Thursday 27 September 2018

प्रश्न - *आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका के तौर पर गर्भ सँस्कार के माध्यम से जच्चा और बच्चा दोनों को कैसे सुरक्षा प्रदान करें?*

प्रश्न - *आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका के तौर पर गर्भ सँस्कार के माध्यम से जच्चा और बच्चा दोनों को कैसे सुरक्षा प्रदान करें?*

उत्तर - *आंगनवाडी भारत में ग्रामीण माँ और बच्चों के देखा भाल केंद्र है। बच्चों के भूख और कुपोषण से निपटने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम के भाग के रूप में, 1985 में उन्हें भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था। आंगनवाड़ी का अर्थ है "आंगन आश्रय"।*

इस प्रकार का आंगनवाड़ी केंद्र भारतीय गांवों में बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करता है। यह भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का एक हिस्सा है।

*कार्य* - आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (ए डब्ल्यू डब्ल्यू) की ज़िम्मेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वे गर्भवती महिलाओं के लिए जन्मपूर्व और प्रसवपूर्व देखभाल सुनिश्चित करते हैं और नवजात शिशुओं और नर्सिंग माताओं के लिए तुरंत निदान और देखभाल करते हैं। वे 6 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के टीकाकरण का प्रबंध करते हैं।

इसके अलावा वे 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए पूरक पोषण के वितरण के साथ-साथ गर्भवती और नर्सिंग महिलाओं की निगरानी भी करते हैं। महिलाओं और बच्चों के लिए नियमित स्वास्थ्य और चिकित्सा जांच की निगरानी उनकी मुख्य जिम्मेदारियों में से एक है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अक्सर एक शिक्षक की भूमिका निभाते हैं और 3 से 5 साल के बीच के बच्चों को पूर्व-स्कूल शिक्षा प्रदान करना है।

*विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)* के अनुसार एक व्यक्ति का स्वास्थ्य *शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक* इन चार आधार स्तम्भो पर निर्भर करता है।

लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को केवल शारीरिक स्वास्थ्य और देखभाल के लिए ही ट्रेनिंग मिली है। तो एक पाए की चेयर में जब हम बैठ नहीं सकते, तो एक स्वास्थ्य के पाए की देखरेख से बच्चे का सर्वांगीण समग्र स्वास्थ्य कैसे सुनिश्चित होगा?

*प्रसिद्ध पूर्व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के फाउंडर, गायत्री परिवार के संस्थापक और 3200 से अधिक शारीरिक-मानसिक-सामाजिक-आध्यात्मिक समस्याओं के समाधान हेतु साहित्य/पुस्तक लिखने वाले युगऋषि परमपूज्य गुरुदेब पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी* ने एक मुहिम चलाई है जिसमें *बच्चो के समग्र स्वास्थ्य (शारीरिक-मानसिक-सामाजिक-आध्यात्मिक) शिक्षण-प्रशिक्षण* का क्रम चलाया गया है। इस अभियान का नाम *आओ गढ़ें सँस्कारवान पीढ़ी* दिया गया है। इस अभियान को *गायत्री परिवार के हाई प्रोफ़ाइल डॉक्टरों की टीम* पूरे भारत वर्ष में संचालित कर रही है। उत्तराखंड में तो भारत सरकार के हम आधिकारिक पार्टनर भी हैं।

इसी के तहत हम यहां आज आप सबके समक्ष *आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी* की वर्कशॉप से प्रशिक्षण देने आए है। आइये हम और आप मिलकर इस देश की आने वाली पीढ़ी का सुनहरा भविष्य गढ़े, और मिलकर *आओ सँस्कारवान पीढ़ी गढ़ें*।

तो बताइए क्या आप तैयार हैं?...देश के सुनहरे भविष्य को गर्भ में ही संस्कारवान और बुद्धिमान बनाने के लिए...

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

*आओ गढ़े सँस्कार वान पीढ़ी* अभियान से समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जोड़ें🙏🏻

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