प्रश्न - *यज्ञ के लिए सबसे शुभ मुहूर्त क्या है?*
उत्तर - शुभ मुहूर्त देखकर उत्तम बेला में शुभ कर्म करना सदा ही उचित है पर अनावश्यक रूप से अधिक लंबे समय तक मुहूर्त आदि की अड़चन के कारण उसे टालना ठीक नहीं। क्योंकि टालने से आज का उत्साह एवं सत्संकल्प ठण्डा पड़ सकता है या कोई अन्य विघ्न उसमें रोड़ा अटका सकता है इसलिए शुभ कार्य को शीघ्र करना उचित है।
यदैव जायते वित्तं चितं श्रद्धा समन्वितम्।
तदैव पुण्यकालोऽयं यतोऽनियत् जीवितम्
अतः सर्वेष कालेषु रुद्रयज्ञ शुभप्रदः॥
-परशुरामः
जब पैसे की सुविधा हो, जब चित्त में श्रद्धा हो तभी पुण्य काल (शुभ मुहूर्त) है। क्योंकि इस नाशवान जीवन का कोई समय नहीं। रुद्र यज्ञ के लिए सभी समय शुभ है।
उत्तर - शुभ मुहूर्त देखकर उत्तम बेला में शुभ कर्म करना सदा ही उचित है पर अनावश्यक रूप से अधिक लंबे समय तक मुहूर्त आदि की अड़चन के कारण उसे टालना ठीक नहीं। क्योंकि टालने से आज का उत्साह एवं सत्संकल्प ठण्डा पड़ सकता है या कोई अन्य विघ्न उसमें रोड़ा अटका सकता है इसलिए शुभ कार्य को शीघ्र करना उचित है।
यदैव जायते वित्तं चितं श्रद्धा समन्वितम्।
तदैव पुण्यकालोऽयं यतोऽनियत् जीवितम्
अतः सर्वेष कालेषु रुद्रयज्ञ शुभप्रदः॥
-परशुरामः
जब पैसे की सुविधा हो, जब चित्त में श्रद्धा हो तभी पुण्य काल (शुभ मुहूर्त) है। क्योंकि इस नाशवान जीवन का कोई समय नहीं। रुद्र यज्ञ के लिए सभी समय शुभ है।
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