा है - जिसे विचारक्रांति अभियान कहते हैं। बहुत बड़ी युगनिर्माण योजना है इसका स्वरूप एवं कार्यक्रम है जो सप्त आन्दोलन और शत सूत्रीय कार्यक्रम में वर्णित है, छोटी सी पोस्ट में सब समझाना मुश्किल है।
सम्प्रदाय स्वार्थकेन्द्रित संस्था होती है, जो किसी का अनुकरण करके उसकी बताई विधि का पालन करके तुच्छ स्वार्थकेन्द्रित दृष्टिकोण के साथ बनाया जाता है। एक सम्प्रदाय में दूसरे सम्प्रदाय से घृणा व द्वेष सिखाया जाता है। अतः गायत्री परिवार ऐसे किसी भी स्वार्थकेन्द्रित सम्प्रदाय का हिस्सा नहीं है। हम साम्प्रदायिकता को सपोर्ट नहीं करते है। हम कूप मण्डूकता को सपोर्ट नहीं करते।
🙏🏻श्वेता, DIYA
उत्तर - गायत्री परिवार - अच्छी सोच व भली नियत वाले लोगों का संगठन है, जिनको युगनिर्माण योजना हेतु परमपूज्य गुरुदेव ने एकत्रितकरण किया है। यह परमार्थकेंद्रित दृष्टिकोण से बनाया विश्व परिवार है। इस परिवार से कोई भी कभी भी किसी भी जाति, वर्ण, लिंग, सम्प्रदाय, देश, विदेश का व्यक्ति जुड़ सकता है। गायत्री मंत्र सार्वभौमिक मन्त्र इस परिवार की नींव है, जिसमें वैदिक सनातन संस्कृति और प्राचीन अध्यात्म विज्ञान से जन जन को लाभान्वित करना उद्देश्य है। वसुधैव कुटुम्बकम का भाव - पूरा विश्व एक परिवार है।
प्रत्येक मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण यही गायत्री परिवार का विजन व मिशन है। युग निर्माण जितना बड़ा इसका नाम है उतना ही बड़ा काम है। व्यक्तियों का समूह संगठन, ग्राम का समूह -शहर, शहर का समूह- राज्य, राज्य का समूह देश, देशों का समूह विश्व, विश्व जिस समय में अस्तित्व में है उस काल खंड को युग कहते हैं। युग अच्छा या बुरा इस बात पर निर्भर करता है कि उस काल खंड में लोगों का चरित्र-चिंतन-व्यवहार किस तरह की सोच पर टिका है। समूह का सद्चिन्तन से प्रेरित सद्व्यवहार व सत्कर्म ही सतयुग है, समूह का विकृत दुश्चिंतन से प्रेरित दुर्व्यवहार व दुष्कर्म ही कलियुग है। गायत्री परिवार विश्व की सोच को सद्चिन्तन में बदलने हेतु एक क्रांति कर रहा है - जिसे विचारक्रांति अभियान कहते हैं। बहुत बड़ी युगनिर्माण योजना है इसका स्वरूप एवं कार्यक्रम है जो सप्त आन्दोलन और शत सूत्रीय कार्यक्रम में वर्णित है, छोटी सी पोस्ट में सब समझाना मुश्किल है।
सम्प्रदाय स्वार्थकेन्द्रित संस्था होती है, जो किसी का अनुकरण करके उसकी बताई विधि का पालन करके तुच्छ स्वार्थकेन्द्रित दृष्टिकोण के साथ बनाया जाता है। एक सम्प्रदाय में दूसरे सम्प्रदाय से घृणा व द्वेष सिखाया जाता है। अतः गायत्री परिवार ऐसे किसी भी स्वार्थकेन्द्रित सम्प्रदाय का हिस्सा नहीं है। हम साम्प्रदायिकता को सपोर्ट नहीं करते है। हम कूप मण्डूकता को सपोर्ट नहीं करते।
🙏🏻श्वेता, DIYA
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