Monday 25 December 2017

क्या मृत्यु के बाद और अगले जन्म से पहले आत्मा का विकास सम्भव है?

प्रश्न - *Can a soul evolve after death in between death & next birth?*

*क्या मृत्यु के बाद और अगले जन्म से पहले आत्मा का विकास सम्भव है?*

😇🙏🏻 जी हाँ सम्भव है, लेकिन सिर्फ़ उनका जिनका सूक्ष्म शरीर और कारण शरीर विकसित हो।

उच्च कोटि की आत्माएं स्थूल शरीर के रहते ही सूक्ष्म और कारण शरीर को साध कर इतना विकसित कर लेती है क़ि बिना स्थूल के अवलम्बन के वो विकास कर सकती है और जप तप आध्यात्मिक यात्रा भी कर सकती हैं। सूक्ष्म लोको में विचरण कर सकती है। हिमालय के उच्च शिखरों में कई अशरीरी आत्माएं तप कर रही है, केवल उन्हें दिखती है जिनसे उन्हें अपना काम करवाना होता है।

😭😭😭 लेकिन जिन्होंने स्थूल शरीर के रहते सूक्ष्म और कारण शरीर को नहीं साधा, लोभ मोह अहंकार के चक्कर में पड़े रहे। मृत्यु के बाद और नए जन्म से पहले ये आत्माएं भटकती रहती है। इनके सूक्ष्म और कारण शरीर इतने विकृत और भयावह होते हैं क़ि मरने के बाद भी दुश्चिन्तन और दुष्ट कार्य में संलग्न रहते है। कुछ का लोभ-मोह अत्यधिक होने के कारण भूत बनके अपने छुपे धन और परिवार के आसपास मंडराते रहते हैं। अनेकों प्रकार के कष्ट भोगते हैं।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाईन इण्डिया एसोसिएशन

No comments:

Post a Comment

प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद्यमहे’, ' धीमही’ और 'प्रचोदयात्’ का क्या अर्थ है?

 प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद...