मुझे यदि देश के शासन में हस्तक्षेप करने की अनुमति होती तो सबसे पहले देश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारती, क्योंकि यदि शिक्षक और विद्यार्थी जिस देश के निर्माण में जुट गए उस देश को व्यापार-वाणिज्य में सोने की चिड़िया और ज्ञान में विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता।
शिल्पकार की गलती से कुछ मूर्ति बिगड़ेंगी, मिस्त्री की गलती नींव में दब जाएगी और पेंट से छुप जायेगी, डॉक्टर की गलती कब्र में दब जाएगी, लेकिन एक शिक्षक की गलती सर्वत्र तबाही मचाएगी। युगऋषि पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य कहते है - कि शिक्षक बनना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि देश का भविष्य उसके हाथ मे है।
कोई चन्द्रगुप्त ही न होता अगर चाणक्य न होता।
शिल्पकार की गलती से कुछ मूर्ति बिगड़ेंगी, मिस्त्री की गलती नींव में दब जाएगी और पेंट से छुप जायेगी, डॉक्टर की गलती कब्र में दब जाएगी, लेकिन एक शिक्षक की गलती सर्वत्र तबाही मचाएगी। युगऋषि पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य कहते है - कि शिक्षक बनना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि देश का भविष्य उसके हाथ मे है।
कोई चन्द्रगुप्त ही न होता अगर चाणक्य न होता।
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