प्रश्न - *कम्पटीशन की पढ़ाई और चन्द्रायण साधना अनुष्ठान के दौरान एक्टिव कैसे रहें? साधना के दौरान नींद और आलस्य न आये इसके लिए क्या करें?*
उत्तर - बड़े अनुष्ठान हो या कम्पटीशन की पढ़ाई, जहां दो घण्टे बैठकर स्थिर होने की बात आई, कि नींद हमारी मनोकामना को बर्बाद करने पहुंच जाती है।
नींद - आने का सिग्नल मनोवैज्ञानिक कहते है तब मष्तिष्क को मिलता है, जब स्थिर और सुस्त शरीर से लेक्टिक एसिड का रिसाव होता है और वो ऑक्सीजन-प्राणवायु को ज़्यादा consume कर लेता है। कम ऑक्सीज़न दिमाग़ में पहुंचते ही दिमाग़ सुस्त होता है और नींद आ जाती है।
आपने ध्यान दिया होगा अगर कमर सीधी हो और आप जागरूक बैठे हों तो नींद नहीं आती। लेकिन जैसे ही कमर हल्की सी मुड़ी शरीर रिलैक्स हुआ कि 15 मिनट के अन्दर नींद आने लग जायेगी।
तो क्या करें चन्द्रायण अनुष्ठान की 30 माला हो या कम्पटीशन की पढ़ाई, दोनों में दिमाग़ का चैतन्य होना और उस तक अधिक ऑक्सीज़न पहुंचना अनिवार्य है।
तो टिप्स चैतन्य जागने के:-
1- जप से पूर्व पानी पी कर बैठें
2- जप से पूर्व डीप ब्रीथिंग और प्राणायाम अधिक ऑक्सीजन दिमाग़ में पहुंचाने हेतु करें।
3- कमर कोशिश करके सीधी रखें, बीच बीच पर नज़र रखें
4- ध्यान करते वक़्त बीच बीच में मुख्य ऑब्जेक्ट के साथ सहायक दृश्य की भी कल्पना करते रहें। इससे चैतन्यता बनी रहेगी।
5- जप के समय अनामिका, मध्यमा और अंगूठे की सहायता से जप करें। अनामिका की माला की मोती रगड़ना से हृदय तक सन्देश पहुंचेगा। और चैतन्यता बनी रहेगी रक्त ऑक्सीज़न अधिक लेकर दिमाग़ तक भेजेगा। पढ़ते समय पेन अनामिका और मध्यमा के बीच फंसा के हिलाये। या मष्तिष्क को आंख के आसपास हल्के हाथों से प्रेशर देते हुए दबाएं।
6- जैसे ही नींद आने लगे खड़े हो जाएं, थोड़ा पूजन कक्ष में चल लें। फिर थोड़ा जल पी लें। तीन बार डीप ब्रीथिंग और प्राणायाम करके दिमाग में ऑक्सीज़न पहुंचा दें।
7- तीन बार जोर से गम्भीर आवाज में ॐ दीर्घ स्वर में बोल लें। फ़िर जप में या पढ़ने बैठ जाएं।
नींद आना कोई समस्या नहीं है,मात्र मनोशारीरिक व्यवस्था है। टिप्स एंड टेक्निक अपनाएं और चन्द्रायण साधना को सफ़ल बनाएं।
सुबह उठकर सूक्ष्म व्यायाम, walk और अन्य योग द्वारा शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बढ़िया रखें। सुबह उठ कर जल घूंट घूंट कर पीना न भूलें।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - बड़े अनुष्ठान हो या कम्पटीशन की पढ़ाई, जहां दो घण्टे बैठकर स्थिर होने की बात आई, कि नींद हमारी मनोकामना को बर्बाद करने पहुंच जाती है।
नींद - आने का सिग्नल मनोवैज्ञानिक कहते है तब मष्तिष्क को मिलता है, जब स्थिर और सुस्त शरीर से लेक्टिक एसिड का रिसाव होता है और वो ऑक्सीजन-प्राणवायु को ज़्यादा consume कर लेता है। कम ऑक्सीज़न दिमाग़ में पहुंचते ही दिमाग़ सुस्त होता है और नींद आ जाती है।
आपने ध्यान दिया होगा अगर कमर सीधी हो और आप जागरूक बैठे हों तो नींद नहीं आती। लेकिन जैसे ही कमर हल्की सी मुड़ी शरीर रिलैक्स हुआ कि 15 मिनट के अन्दर नींद आने लग जायेगी।
तो क्या करें चन्द्रायण अनुष्ठान की 30 माला हो या कम्पटीशन की पढ़ाई, दोनों में दिमाग़ का चैतन्य होना और उस तक अधिक ऑक्सीज़न पहुंचना अनिवार्य है।
तो टिप्स चैतन्य जागने के:-
1- जप से पूर्व पानी पी कर बैठें
2- जप से पूर्व डीप ब्रीथिंग और प्राणायाम अधिक ऑक्सीजन दिमाग़ में पहुंचाने हेतु करें।
3- कमर कोशिश करके सीधी रखें, बीच बीच पर नज़र रखें
4- ध्यान करते वक़्त बीच बीच में मुख्य ऑब्जेक्ट के साथ सहायक दृश्य की भी कल्पना करते रहें। इससे चैतन्यता बनी रहेगी।
5- जप के समय अनामिका, मध्यमा और अंगूठे की सहायता से जप करें। अनामिका की माला की मोती रगड़ना से हृदय तक सन्देश पहुंचेगा। और चैतन्यता बनी रहेगी रक्त ऑक्सीज़न अधिक लेकर दिमाग़ तक भेजेगा। पढ़ते समय पेन अनामिका और मध्यमा के बीच फंसा के हिलाये। या मष्तिष्क को आंख के आसपास हल्के हाथों से प्रेशर देते हुए दबाएं।
6- जैसे ही नींद आने लगे खड़े हो जाएं, थोड़ा पूजन कक्ष में चल लें। फिर थोड़ा जल पी लें। तीन बार डीप ब्रीथिंग और प्राणायाम करके दिमाग में ऑक्सीज़न पहुंचा दें।
7- तीन बार जोर से गम्भीर आवाज में ॐ दीर्घ स्वर में बोल लें। फ़िर जप में या पढ़ने बैठ जाएं।
नींद आना कोई समस्या नहीं है,मात्र मनोशारीरिक व्यवस्था है। टिप्स एंड टेक्निक अपनाएं और चन्द्रायण साधना को सफ़ल बनाएं।
सुबह उठकर सूक्ष्म व्यायाम, walk और अन्य योग द्वारा शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बढ़िया रखें। सुबह उठ कर जल घूंट घूंट कर पीना न भूलें।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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