प्रश्न - *यज्ञ करने से पूर्व क्या खाना खा सकते हैं? भोजन करके क्या यज्ञ नहीं करना चाहिए या नहीं?*
उत्तर - यज्ञ से पूर्व केवल तरल रसों का आहार लें सकते है, ठोस आहार वर्जित है। यदि अत्यधिक भूख लगे तो फलाहार कर लें।
ठोस अन्न शरीर की प्राणवायु को 4 घण्टे तक 100% भोजन पाचन प्रक्रिया हेतु उपयोग में ले लेता है।
यज्ञ की औषधीय धूम्र श्वांस और रोमछिद्रों से प्रवेश कर शरीर मे पहुंचती है, प्राणवायु में मिलकर हृदय से समस्त शरीर तक पहुंच कर लाभान्वित करती है। जब प्राणवायु पाचन में व्यस्त नहीं होती तो उच्च केंद्रों पर विचरण करती है। मन्त्र शब्द सामर्थ्य से 24 दिव्य केंद्रों को जागृत करती है।
इसके लिए पेट हल्का होना जरूरी है, और प्राणवायु पाचन में व्यस्त न हो इसलिए भोजन से पूर्व यज्ञ का प्रावधान है।
उत्तर - यज्ञ से पूर्व केवल तरल रसों का आहार लें सकते है, ठोस आहार वर्जित है। यदि अत्यधिक भूख लगे तो फलाहार कर लें।
ठोस अन्न शरीर की प्राणवायु को 4 घण्टे तक 100% भोजन पाचन प्रक्रिया हेतु उपयोग में ले लेता है।
यज्ञ की औषधीय धूम्र श्वांस और रोमछिद्रों से प्रवेश कर शरीर मे पहुंचती है, प्राणवायु में मिलकर हृदय से समस्त शरीर तक पहुंच कर लाभान्वित करती है। जब प्राणवायु पाचन में व्यस्त नहीं होती तो उच्च केंद्रों पर विचरण करती है। मन्त्र शब्द सामर्थ्य से 24 दिव्य केंद्रों को जागृत करती है।
इसके लिए पेट हल्का होना जरूरी है, और प्राणवायु पाचन में व्यस्त न हो इसलिए भोजन से पूर्व यज्ञ का प्रावधान है।
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