प्रश्न - *दी, मेरी पत्नी के सर में दर्द और घबराहट रहती है, कोई न कोई परेशानी लगी रहती है। ऐसा लगता है किसी ने टोना-टोटका-तंत्र-अभिचार किया हुआ है। गायत्री यज्ञ और साधना में क्या इसका उपचार है? मार्गदर्शन करें..*
उत्तर - आत्मीय प्रिय भाई, पहले तंत्र-टोटके-टोना को समझते हैं कि ये कितना सत्य है?
तंत्र एक पूर्ण विज्ञान है, जिसमें मारण, मोहन, उच्चाटन, वशीकरण इत्यादि किये जाते है। उसकी भारी प्रक्रियाएँ वैज्ञानिक हैं। यह अपरा प्रकृति को नियंत्रित कर शक्ति का उपार्जन करता है। शक्ति−संग्रह का तरीका यहाँ तामसिक है और सीधे भौतिक परमाणुओं को नियमित कर ऐसा किया जाता है। भौतिक शक्तियों पर नियंत्रण स्थापित करना साधारण बात नहीं, सावधानी और साहस का काम है। उसमें तनिक भी असावधानी हुई नहीं कि प्राण−संकट सामने आ उपस्थित होते हैं। इसलिए यह विधा हर एक के लिए सुलभ नहीं, वह सत्पात्रों के निमित्त ही सुरक्षित है, टोने टोटके और अभिचार में बिन मन्त्र और यंत्र के काम नहीं करते। किसी श्रेष्ठ सद्गुरु के मार्गदर्शन में ही किए जाने योग्य होते है।
कई वर्ष की कष्टसाध्य तपस्या के बाद सिद्धि मिलती है। वेद, पुराण, उपनिषद में कहीं भी तंत्र के बारे में नहीं लिखा। अथर्वण के कुछ गर्न्थो में सबसे पहले तंत्र के बारे में लेख मिले है। पूरे विश्व मे लगभग 9 लाख तंत्र के श्लोक उपलब्ध है। उनमें से एक लाख के करीब भारत मे लिखे गए। बौद्ध धर्म के वज्रयान सम्प्रदाय ने बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में तंत्र का सहारा लिया था। रेकी वगैरह भी तंत्र और प्राणचिकित्सा पर ही आधारित है। यंत्रों की संरचना भी रेखागणित के नियमो पर आधारित है।
*अब आप ही बताओ इतनी कठिन विद्या को सीखने वाला दो चार हज़ार रुपये में किसी का बुरा किसी के कहने पर करेगा? बिल्कुल नहीं करेगा, यदि वो करेगा तो उसकी सिद्धि नष्ट हो जाएगी।*
पूरे विश्व में तंत्र का ढोंग(झूठा दिखावा) लोग अजीब गरीब मेकअप और बातें करके कमाते है। वो मनोवैज्ञानिक तरीके से व्यक्ति के अंदर भय उतपन्न करते है, उन्हें बुद्धू बनाते हैं। यदि उनमें इतनी ताकत होती तो सबसे पहले वो स्वयं का भला कर लेते और लॉटरी निकाल लेते, अमीर बन जाते।
*कई प्रयोग अमेरिकन यूनिवर्सिटी में हुए, जिसमें एक प्रयोग के तहत एक व्यक्ति जिसे मृत्युदंड मिलचुका था। उसे एक कमरे में बिठाया गया, सबने झूठमूठ एक्टिंग की उस व्यक्ति को सर्प से डसा कर मारा जाएगा। नकली सर्प लाया गया, और उसका मुंह उस तरफ करके साफ़ इंजेक्शन की झूठमूठ सुई चुभाई गयी। और उस पर इंक लगा दिया गया मानो जहर फैल रहा हो। सब झूठ मूठ बोलने लगे देखो जहर फैल रहा है, अब ये मरने वाला है। सचमुच वो व्यक्ति भयग्रस्त हो मर गया। रक्त जांच की गई तो उसमें सर्प का जहर निकला। जबकि सर्प ने तो उसे काटा ही नहीं था, तो जहर कहाँ से आया, उसके शरीर ने वो जहर उसके मानने पर भयग्रस्त होने पर स्वतः उतपन्न किया।*
आपकी पत्नी पर किसी ने कोई और किसी भी प्रकार का टोना टोटका तंत्र अभिचार नहीं किया हुआ है, आप निश्चिंत रहें। यह मात्र उनका भ्रम भी हो सकता है कि किसी रिश्तेदार ने यह करवाया होगा। रोज़ी रोटी कमाने में उलझा रिश्तेदार सही तांत्रिक ढूढ़ेगा तो सबसे पहले अपना भला करवाएगा, अपनी लॉटरी लगवायेगा, यदि तांत्रिक से आपका बुरा करवाना होगा तो मारण प्रयोग करवाएगा।
