*ध्यान का लाभ तुरन्त मिलता है*
गर्मी की छुट्टी में जून 2018 के महीने में सपरिवार गायत्री तपोभूमि मथुरा , जबलपुर, नोएडा, अहमदाबाद कई जगह जाना हुआ। इसी बीच मेड भी पुरानी चली गयी और नई आयी है।
बेटे का स्कूल खुलने का समय हो गया, वो अपनी एक कॉपी ढूढने में सारा घर ढूंढने में लग गया लेकिन मिल नहीं रही थी। आज जब उसने पापा जो कि अभी ऑफिस में है से फोन पर बात कर परेशानी बताई कि कॉपी नहीं मिल रही, सब जगह ढूंढ लिया और उसे याद भी नहीं आ रहा था कि कहां किसके घर छोड़ दिया या घर पर है, तो पापा ने प्यार से उससे कहा कि *बेटा बाहर ढूढ़ने से पहले ध्यान में बैठो और कॉपी को मन मे ढूंढो*। *पिछले एक महीने की गतिविधि को अन्तर्मन की टीवी में चला कर देखो*। कॉपी मिल जाएगी, क्योंकि तब तुम सही दिशा पा जाओगे कि ढूढना कहाँ है।
9 वर्षीय आदित्य बेटे ने पापा की बात मानकर ध्यान किया आंखे बंद करके, 5 बार गायत्री मंत्र जप के आती जाती श्वांस पर ध्यान केंद्रित करने के बाद पिछले एक महीने में कब कहाँ गया था और वो कॉपी कहाँ कहाँ ले गया था उसने अन्तर्मन में देखना और ढूंढना शुरू किया। उसे याद आया कि 20 जून को मॉसी के घर कॉपी ले गया था और वहां से कपडों वाले बैग में लाया था। तब से उसने नहीं देखा। फिर बैग का ध्यान किया कि वो कहाँ रखा तो याद आया वो तो आलमारी में रखा है। इस तरह ध्यान का लाभ उसे तुरंत मिला। कॉपी मिल गयी😇😇😇
बच्चा हो या बड़ा, खोज यदि अन्तर्मन में पहले शुरू हुई तो सही दिशा में होगी और लक्ष्य तक पहुंचेगी। *सुकून और आनंद की तलाश ध्यानस्थ हो अन्तर्मन से करें तो हमे भी सही दिशा धारा मिल ही जाएगी।*
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
गर्मी की छुट्टी में जून 2018 के महीने में सपरिवार गायत्री तपोभूमि मथुरा , जबलपुर, नोएडा, अहमदाबाद कई जगह जाना हुआ। इसी बीच मेड भी पुरानी चली गयी और नई आयी है।
बेटे का स्कूल खुलने का समय हो गया, वो अपनी एक कॉपी ढूढने में सारा घर ढूंढने में लग गया लेकिन मिल नहीं रही थी। आज जब उसने पापा जो कि अभी ऑफिस में है से फोन पर बात कर परेशानी बताई कि कॉपी नहीं मिल रही, सब जगह ढूंढ लिया और उसे याद भी नहीं आ रहा था कि कहां किसके घर छोड़ दिया या घर पर है, तो पापा ने प्यार से उससे कहा कि *बेटा बाहर ढूढ़ने से पहले ध्यान में बैठो और कॉपी को मन मे ढूंढो*। *पिछले एक महीने की गतिविधि को अन्तर्मन की टीवी में चला कर देखो*। कॉपी मिल जाएगी, क्योंकि तब तुम सही दिशा पा जाओगे कि ढूढना कहाँ है।
9 वर्षीय आदित्य बेटे ने पापा की बात मानकर ध्यान किया आंखे बंद करके, 5 बार गायत्री मंत्र जप के आती जाती श्वांस पर ध्यान केंद्रित करने के बाद पिछले एक महीने में कब कहाँ गया था और वो कॉपी कहाँ कहाँ ले गया था उसने अन्तर्मन में देखना और ढूंढना शुरू किया। उसे याद आया कि 20 जून को मॉसी के घर कॉपी ले गया था और वहां से कपडों वाले बैग में लाया था। तब से उसने नहीं देखा। फिर बैग का ध्यान किया कि वो कहाँ रखा तो याद आया वो तो आलमारी में रखा है। इस तरह ध्यान का लाभ उसे तुरंत मिला। कॉपी मिल गयी😇😇😇
बच्चा हो या बड़ा, खोज यदि अन्तर्मन में पहले शुरू हुई तो सही दिशा में होगी और लक्ष्य तक पहुंचेगी। *सुकून और आनंद की तलाश ध्यानस्थ हो अन्तर्मन से करें तो हमे भी सही दिशा धारा मिल ही जाएगी।*
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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