सपेरे के लिए सर्प भी एक खेल बन जाता है,
जिसके जहर से सारी दुनियां भय खाता है।
भय का कारण सर्प पकड़ने का हुनर न होना है,
निर्भय सपेरा सर्प पकड़ने में माहिर होता है।
कुशल ड्राइवर गड्ढों से नहीं डरता है,
और भीड़भाड़ वाली रोड में भी,
गाड़ी आराम से चलाता है,
गाना गुनगुनाते हुए सफर का मज़ा लेता है,
क्योंकि गाड़ी चलाने में वो माहिर होता है।
जो तप की अग्नि में स्नान करता है,
काल के कपाल पर अपना नाम लिखता है,
जो हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला करता है,
जो हर परिस्थिति में मुस्कुराना जानता है,
जो मनःस्थिति ठीक रखना जानता है,
वो ही जीवन *जीने की कला* में माहिर होता है।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
आज ही निम्नलिखित लिंक पर जाकर जीवन *जीने की कला* पुस्तक पढ़े, और *आनंदमय जीवन के राजमार्ग* की ओर बढ़े।
http:// vicharkrantibooks .org /vkp_ecom /Jivan_Jine_Ki_Kala_Hindi
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निर्भय सपेरा सर्प पकड़ने में माहिर होता है।
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और भीड़भाड़ वाली रोड में भी,
गाड़ी आराम से चलाता है,
गाना गुनगुनाते हुए सफर का मज़ा लेता है,
क्योंकि गाड़ी चलाने में वो माहिर होता है।
जो तप की अग्नि में स्नान करता है,
काल के कपाल पर अपना नाम लिखता है,
जो हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला करता है,
जो हर परिस्थिति में मुस्कुराना जानता है,
जो मनःस्थिति ठीक रखना जानता है,
वो ही जीवन *जीने की कला* में माहिर होता है।
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