शारीरिक-मानसिक बीमारी आज कल के प्रदूषण-खानपान और आर्थिक परेशानियों की देन है।
यदि आपकी पत्नी वहम करके ये मान लेगी की उस पर तंत्र-टोना-टोटका हुआ है और भयग्रस्त रहेगी, तो कल्पनानुसार सबकुछ घटित होने लगेगा जिसपर उसका मन दृढ़ विश्वास कर लेगा। इस संसार मे अध्यात्म और अन्य चिकित्सा पद्धति द्वारा सबका इलाज़ उपलब्ध है लेकिन वहम/भ्रम का इलाज़ नहीं है।
स्त्रियों की कई सारी इच्छाएं होती है, जो आर्थिक दबाव, घर की समस्याओं और स्वास्थ्य कारणों से पूरी नहीं हो पाती। उन अतृप्त इच्छाओं को संकोचवश वो बोल नहीं पाती और अंदर ही अंदर घुटती रहती है। अब इससे सेहत बिगड़ती है और स्वयं को इन परिस्थिति से मनोबल से उबार नहीं पाती, इसलिए तंत्र-टोना-टोटकों पर इसका ठीकरा फोड़ के सन्तुष्टि प्राप्त करती हैं।
कभी भी उच्च मनोबल की लड़के या लड़की को आप तंत्र-टोना-टोटके की बात करते हुए नहीं सुनोगे। क्योंकि जब तक आप भयग्रस्त नहीं होंगे और उस भय को स्वीकार नहीं करोगे, दुनियां का बड़े बड़े से बड़ा तांत्रिक आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
तंत्र प्रयोग और टोना टोटका में एक सप्ताह के अंदर रिजल्ट आ जाता है, महीनों नहीं लगते। केवल टोना-टोटका-तंत्र की 5% बाते ही सत्य होती हैं, बाकी 95% मात्र हमारे वहम की उपज होती है। जिसका फ़ायदा ढोंगी बाबा उठाते है और कमाते है।
लड़कियों को भारत मे बचपन से ही उपेक्षित रखा जाता है, इसलिए वो भोजन के कुपोषण के साथ मानसिक प्रेम के कुपोषण की भी शिकार होती है। उनसे विवाह से पूर्व कोई राय नही ली जाती और न ही विवाह के बाद भी ससुराल में इज्जत मिलती है। अतः वो हमेशा मानसिक दबाव में रहती है।
अपनी पत्नी से खुलकर बात कीजिये एक मनोवैज्ञानिक की तरह, उनकी मानसिक कुंठा और ग्रंथियों को खोलिए, पता करिये आखिर वो किस बात के लिए परेशान हैं। उनका हॉस्पिटल में पूरा चेकअप करवाइये। सरदर्द के मुख्य कारक का पता करके इलाज़ करवाइये।
*शान्तिकुंज हरिद्वार की डॉक्टर वंदना दी से, मानसिक शांति और माइग्रेन की औषधि मंगवा के यज्ञ कीजिये। पत्नी को योग-गायत्री जप-ध्यान-प्राणायाम-स्वाध्याय के लिए प्रेरित कीजिये।*
अपने ईष्ट और गुरु पर भरोसा रखिये, वो आपका कल्याण करेंगे। स्वस्थ मन से कमाने में जुटिये, और योजना बना के पत्नी को दिनभर किसी श्रेष्ठ रुचिकर कार्य मे व्यस्त रहे, इस बात की व्यवस्था कीजिये।
*घर में चार बाती वाला सरसो के तेल का दीपक प्रत्येक शनिवार को जलाइए, घर में नमक और थोड़ा सा कपूर मिलाकर पोंछा लगवाइए। सप्ताह में एक दिन पानी मे नमक डाल के नहाने को बोलिये। 21 दिन लगातार रोटी, गुड़ और घी से बलिवैश्व यज्ञ करने से नकारात्मक शक्ति नष्ट हो जाती है। पितरों का तर्पण शान्तिकुंज में करके आइये, इससे पितृ तृप्त होंगे और पितृ दोष शांत होगा।*
निम्नलिखित पुस्तक स्वयं पढ़िये और उन्हें पढ़ने को दीजिये:-
1- अध्यात्म विद्या का प्रवेश द्वार
2- दृष्टिकोण ठीक रखे
3- निराशा को पास न फटकने दें
4- प्रज्ञा पुराण
5- मन के हारे हार है मन के जीते जीत
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - आत्मीय प्रिय भाई, पहले तंत्र-टोटके-टोना को समझते हैं कि ये कितना सत्य है?
