प्रश्न - *आजकल तो छोटे छोटे बच्चियों के साथ बलात्कार और यौन शोषण हो रहा है। उसे देखते हुए लड़कियों को क्या करना चाहिए? बाहर निकलते टाइम किन-किन बातों का सावधानी बरतना चाहिए, अगर बाहर लड़की के साथ भद्दा कमेंट हो रहा है बदतमीजी हो रहा है तो कैसे उसका सामना करें क्या जवाब दें, कैसे उसका सामना करना चाहिए, please give me your openion*
उत्तर - आत्मीय बहन, मैं भी एक लड़की हूँ और जब मैं पहली बार अपने गांव से दूर दिल्ली एनसीआर में जब जॉब करने आ रही थी, तो मेरे माता-पिता ने जो सलाह मुझे दिया था, वो मैं आपके साथ पहले शेयर करना चाहती हूँ।
1- पिता ने कहा, स्वयं को कभी भी अकेला मत समझना। तुम्हारा परमपिता सद्गुरु सूक्ष्म रूप में तुम्हारे साथ है और स्थूल रूप में तुम्हारा जन्मदाता पिता तुम्हारे साथ है।
2- एक कागज़ लो और जितना बुरा सम्भावित हो सकता है, वो भय सारा लिख डालो, और फ़िर उस बुरे वक्त में तुम्हारा एक्शन प्लान क्या होगा यह भी लिख डालो। कितनी बहादुरी से बुरी से बुरी परिस्थिति का तुम सामना करोगी कल्पना करो और लिख डालो। अब इस कागज़ को पूजन के दीपक में जला दो। पहली बात तुम्हारे साथ कुछ बुरा नहीं होगा, यदि हुआ तो अब तुम्हारे पास प्लान है कि क्या करना है।
3- यदि कोई आततायी तुम्हें परेशान करे तो उसको ऐसा सबक सिखाना कि उसकी रूह तक थर्रा जाए। ठंडे दिमाग से उसका बुद्धि से सामना करना। ध्यान रखना बुद्धि से हाथी और शेर दोनों को मारा जा सकता है।
4- कुत्ता हो या विकारी पुरुष तभी हावी होगा, जब आप भयग्रस्त होंगे। निर्भय से कुत्ता और विकारी पुरुष दोनों डरता है। भयग्रस्त कभी किसी भी परिस्थिति में मत होना, समस्या आने पर समाधान ढूंढना। कायर समस्या का रोना रोते है और बहादुर समस्या का समाधान ढूंढते है।
5- देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल पुलिस और सैनिक की नहीं है। हम सब नागरिकों की भी है। यदि कोई आततायी तुम पर हमला करे तो यह सोचना की *देश की सेवा के सौभाग्य का सुअवसर* मिल गया है, देश की समस्त स्त्रियों को इस आततायी से मुक्ति देने के लिए मां दुर्गा ने तुम्हें भेजा है। न्यूज़ पेपर में यह ख़बर कभी नहीं छपनी चाहिए कि एक अबला का रेप हुआ, बल्कि *यह खबर छपनी चाहिए कि एक महिषासुर मर्दिनी ने एक असुर को मार गिराया*। इस *देश के उद्धार हेतु शहीद हो गयी*। मार कर आना या मरकर शहीद होकर आना।
6- यदि तुम असुर युद्ध में विजयी हुई और कोई कोर्ट कचहरी मुकद्दमा हुआ तो वो मैं सम्हाल लूँगा। लोग क्या कहेंगे परवाह मत करना, तुम्हारे माता पिता तुम्हारे साथ है यह हमेशा याद रखना।
7- डर दूर है तो डरो, लेकिन डर सामने आ जाये तो मुकाबला करो। अग्नि में जलकर कभी अकेले जौहर मत करना, बल्कि युद्ध में दो चार आततायी को मारकर ही मरना।
8- डर सबको लगता, फर्क केवल इतना है कायर भय को हावी होने देता है, और वीर डर का मुकाबला करता है।
9- बेटा, अगर कुछ गन्दे लड़के दुनियाँ में है, तो बहुत सारे अच्छे लड़को की भी दुनियाँ में है, जिन्हें बचपन से अच्छे संस्कार दिए हैं। अच्छे लड़के लड़कियों का समूह बनाओ।
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*मेरी माता ने मुझे युगऋषि परमगुरुदेव की लिखी तीन पुस्तक मुझे दी*- 📖हारिये न हिम्मत, 📖शक्तिवान बनिये, 📖प्रबुद्ध नारियाँ आगे आए- *नारी जागरण की आवश्यकता
दी और कहा* :-
