प्रश्न - *गर्भ सँस्कार करवाने की क्या आवश्यकता है?*
उत्तर - गर्भ सँस्कार - प्राचीन ऋषियों की बताई विधि परम्परा के पालन से स्वस्थ, बुद्धिमान और अच्छे संस्कारों से युक्त मनचाही सन्तान उतपन्न करने की विधि व्यवस्था है।
समुद्री तट के नारियल पानी नमकीन और नदियों के किनारे के नारियल मीठे होने का कारण है कि जमीन की मिट्टी के क्षारीय या नमकीन, वातावरण और आबोहवा के कारण नमकीन या मीठा होता है। देखने मे बाहर से नारियल एक जैसा होता है लेकिन मिट्टी और जल द्वारा प्राप्त सँस्कार उसके नारियल जल को मीठा या नमकीन बनाते है।
इसी तरह माता के गर्भकाल के दौरान माता द्वारा सोचे अच्छे या बुरे विचार, माता को मिला परिवार का वातावरण इत्यादि कई चीज़े बालक के मन और सँस्कार का निर्माण करती है। इन्ही सब गर्भ के ज्ञान और विज्ञान को समझने हेतु गर्भिणी माताओं को गर्भ सँस्कार करवाने की आवश्यकता है।
युगऋषि परमपूज्य गुरुदेव पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने गर्भ में ही श्रेष्ठ व्यक्तित्व गढ़ने की इस मुहिम को *आओ गढ़ें सँस्कार वान पीढ़ी* का नाम दिया है। जिसे कुशल डॉक्टरों की टीम संचालित कर रही है।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - गर्भ सँस्कार - प्राचीन ऋषियों की बताई विधि परम्परा के पालन से स्वस्थ, बुद्धिमान और अच्छे संस्कारों से युक्त मनचाही सन्तान उतपन्न करने की विधि व्यवस्था है।
समुद्री तट के नारियल पानी नमकीन और नदियों के किनारे के नारियल मीठे होने का कारण है कि जमीन की मिट्टी के क्षारीय या नमकीन, वातावरण और आबोहवा के कारण नमकीन या मीठा होता है। देखने मे बाहर से नारियल एक जैसा होता है लेकिन मिट्टी और जल द्वारा प्राप्त सँस्कार उसके नारियल जल को मीठा या नमकीन बनाते है।
इसी तरह माता के गर्भकाल के दौरान माता द्वारा सोचे अच्छे या बुरे विचार, माता को मिला परिवार का वातावरण इत्यादि कई चीज़े बालक के मन और सँस्कार का निर्माण करती है। इन्ही सब गर्भ के ज्ञान और विज्ञान को समझने हेतु गर्भिणी माताओं को गर्भ सँस्कार करवाने की आवश्यकता है।
युगऋषि परमपूज्य गुरुदेव पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने गर्भ में ही श्रेष्ठ व्यक्तित्व गढ़ने की इस मुहिम को *आओ गढ़ें सँस्कार वान पीढ़ी* का नाम दिया है। जिसे कुशल डॉक्टरों की टीम संचालित कर रही है।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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