"बदले की भावना छोड़ दें"
🖋️स्वेता चक्रवर्ती, गायत्री परिवार
बदला लेना, घाव को खुजलाने जैसा है,
यह अच्छा तो लगता है,
लेकिन स्वयं को ही, ज़्यादा नुकसान पहुँचाता है।
क्षमा करना, घाव पर मरहम लगाने जैसा है,
यह जिंदगी को आसान बनाता है।
बदले की भावना से, सिर्फ दर्द मिलता है,
क्षमा करने से ही, शांति और सुकून मिलता है..
बदले की भावना को छोड़ दें, क्रोध को खत्म होने दें,
अपने अंदर शांति का मार्ग खोजें,
अपने जीवन को बेहतर करें..
अपनी ऊर्जा को, स्वयं को ऊपर उठाने में,
और आगे बढ़ाने के लिए खर्चें,
अपनी अंतरात्मा से मार्गदर्शन लें,
स्वयं की उन्नति के लिए जो सही है वह चुनें,
बदले की भावना छोड़ें,
अपने जीवन को सही दिशा की ओर मोड़े...
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