Thursday, 12 April 2018

प्रश्न - खेल में बेस्ट बनने के लिए और क्या करें?

प्रश्न - *मेरा बेटा अक्सर बाहर का पानी पीकर बीमार पड़ जाता है, हम शुध्द शाकाहारी भोजन करते हैं। लेकिन वो क्रिकेट में स्टेट लेवल पर खेलता है, उसके मेडल से घर भरा है। खाने पीने में ध्यान नहीं देता उसे कैसे समझाऊँ?*

उत्तर - बेटे को प्यार से पास में बिठाइए, और निम्नलिखित पॉइंट समझाइये :-

1- आप खेल में एक देश को रिप्रेजेंट  करेंगे भविष्य में, तब आप मैदान में एकेले नहीं होंगे लाखो देशवासियों की उम्मीदें आपके कंधो पर होंगी तो क्या आपके कंधे, शरीर और मन उन उम्मीदों को उठाने के लिए सक्षम है?..

2- आप खेल के साथ मज़ाक़ करना चाहते है या सिरियस हैं। आप अपनी जीभ से ज्यादा प्रेम करते हैं या खेल को? जीभ प्यारी है तो खेल जीवन शीघ्र ही समाप्त कर देगी। क्योंकि स्वाद हमेशा स्वास्थकर चीज़ों को खाने नहीं देगा। स्वास्थ्य नहीं बना तो खोखले शरीर से ज्यादा दूर तक खेल का सफर चल न सकेगा।

3- यदि खेल जीवन में सबकुछ तुम्हारे लिए है तो शरीर को उच्च गुणवत्ता का प्रोटीन और मिनरल युक्त भोजन करना पड़ेगा, जो शायद तुम्हारी जीभ को पसन्द नहीं आएगा। अंकुरित दालें, दूध, दही, छाछ, मक्खन, हरी सब्जियां इत्यादि खाना पड़ेगा। मैगी और पास्ता जीभ को अच्छे लगते हैं लेकिन शरीर को कुछ भी देने में यह अक्षम हैं। शरीर जितना स्वस्थ होगा मन भी उतना स्वस्थ बनेगा।

4- विराट कोहली नित्य रोज अन्य खिलाड़ी से ज्यादा वर्कआउट और योग-व्यायाम करता है, इसलिए मैदान में ज्यादा रन बनाता है। ओलम्पिक में कम समय मे दौड़ पूरी करने के लिए घण्टों नित्य सबसे ज्यादा अन्य खिलाड़ियों से ज्यादा दौड़ना पड़ता है।

5- खेल सिर्फ शरीर से नहीं खेला जाता। खेल दिमाग़ से खेला जाता है। यदि बैट्समैन बॉलर को जज कर लिया तो उस बॉल पर चौका या छक्का अवश्य पड़ेगा। लेकिन यदि बॉलर ने शरीर के हाव भाव से बॉलिंग की पोज़िशन कुछ दिखाई लेकिन बॉल को दी बैट्समैन की सोच से ऊपर गेंद तो आउट होना निश्चित है। हमें मैदान में विरोधी टीम और खिलाड़ी के दिमाग से खेलना होता है शरीर से नहीं, अतः दिमाग़ के व्यायाम हेतु ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है।

6- शरीर की उछल कूद, व्यायाम और वर्कआउट से दिमाग का व्यायाम नहीं होता। दिमाग की मजबूती हेतु लयबद्ध श्वांस (प्राणायाम) 15 मिनट, ध्यान 15 मिनट, 15 मिनट नित्य अच्छी पुस्तकों का स्वाध्याय और 15 मिनट गायत्री मंत्र लेखन अनिवार्य है। लेखन में दाहिने हाथ से 10 मन्त्र और बाएं हाथ से 10 मन्त्र पुस्तिका में लिखे।

7- जब जीभ और मन पर नियंत्रण कर उन पर विजय प्राप्त कर लोगे, मैदान के कोलाहल में भी हिमालय सी शांति मन में रख के बैटिंग के वक्त गेंद पर ध्यान केंद्रित कर सके और बॉलिंग के वक्त विकेट पर तो तुम्हारी विश्वविजय को कोई रोक न सकेगा।

जिंदगी के प्रत्येक क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनो, अपना 100% दो बाकी गुरुदेव पर छोड़ दो। खेल और जीभ में से एक का चयन करना पड़ेगा। दो नाव पर सवारी सम्भव नहीं है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की नींव पर ही खेल का भविष्य निर्भर है।

आपके बच्चे के सद्बुद्धि, शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक विकास के लिए हम गुरुदेव से प्रार्थना करते हैं।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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