*सुख का आधार*
कल के भुलावे में मत जियो,
इस क्षण और इस पल में जियो,
जो वक्त गुजर गया वापस न आएगा,
अतः बीते कल का रोना मत रोवो,
जो वक्त अभी आया ही नहीं,
उस आने वाले कल की चिंता में मत जियो,
इस क्षण और इस पल में जियो...
आज इस क्षण में जो कर रहे हो,
वही तुम्हारा बीता हुआ कल बनेगा,
आज इस क्षण में जो कर रहे हो,
वहीं तुम्हारे आने वाले कल का आधार बनेगा...
न बीते कल में सुख है,
न हीं आने वाले कल में सुख है,
सुख तो इसी पल इसी क्षण में है,
यदि तुम होशपूर्वक जी रहे हो, स्थितप्रज्ञ हो,
तो तुम आनन्द में हो, क्योंकि तुम इस पल में चैतन्य हो..
यदि तुम कामना वासना से ग्रस्त हो,
किसी से कुछ पाने की अपेक्षा में हो,
तो तुम कल भी दुःखी थे, आज भी दुःखी हो,
और आने वाले कल में भी दुःखी ही रहोगे...
स्वयं पर और उस परम् पिता पर विश्वास रखते हो,
और किसी से कुछ भी अपेक्षा नहीं रखते,
तो तुम कल भी सुखी थे, आज भी सुखी हो,
और आने वाले कल में भी सुखी ही रहोगे...
यदि क्रोध मोह और लोभ के बंधन में नहीं हो,
साथ ही इच्छाओं वासनाओं से परे हो तो,
जीवित रहते हुए ही तुम स्वर्ग में हो,
तुम बंधन मुक्त हो और तुम आंनद में हो..
💐श्वेता चक्रवर्ती
गायत्री परिवार, गुरुग्राम, हरियाणा, भारत
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