Saturday 14 December 2019

प्रश्न - *दी, कुछ माह पूर्व मुझे टायफाइड हुआ, उसके ठीक होने के कुछ दिन बाद मुझे मष्तिष्क ज्वर हो गया व मेरी यादाश्त तक चली गयी। बड़ी मुश्किल से यादाश्त वापस आई मगर कमज़ोरी है। अप्रैल में मेरी शादी है। मेरा मार्गदर्शन करिये*

प्रश्न - *दी, कुछ माह पूर्व मुझे टायफाइड हुआ, उसके ठीक होने के कुछ दिन बाद मुझे मष्तिष्क ज्वर हो गया व मेरी यादाश्त तक चली गयी। बड़ी मुश्किल से यादाश्त वापस आई मगर कमज़ोरी है। अप्रैल में मेरी शादी है। मेरा मार्गदर्शन करिये*

उत्तर- आत्मीय भाई, चिंता मत करो, शरीर है तो रोग होता रहेगा, रोग होगा तो इलाज भी मिलता है। स्वास्थ्य लाभ पुनः सबकुछ सही कर देगा।

एलोपैथी दवाएं जो चल रही है चलने दो साथ में निम्नलिखित उपाय अपनाओ:-

ब्राह्मी (जिसका वानस्पतिक नाम : Bacapa monnieri) का एक औषधीय पौधा है जो भूमि पर फैलकर बड़ा होता है। हरिद्वार के गंगा नदी के किनारे पाया जाने वाला सबसे ज्यादा गुणकारी है।

यह औषधि मष्तिष्क व मज़्ज़ा तंतुओं का पौष्टिक टॉनिक है। यह मष्तिष्क की थकान उतारकर उसे बल प्रदान करती है, स्नायुकोषों का पोषण करती है।

*रसायन संगठन*- ब्राह्मी में पाए जाने वाले मुख्य जैव सक्रिय पदार्थ हैं - एल्केलाइड और सेपोनिन।

*आधुनिक मत एवं वैज्ञानिक प्रयोग निष्कर्ष*

युगऋषि परमपूज्य गुरुदेव पुस्तक - जीवेम शरद: शतम (वांग्मय 41) में लिखते हैं कि ब्राह्मी तनाव(stress) समाप्त करके प्रशन्नता का भाव लाता है। सीखने की क्षमता बढ़ाता है। देर तक याद रखने की क्षमता बढ़ाता है। व्यक्ति की सम्वेदना तंतुओं में बाह्य संदेशों को ग्रहण करने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।

"ब्राह्मी" का एक रासायनिक घटक "हर्पेपोनिन" सीधे "पीनियल ग्रन्थि" पर प्रभाव डालकर "न्यूरोकेमिकल" का उत्सर्जन करके सचेतन चैतन्यता को बढ़ाता है जो मष्तिष्क की क्रियाओं के लिए अनिवार्य है। यह मानसिक बल वर्धक रसायन है, इसलिए गम्भीर मष्तिष्क बुखार , व्याधि ज्वर के बाद निर्बलता निवारण के लिए इसका प्रयोग करते हैं।

ब्राह्मी अनिंद्रा को भी दूर करता है, तुम्हारे रक्त विकार को भी दूर करेगा।

*ब्राह्मी वटी के साथ साथ अमृता(गिलोय) वटी का भी सेवन तीन महीने तक आयुर्वेद के चिकित्सक से पूंछ कर ले लो।*

*यह ब्राह्मी व अमृता वटी तुम्हारे मन मष्तिष्क व शरीर की क्षति पूर्ति करके पुनः ज्वर न आये यह सुनिश्चित करेगी। साथ ही तुम्हे चैतन्य व एक्टिव रखेंगी। ऑनलाइन भी उपलब्ध है- निम्नलिखित साइट से मंगवा लो-  https://www.awgpstore.com/*

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🔥 मष्तिष्क के कोषों तक डायरेक्ट दवा पहुंचाने का सर्व उपयोगी व उत्तम मार्ग है यगयोपैथी। एक बार शान्तिकुंज चले जाओ या देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार से मानसिक मजबूती की हवन सामग्री मंगवा लो। सुबह नित्य यज्ञ करो यह तुम्हारा मन मष्तिष्क चुस्त दुरुस्त कर देगा। ज्यादा जानकारी के लिए - पुस्तक - *यज्ञ चिकित्सा* पढ़ो

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चन्द्रमा का मन का स्वामी है व औषधियों को बल चन्द्रमा ही प्रदान करता है। अतः पूर्णिमा के चन्द्र का ध्यान तुम्हें बहुत मानसिक मजबूती देगा। निम्नलिखित वीडियो के अंत के 15 मिनट में श्रद्धेय ने चन्द्रमा का ध्यान बताया है:-

https://youtu.be/umAfVbaGWhw

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*20 मिनट प्राणायाम नित्य*- भ्रामरी, अनुलोम-विलोम, नाड़ीशोधन प्राणायाम मष्तिष्क की मजबूती, अच्छी याददाश्त व बुद्धिकुशलता बढाते है। शरीर निरोग रखते हैं।

*सूर्य नमस्कार के तीन चक्र नित्य करो* - बीमारी आने नहीं देता , सम्पूर्ण स्वास्थ्य का आधार है।

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नित्य 3 माला गायत्री मंत्र, 1 माला महामृत्युंजय मंत्र व 24 चन्द्र गायत्रीमंत्र की जपो। स्वयं की प्राण ऊर्जा बढ़ाओ, इम्म्युनिटी बढ़ाओ व निरोग रहो। घर मे सुख शांति लाओ।

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पुस्तक - *जीवेम शरद: शतम(वांग्मय 41)* एवं *यज्ञ चिकित्सा* खरीद लो। अपनी स्वास्थ्य प्रॉब्लम को समझते हुए व उनका उपचार करते हुए सौ वर्षों तक निरोगी जीवन जियो।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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