Monday 11 June 2018

मन की साफ सफाई - बाल सँस्कार शाला

*बाल सँस्कार शाला*

*टॉपिक- मन की साफ सफाई, मन के व्यायाम, भोजन और उचित आराम की व्यवस्था तो कर रहे हो न?*

एक दर्जी था, वो बड़े अच्छे अच्छे कपड़ें सिलता था। उसने अपने व्यवसाय की शुरुआत उस सिलाई मशीन से की थी जो उसकी माँ ने दिया था। एक दिन उसे लगा कि मैंने मां की दी हुई मशीन से बहुत काम ले लिया इसे आराम देना चाहिए। और उसने उस सिलाई मशीन को बन्द करके रख दिया। कुछ महीनों बाद उसी मां तीर्थ यात्रा से लौटी तो बोली बेटा मेरे हाथों दी गयी मशीन कहाँ है? बेटा ले आया, मां ने ज्यों ही मशीन चलाने की कोशिश की वो मशीन ज़ाम हो गई और चली ही नहीं। माँ ने पूछा बेटे इतनी अच्छी मशीन का बुरा हाल क्यो हुआ। तो बेटे ने बताया कि मैंने तो इस मशीन के भले के लिए इसे कुछ महीनों का आराम दिया था।

माँ ने कहा, बेटा सिलाई मशीन हो या अपना दिमाग़ इससे काम न लोगे और इसका नियमित रख रखाव नहीं करोगे तो इसमें जंग लग जायेगा और ये खराब हो जाएगा किसी काम का नहीं रहेगा। बेटे को अपनी भूल का अहसास हुआ।

*अब ये बताओ कहीं ये दर्जी वाली गलती तुम लोग तो नहीं कर रहे, मन की साफ सफाई, मन के व्यायाम, भोजन और आराम की व्यवस्था तो कर रहे हो न???*

बच्चों दिमाग़ के नियमित रखरखाव के लिए युगऋषि परमपूज्य गुरुदेव ने कुछ नियम बतायें हैं। यदि ये आप अपनाओगे तो आपका दिमाग हमेशा चुस्त दुरुस्त और एक्टिव रहेगा।

सबसे पहले दिमाग़ की क्लिनिग/साफ़ सफ़ाई का तरीका सीखते हैं। गायत्री मंत्र का जप और उगते हुए सूर्य का ध्यान कीजिये। इससे न सिर्फ़ दिमाग का कचरा साफ होगा, बल्कि इससे दिमाग चार्ज भी होगा। शक्ति भी मिलेगी।

दिमाग़ की सफाई तो हो गयी, अब उसे कुछ खाने को दो। अच्छा पेट को यदि खाना न मिले तो क्या होगा, शक्ति नहीं रहेगी शरीर में, सुस्ती आएगी। ऐसा ही होगा न...बिल्कुल ऐसा होगा...

पेट के खाने से दिमाग़ के हार्डवेयर को भोजन मिलता है, लेकिन दिमाग का सॉफ्टवेयर पार्ट मन जो कि देखा नहीं जा सकता उसे भोजन तो विचारों से ही मिलेगा। वो तो विचार ही भोजन में ग्रहण करता है। तो अच्छी अच्छी पुस्तकें, बाल निर्माण की कहानियां इत्यादि पढ़िए और दिमाग-मन को भोजन दो। जिसमे यह पहलवान की तरह स्ट्रांग हो जाये।

अब मन को आराम कैसे दोगे। अब आप सोचोगे सोकर, न हीं। सोने से तो शरीर सोता है मन नहीं सोता। वो तो और ज्यादा मेहनत करता है, क्योंकि उसे आपको सपने पूरी रात दिखाना पड़ता है।

जिस प्रकार शरीर का भोजन पेट मे जाता है, उससे मन को भोजन नहीं मिलता। मन को भोजन स्वाध्याय से मिलता है। इसी तरह मन का आराम प्रक्रिया अलग है। केवल ध्यान की गहराई से मन को आराम मिलता है, मन की थकान दूर होती है।


तो आइये बच्चो आज की बाल सँस्कार शाला में हम दिमाग़ व मन के लिए निम्नलिखित विधियां सीखेंगे:-

1- दिमाग/मन की सफाई और चार्जिंग हेतु गायत्री मंत्र जप और ध्यान
2- मन के व्यायाम हेतु योग-प्राणायाम
3- मन के भोजन हेतु स्वाध्याय
4- मन को आराम देने हेतु ध्यान, योगनिद्रा और शिथलीकरण

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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