ज्योतिष व सभी धर्म ग्रंथ एक स्वर में यह मानते हैं कि सूर्य ग्रहों का राजा है, आत्मा का कारक है, स्वास्थ्य कारक है, बुद्धि कारक है और जॉब-व्यवसाय के लिए भी उत्तरदायी है। अतः कुंडली व जीवन में सूर्य की स्थिति अच्छी होनी अनिवार्य है। सूर्य को कुंडली एवं जीवन में व्यवस्थित करने एवं उनकी कृपा माने का सरल सहज मार्ग है - ग़ायत्री मन्त्र जप, उगते सूर्य का ध्यान, नाड़ी शोधन प्राणायाम और सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दान(जल चढ़ाना)।
जीवन सुखी चाहते हैं तो सूर्य की कृपा लेने हेतु उपरोक्त उपाय अपनाएं। आप किसी भी गुरु या धर्म से सम्बंध रखते हैं सभी उपरोक्त उपाय अपनाकर लाभ ले सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य श्वेता चक्रवर्ती
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