Friday, 7 September 2018

प्रश्न - *दी, जन्मदिन पर केक क्यों नहीं काटना चाहिए ? और मोमबत्ती क्यों नहीं बुझानी चाहिए*

प्रश्न - *दी, जन्मदिन पर केक क्यों नहीं काटना चाहिए ? और मोमबत्ती क्यों नहीं बुझानी चाहिए*

उत्तर - हिन्दू धर्म की वैदिक संस्कृति में बच्चे के जन्म, बहु के आगमन और अन्य शुभ अवसरों पर दीपक जला कर खुशियां मनाते हैं। लेकिन जब कोई मर जाता है तो दीपक बुझा देते हैं, अपशकुन में दीप बुझाते हैं।

इसी तरह किसी के उज्ज्वल भविष्य और शुभकामनाएं देने हेतु नाम लिखते हैं।

लेकिन दुश्मनों का अनिष्ट करने हेतु, अपशकुन हेतु उनके नाम लिखकर काटे या फाडे जाते हैं।

अतः भारतीय धर्म के अनुसार जन्मदिन दीपयज्ञ के माध्यम से बच्चे से दीपक प्रज्ज्वलित कराके और पंचतत्वों के पूजन से करवाना चाहिए। केक पेस्ट्री मिठाई की तरह खा सकते हैं।

लेकिन किसी भी हालत में केक के ऊपर जिसका जन्मदिन हो उसका नाम लिखकर न काटे और अपने जन्मदिन पर मोमबत्तियां न बुझाएं। स्वयं का अपशकुन न करे। और अपने बच्चों का अनिष्ट न करें।

http:// literature. awgp. org /book/kram_kand_bhaskar/v1.267

दीपक/मोमबत्ती बुझाने के साथ ही साथ गुब्बारे  जो की केक काटने के घण्टो पहले से सजाए गये होते हैं, उन्हें भी मिनटों मे फोड़ दिए जाते हैं। ऐसा भी कहीं होता क्या की जन्मदिन की पार्टी अभी मना नहीं, अतिथि अभी गए नहीं, की घर की सजावट को भी उजाड दिया जाता, ओ भी इतने अच्छे शुभ अवसर पर उचित नहीं है।

केक पेस्ट्री मिठाई की तरह खाओ, केक पर लिखा अपना नाम अपना लिखे और हैप्पी शब्द नहीं काटना चाहिए। लेकिन केक खाने पर कोई रोक नहीं है।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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