*एक दिन बैठ कर साधना के वक्त विचार आया जैसे पेंशन होता है, क्या ऐसी कोई पुण्य के पेंशन की योजना हो सकती है?*
जब मैं बूढ़ी हो जाऊं तब भी पुण्य कर्म मेरे अकाउंट में आते रहें।
विचार आया, यह सम्भव है बिल्कुल सम्भव है। नए साधक बनाना, नए साहित्य विस्तार हेतु युगनिर्माणि तैयार करना अर्थात साधक का नए साधक का पौधा लगाना या जन्मदेना। जब गुरूकृपा और हमारी मेहनत से गढ़ा साधक साधना करेगा और गुरुकार्य करेगा तो एक अंश पुण्य हमें मिलेगा।
इस तरह पुण्य घट वृद्धावस्था में भी भरा रहेगा😇😇😇😇😇😇😇
जब मैं बूढ़ी हो जाऊं तब भी पुण्य कर्म मेरे अकाउंट में आते रहें।
विचार आया, यह सम्भव है बिल्कुल सम्भव है। नए साधक बनाना, नए साहित्य विस्तार हेतु युगनिर्माणि तैयार करना अर्थात साधक का नए साधक का पौधा लगाना या जन्मदेना। जब गुरूकृपा और हमारी मेहनत से गढ़ा साधक साधना करेगा और गुरुकार्य करेगा तो एक अंश पुण्य हमें मिलेगा।
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