प्रश्न - पति देव वैसे तो खूब बात करेंगे लेकिन जैसे ही फैमिली इश्यू पर बात करो तो पहले तो सुनेंगे नहीं, यदि सुना तो उसे इग्नोर कर देंगे। उसे समाधान करने में न रुचि है और न ही फैमिली इश्यू के कारण जो मेरी परेशानी है उसकी उन्हे कोई परवाह है। क्या करूं?
उत्तर - जिस युद्ध में दोनो तरफ अपने हों, दोनो के आंसू से फर्क पड़ता हो तो किसके पक्ष में बोलें यह निर्णय बहुत कठिन होता है। एक तरफ खुद को जन्म देने वाली मां हो और दूसरी तरफ खुद के संतान की मां पत्नी हो तो किसका साथ दें कठिन निर्णय है।
अब स्त्रियां बहुत भावुक होती हैं और छोटी छोटी बातें उनके लिए बहुत मैटर करती हैं। वह बातें पुरुष जाति जो कि बहुत प्रैक्टिकल है और ऑफिस और जॉब में बड़ी बड़ी समस्या झेल रहा है, उसकी नजर में घर की छोटी समस्या उसे नजर ही नहीं आती इसलिए वह उसे इग्नोर कर देता है।
घर के झगड़ो का मुख्य कारण गृह में वर्चस्व और सत्ता की लड़ाई होती है। सास जी स्वयं को राजा और बहु को गुलाम समझती हैं। बहु सास की सत्ता को ध्वस्त कर स्वयं राज्य की इच्छुक हैं।
समझ की कमी और अहम युद्ध का कारण होता है। यदि आप निष्पक्ष और बुद्धि प्रयोग से घर के झगड़ो को देखेंगे तो पाएंगे कि बेवजह जबरन युद्ध रचा गया है।
बहु खाना बना रही है, सास आकर बस ताने मार दें कि खाना अब तक क्यों नहीं बना या अमुक बनना चाहिए था ये क्या बना दिया। बस युद्ध शुरू...
बहु को बाजार जाना है और सास ने मना कर दिया युद्ध शुरू...
बहु के मायके वालों के आगमन, उनसे फोन पर बात, बच्चे के पढ़ाई में कम नम्बर हो तो युद्ध शुरू..
बेटे ने मां के लिए कुछ लाया तो युद्ध शुरू...
बेटे ने पत्नी के लिए कुछ लाया तो युद्ध शुरू...
बहु के विवाह में 99 अच्छी व्यवस्था हो लेकिन यदि 1 कमी रही तो उसके ताने उम्रभर..युद्ध अनवरत चालू विवाह और दहेज पर...
बेटी की लाख बुराई माफ और बहु की एक बुराई का भी बखेड़ा बनाना... झगड़ा शुरू...
किसी रिश्तेदार के विवाह में क्या गिफ्ट देना है, सास और बहु में मतभेद और झगड़ा शुरू...
एक छोटा सा घर और उसका छोटा सा रसोईघर, मगर वह रसोईघर बड़े युद्ध का कारण बनता है, रोज खाना बनाने में किचकिच... अरे सास स्टाइल सेंडविच और बहु स्टाइल सेंडविच में क्या बनेगा यह भी युद्ध का कारण है...
रोज खाकर मल विसर्जन होना है, फिर भी जिह्वा का स्वाद पसंद भिन्न भिन्न युद्ध का कारण होगा ही...
एक कंपनी सम्हालने में जितना युद्ध नहीं होता उससे ज्यादा युद्ध एक चार कमरे के घर के कार्य को सम्हालने में युद्ध होता है।
एक दूसरे को नीचा दिखाने का युद्ध वस्तुत: नकारात्मक सोच और एक दूसरे के प्रति घृणा युद्ध का कारण है।
पुत्र पैदा करने का अहंकार इतना बड़ा होता है जितना बड़ा एक बहुत बड़ी कंपनी का मालिक होना होता है। इसको समझना और उन्हे समझाना बहुत कठिन है।
पत्नी बनने के बात पति पर एकाधिकार करना और पति की माता के पति पर अधिकार समाप्त करने की चाह युद्ध का कारण है।
सास का अपनी मां से तुलना करना, बेटी और बहु की तुलना युद्ध का कारण है।
पुरुष प्रधान समाज और स्त्री को हेय समझना युद्ध का कारण है।
समझ की कमी और अत्यधिक भावुक होकर दिनभर के गृह युद्ध की रिपोर्ट जब ऑफिस से थके हारे पति के समक्ष करते हैं तो वह निर्णय नहीं कर पाता कि वह क्या करे और कैसे इन झगड़ो का अंत करे। क्योंकि दोनो पार्टी उसे निष्पक्ष जज बनाने की इच्छुक नहीं है अपितु स्वयं के पक्ष पर पक्षपाती निर्णय चाहती हैं।
इन समस्याओं का समाधान स्वयं का सुधार करते हुए, एक दूसरे से बातचीत करके और सद्बुद्धि के प्रयोग से गृह युद्ध के अंत की आशा की जा सकती है।
पत्नी को पति को सैंडविच बनने से बचाना होगा। माता को बेटे को सैंडविच बनने से बचाना होगा। एक दूसरे को सास बहू को जो जैसा है वैसा स्वीकार करना होगा। बेटे को मां और पत्नी को साथ बिठाकर यह समझाने का प्रयास सप्ताह में एक बार करना होगा।
घर में अच्छी पुस्तको का स्वाध्याय इस समस्या को सुलझाने में मदद करेगा। सभी योग प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करें तो भी समस्या सुलझेगी।
दूसरे की प्रकृति समझ उसे सुधारने की जगह उसे हैंडल करने की कोशिश करें तो भी समस्या सुलझेगी।
घर में छोटी छोटी खुशियों को सप्ताह में एक बार जरूर उत्साह से मनाए।
यदि मां और बहु की नहीं बनती, तो बेटे को एक बार मां को अकेले रेस्टोरेंट में भोजन करवाते हुए समझाएं। पत्नी को अलग से रेस्टोरेंट ले जाकर बाहर समझाएं। फिर घर में एकता स्थापित करने का प्रयास वैसे ही करें जैसे कंपनी में कस्टमर को सम्हालने हेतु प्रयास करते हैं।
घर को चलाने में बुद्धि प्रयोग करें, भावुकता में रोना रोकर समय नष्ट न करें। प्रेम सेवा और सहकार से घर सम्हाले।
🙏श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ एसोसिएशन
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