*साक्षात महाकाल मेरे सद्गुरु, फिर मुझे किस बात की चिंता?*
गुरुपूर्णिमा पर्व की आप सभी को शुभकामनाएं
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जंगल में भी मङ्गल मेरे लिए है,
तूफानों में भी शांति मेरे लिए है,
संसार में भी अध्यात्म मेरे लिए है,
गृहस्थ में भी तपोवन मेरे लिए है,
क्योंकि..
साक्षात महाकाल मेरे गुरु हैं..
ख़ुद की क़िस्मत पर इतराती हूँ,
ख़ुद की किस्मत पर इठलाती हूँ,
कलियुग के झंझावातों में भी नहीं घबराती हूँ,
गुरुभक्ति से नित्य सौभाग्य जगाती हूँ,
क्योंकि..
साक्षात महाकाल मेरे गुरु हैं..
जीवन में मेरे सर्वत्र गीत-सङ्गीत है,
प्रकृति के कण कण में दिखता सौंदर्य है,
मेरा हृदय शांत व निर्भय है,
जन जन मेरे लिए मित्रवत है,
क्योंकि..
साक्षात महाकाल मेरे गुरु हैं..
जीवन में कभी भटकती नहीं,
सफ़लता के मार्ग में कभी अटकती नहीं,
समस्या के अधर में कभी लटकती नहीं,
भय व चिंता के जाल में उलझती नहीं,
क्योंकि..
साक्षात महाकाल मेरे गुरु हैं..
गुरु की तस्वीर मेरा रक्षा कवच है,
गुरु का कार्य ही मेरा जीवन लक्ष्य है,
गुरु को समर्पित मेरा यह जीवन है,
गुरुमय मेरा सारा अस्तित्व है,
क्योंकि...
साक्षात महाकाल मेरे गुरु हैं..
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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