*हम हैं युगनिर्माणि*
हमारे सद्गुरु प्रज्ञावतार,
महाकाल का साक्षात हैं अवतार,
समस्या गिनने में,
वह यक़ीन नहीं रखते,
समाधान ढूँढने में,
वह सदा व्यस्त रहते हैं,
वह है पालनकर्ता,
वह ही है सृजनकर्ता,
वह हैं संघारकर्ता,
वह ही है जग पालन कर्ता।
हम हैं उनके युगनिर्माणि,
हम हैं आत्म स्वाभिमानी,
हम हैं उनके सृजन सैनिक हैं,
हाँ, हम ही हैं उनके अंगअवयव।
जब जब धर्म की हानि होती,
जब जब धरा पीड़ा से भरती,
तब तब महाकाल लेते अवतार,
तब तब कृपा करके,
हमें भी नर वानर रूप पे लाते साथ।
हमारा उनका नाता है अटूट,
उनकी परछाई बनकर चलते हैं साथ,
उनका हर आदेश हम पालते हैं,
उनके लिए ही जीते व मरते हैं।
अब उनकी इच्छा ही हमारी इच्छा,
अब उनके सपने ही हमारे सपने,
उनकी एक मुस्कुराहट के लिए,
तन मन धन, सब कुछ है अर्पण।
हम हैं उनके युगनिर्माणि,
हम हैं आत्म स्वाभिमानी,
हम हैं उनके सृजन सैनिक हैं,
हाँ, हम ही हैं उनके अभिन्न अंगअवयव।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
हमारे सद्गुरु प्रज्ञावतार,
महाकाल का साक्षात हैं अवतार,
समस्या गिनने में,
वह यक़ीन नहीं रखते,
समाधान ढूँढने में,
वह सदा व्यस्त रहते हैं,
वह है पालनकर्ता,
वह ही है सृजनकर्ता,
वह हैं संघारकर्ता,
वह ही है जग पालन कर्ता।
हम हैं उनके युगनिर्माणि,
हम हैं आत्म स्वाभिमानी,
हम हैं उनके सृजन सैनिक हैं,
हाँ, हम ही हैं उनके अंगअवयव।
जब जब धर्म की हानि होती,
जब जब धरा पीड़ा से भरती,
तब तब महाकाल लेते अवतार,
तब तब कृपा करके,
हमें भी नर वानर रूप पे लाते साथ।
हमारा उनका नाता है अटूट,
उनकी परछाई बनकर चलते हैं साथ,
उनका हर आदेश हम पालते हैं,
उनके लिए ही जीते व मरते हैं।
अब उनकी इच्छा ही हमारी इच्छा,
अब उनके सपने ही हमारे सपने,
उनकी एक मुस्कुराहट के लिए,
तन मन धन, सब कुछ है अर्पण।
हम हैं उनके युगनिर्माणि,
हम हैं आत्म स्वाभिमानी,
हम हैं उनके सृजन सैनिक हैं,
हाँ, हम ही हैं उनके अभिन्न अंगअवयव।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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