*यज्ञ से जीवन शिक्षण वर्कशॉप
*
स्कूल - माध्यमिक स्कूल , बढ़ा, गुरुग्राम, हरियाणा
टॉपिक कवर किये गए-
1- यज्ञ का जीवन मे महत्त्व
2- यज्ञमय जीवन के सूत्र
3- तीन शरीर (स्थूल - कारण - सूक्ष्म)
4- तीन शक्तियां ( क्रिया शक्ति, भाव शक्ति और विचार शक्ति) , इन तीनो के समायोजन से ही जीवन लक्ष्य की प्राप्ति
5- बच्चे सोकर उठें तो पृथ्वी और माता पिता के पैर क्यों छुएं इसके लाभ, उसके बाद उषा पान, ताड़ासन इत्यादि योग, फिर फ्रेश होने जाएं, नहाएं, तीन बार डीप ब्रीदिंग, तीन बार ॐ और गायत्री मंत्र जपकर स्कूल आएं और पढ़ने बैठे। जो बच्चा उषा पान करके फ्रेश होकर पेट साफ करके नही आएगा उसके पेट मे कब्ज होगा और वो बीमारी को पालेगा।
6- जीवन मे समस्त रोगों की जड़ पेट और मन। दोनों यदि साफ और परिष्कृत रहे तो इंसान स्वस्थ रहेगा। साथ ही सन्तुलित भोजन पेट को और अच्छे विचार मन को मिले तो स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन वाला बच्चा तरक्की करेगा।
7- अध्यापक गण को यग्योपैथी, गर्भ सँस्कार और बलिवैश्व यज्ञ के बारे में बताया।
8- मन्त्रलेखन पुस्तिका बच्चो के साथ अध्यापक गण को भी बांटी
9- अच्छी पुस्तको के स्वाध्याय पर बल दिया।
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स्कूल - माध्यमिक स्कूल , बढ़ा, गुरुग्राम, हरियाणा
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1- यज्ञ का जीवन मे महत्त्व
2- यज्ञमय जीवन के सूत्र
3- तीन शरीर (स्थूल - कारण - सूक्ष्म)
4- तीन शक्तियां ( क्रिया शक्ति, भाव शक्ति और विचार शक्ति) , इन तीनो के समायोजन से ही जीवन लक्ष्य की प्राप्ति
5- बच्चे सोकर उठें तो पृथ्वी और माता पिता के पैर क्यों छुएं इसके लाभ, उसके बाद उषा पान, ताड़ासन इत्यादि योग, फिर फ्रेश होने जाएं, नहाएं, तीन बार डीप ब्रीदिंग, तीन बार ॐ और गायत्री मंत्र जपकर स्कूल आएं और पढ़ने बैठे। जो बच्चा उषा पान करके फ्रेश होकर पेट साफ करके नही आएगा उसके पेट मे कब्ज होगा और वो बीमारी को पालेगा।
6- जीवन मे समस्त रोगों की जड़ पेट और मन। दोनों यदि साफ और परिष्कृत रहे तो इंसान स्वस्थ रहेगा। साथ ही सन्तुलित भोजन पेट को और अच्छे विचार मन को मिले तो स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन वाला बच्चा तरक्की करेगा।
7- अध्यापक गण को यग्योपैथी, गर्भ सँस्कार और बलिवैश्व यज्ञ के बारे में बताया।
8- मन्त्रलेखन पुस्तिका बच्चो के साथ अध्यापक गण को भी बांटी
9- अच्छी पुस्तको के स्वाध्याय पर बल दिया।
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