तंत्र एक पूर्ण विज्ञान है, जिसमें मारण, मोहन, उच्चाटन, वशीकरण इत्यादि किये जाते है। उसकी भारी प्रक्रियाएँ वैज्ञानिक हैं। यह अपरा प्रकृति को नियंत्रित कर शक्ति का उपार्जन करता है। शक्ति−संग्रह का तरीका यहाँ तामसिक है और सीधे भौतिक परमाणुओं को नियमित कर ऐसा किया जाता है। भौतिक शक्तियों पर नियंत्रण स्थापित करना साधारण बात नहीं, सावधानी और साहस का काम है। उसमें तनिक भी असावधानी हुई नहीं कि प्राण−संकट सामने आ उपस्थित होते हैं। इसलिए यह विधा हर एक के लिए सुलभ नहीं, वह सत्पात्रों के निमित्त ही सुरक्षित है, टोने टोटके और अभिचार में बिन मन्त्र और यंत्र के काम नहीं करते। किसी श्रेष्ठ सद्गुरु के मार्गदर्शन में ही किए जाने योग्य होते है।
कई वर्ष की कष्टसाध्य तपस्या के बाद सिद्धि मिलती है। वेद, पुराण, उपनिषद में कहीं भी तंत्र के बारे में नहीं लिखा। अथर्वण के कुछ गर्न्थो में सबसे पहले तंत्र के बारे में लेख मिले है। पूरे विश्व मे लगभग 9 लाख तंत्र के श्लोक उपलब्ध है। उनमें से एक लाख के करीब भारत मे लिखे गए। बौद्ध धर्म के वज्रयान सम्प्रदाय ने बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में तंत्र का सहारा लिया था। रेकी वगैरह भी तंत्र और प्राणचिकित्सा पर ही आधारित है। यंत्रों की संरचना भी रेखागणित के नियमो पर आधारित है।
*अब आप ही बताओ इतनी कठिन विद्या को सीखने वाला दो चार हज़ार रुपये में किसी का बुरा किसी के कहने पर करेगा? बिल्कुल नहीं करेगा, यदि वो करेगा तो उसकी सिद्धि नष्ट हो जाएगी।*
पूरे विश्व में तंत्र का ढोंग(झूठा दिखावा) लोग अजीब गरीब मेकअप और बातें करके कमाते है। वो मनोवैज्ञानिक तरीके से व्यक्ति के अंदर भय उतपन्न करते है, उन्हें बुद्धू बनाते हैं। यदि उनमें इतनी ताकत होती तो सबसे पहले वो स्वयं का भला कर लेते और लॉटरी निकाल लेते, अमीर बन जाते।
*कई प्रयोग अमेरिकन यूनिवर्सिटी में हुए, जिसमें एक प्रयोग के तहत एक व्यक्ति जिसे मृत्युदंड मिलचुका था। उसे एक कमरे में बिठाया गया, सबने झूठमूठ एक्टिंग की उस व्यक्ति को सर्प से डसा कर मारा जाएगा। नकली सर्प लाया गया, और उसका मुंह उस तरफ करके साफ़ इंजेक्शन की झूठमूठ सुई चुभाई गयी। और उस पर इंक लगा दिया गया मानो जहर फैल रहा हो। सब झूठ मूठ बोलने लगे देखो जहर फैल रहा है, अब ये मरने वाला है। सचमुच वो व्यक्ति भयग्रस्त हो मर गया। रक्त जांच की गई तो उसमें सर्प का जहर निकला। जबकि सर्प ने तो उसे काटा ही नहीं था, तो जहर कहाँ से आया, उसके शरीर ने वो जहर उसके मानने पर भयग्रस्त होने पर स्वतः उतपन्न किया।*
आपकी पत्नी पर किसी ने कोई और किसी भी प्रकार का टोना टोटका तंत्र अभिचार नहीं किया हुआ है, आप निश्चिंत रहें। यह मात्र उनका भ्रम भी हो सकता है कि किसी रिश्तेदार ने यह करवाया होगा। रोज़ी रोटी कमाने में उलझा रिश्तेदार सही तांत्रिक ढूढ़ेगा तो सबसे पहले अपना भला करवाएगा, अपनी लॉटरी लगवायेगा, यदि तांत्रिक से आपका बुरा करवाना होगा तो मारण प्रयोग करवाएगा।
शारीरिक-मानसिक बीमारी आज कल के प्रदूषण-खानपान और आर्थिक परेशानियों की देन है।
