Monday, 1 October 2018

*दी कल मातृ सम्मेलन में बोलने के लिए कुछ बिंदु बता दीजिए🙏*

*दी कल मातृ सम्मेलन में बोलने के लिए कुछ बिंदु बता दीजिए🙏*

1- माता निर्माता भवति - माता वह शिल्पकार है जो दे सकती है सन्तान को मनचाहा आकार।

2- सन्तान को मनचाहा आकार देना तो सब चाहते है, लेकिन सभी माताओं से यह सम्भव नहीं हो पा रहा है। इसका कारण जानते है क्यों?

3- क्योंकि बच्चे बाह्य बोले शब्दों से नहीं आपके अन्तःकरण से और आचरण से प्रभावित होते हैं।

4- माताओं का अन्तःकरण और आचरण ही वह टूल और तकनीक है जिससे सन्तान को मनचाहा आकार दिया जा सकता है।

5- माता का अन्तःकरण और आचरण को ही क्रमशः माता का चरित्र चिंतन और व्यवहार भी कहते हैं।

6- प्रत्येक माता को युगऋषि का लिखा निम्नलिखित साहित्य पढ़कर, पहले अपना चरित्र चिंतन और व्यवहार बदलना चाहिए। तदनुसार बच्चे को शिक्षण देना चाहिए।

 👉🏼विचारों की सृजनात्मक शक्ति,
👉🏼 अपना सुधार ही संसार की सबसे बड़ी सेवा,
👉🏼दृष्टिकोण ठीक रखें,
👉🏼 हमारी भावी पीढ़ी और उसका नवनिर्माण
👉🏼 आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी
👉🏼 मरकर भी जो अमर हो गए
👉🏼 महापुरुषों की कहानियां

7- माता को नित्य ध्यान द्वारा अपने अंदर की नकारात्मकता को ध्यान की शल्यक्रिया द्वारा बाहर निकालने में कुशलता हासिल करनी चाहिए, और अपने अंदर सकारात्मकता को धारण करना चाहिए।

8- भोजन द्वारा मातृ शक्ति संतानों के मन पर भी प्रभाव डाल सकती है। ऋषि कहते है *जैसा खाओ अन्न तो वैसा होवें मन*। भोजन बनाते समय मंन्त्र जपकरते हुए दिव्य चिंतन माता करे और बलिवैश्व यज्ञ करके बालको को भोजन दें। इससे सकारात्मक परिवर्तन बच्चो में होता है।

9- प्राचीन समय में *विचारशक्ति विज्ञान* से सभी परिचित थे, इसलिए *पूजन गृह* सकारात्मक ऊर्जा से चार्ज होने हेतू बनते थे, साथ ही क्रोध और नकारात्मक ऊर्जा व्यक्त करने के लिए *कोप भवन* बनाये जाते थे। अब आजकल सभी क्रोध और अन्य कुत्सित भावनाएं *शयन कक्ष* में निकालते है, तो मानसिक असुद्धता बढ़ती है। उन कमरों में सोने वाले बच्चो के भीतर वो नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। *महर्षि पतंजलि के सादृश्य और आन्तर्य के सिद्धांत* के अनुसार और   *आधुनिक विज्ञान* की खोज के अनुसार *शब्द कभी मरते नहीं है*, जहां बोले जाते हैं वहां उनका असर लंबे समय तक बना रहता है। अपने समानांतर विचारो को आकर्षित करते है। तो कलह से उतपन्न गाली गलौज का दुष्प्रभाव बच्चो पर अवश्य पड़ेगा। अतः कुछ भी बोलने और सोचने से पहले यह ध्यान रखे।

10- माता - पिता और शिक्षक के टीम वर्क से बच्चो का पूर्ण निर्माण सुनिश्चित होता है, यह सत्य है। लेकिन फिर भी माता का प्रभाव अन्य दोनों से ज्यादा और स्थायी होता है।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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