यदि आपकी पत्नी वहम करके ये मान लेगी की उस पर तंत्र-टोना-टोटका हुआ है और भयग्रस्त रहेगी, तो कल्पनानुसार सबकुछ घटित होने लगेगा जिसपर उसका मन दृढ़ विश्वास कर लेगा। इस संसार मे अध्यात्म और अन्य चिकित्सा पद्धति द्वारा सबका इलाज़ उपलब्ध है लेकिन वहम/भ्रम का इलाज़ नहीं है।
स्त्रियों की कई सारी इच्छाएं होती है, जो आर्थिक दबाव, घर की समस्याओं और स्वास्थ्य कारणों से पूरी नहीं हो पाती। उन अतृप्त इच्छाओं को संकोचवश वो बोल नहीं पाती और अंदर ही अंदर घुटती रहती है। अब इससे सेहत बिगड़ती है और स्वयं को इन परिस्थिति से मनोबल से उबार नहीं पाती, इसलिए तंत्र-टोना-टोटकों पर इसका ठीकरा फोड़ के सन्तुष्टि प्राप्त करती हैं।
कभी भी उच्च मनोबल की लड़के या लड़की को आप तंत्र-टोना-टोटके की बात करते हुए नहीं सुनोगे। क्योंकि जब तक आप भयग्रस्त नहीं होंगे और उस भय को स्वीकार नहीं करोगे, दुनियां का बड़े बड़े से बड़ा तांत्रिक आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
तंत्र प्रयोग और टोना टोटका में एक सप्ताह के अंदर रिजल्ट आ जाता है, महीनों नहीं लगते। केवल टोना-टोटका-तंत्र की 5% बाते ही सत्य होती हैं, बाकी 95% मात्र हमारे वहम की उपज होती है। जिसका फ़ायदा ढोंगी बाबा उठाते है और कमाते है।
लड़कियों को भारत मे बचपन से ही उपेक्षित रखा जाता है, इसलिए वो भोजन के कुपोषण के साथ मानसिक प्रेम के कुपोषण की भी शिकार होती है। उनसे विवाह से पूर्व कोई राय नही ली जाती और न ही विवाह के बाद भी ससुराल में इज्जत मिलती है। अतः वो हमेशा मानसिक दबाव में रहती है।
अपनी पत्नी से खुलकर बात कीजिये एक मनोवैज्ञानिक की तरह, उनकी मानसिक कुंठा और ग्रंथियों को खोलिए, पता करिये आखिर वो किस बात के लिए परेशान हैं। उनका हॉस्पिटल में पूरा चेकअप करवाइये। सरदर्द के मुख्य कारक का पता करके इलाज़ करवाइये।
*शान्तिकुंज हरिद्वार की डॉक्टर वंदना दी से, मानसिक शांति और माइग्रेन की औषधि मंगवा के यज्ञ कीजिये। पत्नी को योग-गायत्री जप-ध्यान-प्राणायाम-स्वाध्याय के लिए प्रेरित कीजिये।*
अपने ईष्ट और गुरु पर भरोसा रखिये, वो आपका कल्याण करेंगे। स्वस्थ मन से कमाने में जुटिये, और योजना बना के पत्नी को दिनभर किसी श्रेष्ठ रुचिकर कार्य मे व्यस्त रहे, इस बात की व्यवस्था कीजिये।
*घर में चार बाती वाला सरसो के तेल का दीपक प्रत्येक शनिवार को जलाइए, घर में नमक और थोड़ा सा कपूर मिलाकर पोंछा लगवाइए। सप्ताह में एक दिन पानी मे नमक डाल के नहाने को बोलिये। 21 दिन लगातार रोटी, गुड़ और घी से बलिवैश्व यज्ञ करने से नकारात्मक शक्ति नष्ट हो जाती है। पितरों का तर्पण शान्तिकुंज में करके आइये, इससे पितृ तृप्त होंगे और पितृ दोष शांत होगा।*
निम्नलिखित पुस्तक स्वयं पढ़िये और उन्हें पढ़ने को दीजिये:-
1- अध्यात्म विद्या का प्रवेश द्वार
2- दृष्टिकोण ठीक रखे
3- निराशा को पास न फटकने दें
4- प्रज्ञा पुराण
5- मन के हारे हार है मन के जीते जीत
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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