1- बेटा कभी तुमने मांसाहारियों की टेबल पर शेरनी का मांस या मिस भेड़िए का मांस परोसे देखा। नहीं न, वो लोग किसे मारकर खाते है जो कमज़ोर होता है- मुर्गी और बकरी
2- स्त्री जाति शेरनी भी है और दुर्गा भी। अतः जेंडर से स्त्री हो इसलिए स्वयं को कमज़ोर समझना मूर्खता है। जो स्त्री पुरुष को जन्म दे सकती है वो भला आतातायी और विकारी पुरुष की अक्ल ठिकाने क्यों नहीं लगा सकती।
3- स्त्री की असली ताकत उसके हृदय, नेत्रों और आत्मविश्वास भरी चाल से होती है। गायत्री साधना से इतना प्राणबल जागृत करो, कि तुम्हारे घूरकर देखने भर से आततायी डरकर कांप उठे। भद्दे कमेंट वही तत्क्षण रूक जाएं।
4- कुत्ते के भौंकने पर हाथी अपनी राह नहीं बदलता। अतः रोडछाप विकारी कुत्तों की कमेंट पर ध्यान मत देना। मंन्त्र जप करते हुए चलना।
5- वस्त्र मनुष्य के आत्मविश्वास का परचम होता है, जो लड़कियां अभद्र वस्त्र पहनती है उन्हें अपने गुणों और योग्यता पर भरोसा नहीं होता। इसलिए अभद्र वस्त्रों से कुछ लोगों की वाह वाही लूटकर अपनी आत्महीनता का परिचय देती है। तुम्हे अपने गुणों के बल पर सम्मान चाहिए तो वस्त्र भारतीय संस्कृति के अनुसार शालीन हमेशा पहनना। सॉफ्टवेयर फील्ड की जॉब और प्रमोशन के आधार ज्ञान है वस्त्र नहीं। अतः भौंडे फैशन से दूर रहना।
6- बेटे घोड़े और घास की कभी दोस्ती नहीं हो सकती, स्त्री और पुरुष का कुछ रिश्ता ऐसा ही है। एकांत में सज्जन पुरुष दिखने वाले व्यक्ति के कुत्सित विचार भी जग जाते है। अतः किसी भी ऑफिस के लड़के के साथ चाय कॉफी अकेले कहीं पीने मत जाना। ऑफिस पार्टी हो तो समूह में जाना। पब में पार्टी हो तो व्रत का बहाना बना के मत जाना।
7- अपने ऑफिस डेस्क में गुरुदेब के सद्विचार लगाना। इससे तुम्हारी धार्मिक प्रकृति लोगो को क्लियर रहेगी। साधारणतया कुछ अपवादों को छोड़कर असुर प्रवृत्ति धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों से दूर रहते हैं।
8- बड़े शहरों की लड़कियां जो चरित्र से भ्रष्ट और नशाखोर दिखे उनसे दूर रहना।
9- भगवान उसकी मदद करता है जो अपनी मदद ख़ुद करता है।
10- द्रौपदी को मदद भगवान की तब मिली जब उसके अकाउंट में पुण्य था, जैसे साधू को वस्त्र दान, कृष्ण भगवान के हाथ की मरहम पट्टी, गरीबों को अन्नदान इत्यादि। अतः अपने अकाउंट में पुण्य भरे रखना। ज्यादा से ज्यादा पुण्य कमाना।
11- आत्मा न मरती है और न जन्म लेती है, शरीर जन्मता और मरता है। आत्मा तो इस शरीर रूपी सराय मे कुछ समय रहने आयी है। अतः इस किराए की सराय का मोह मत करना और कायरों की भांति मत जीना। जब तक जिंदा हो ख़्याल रखना कोई तुम्हें छू भी न पाए और मरने के बाद कोई आततायी बचने न पाए ध्यान रखना। क्योंकि मरने के बाद आत्मा की शक्ति हज़ार गुना ज्यादा होती है, और उसका अस्तित्व शरीर के न रहने पर भी रहता है। जीते जी भी गुरुकार्यं-युगनिर्माण और मरने के बाद शरीर के न रहने पर भी सूक्ष्म शरीर से गुरुकार्य युगनिर्माण करते रहना।
12- लड़के और लड़की एक दूसरे के विरोधी नहीं, बल्कि एक दूसरे के पूरक है। यह धरती अच्छे पुरुषो से भी भरी है, बस अच्छे लोगों को साहसी होने की आवश्यकता है। कुछ गन्दे लड़को की वजह से सभी लड़को के प्रति गलत धारणा मन मे मत बनाना। तुम्हारे पिता और भाई भी लड़के ही है। भारत देश तो सौभाग्य शाली है, कि इस देश मे अच्छे लड़को की भरमार है जो स्वयं नारी सुरक्षा और अधिकार के रक्षण हेतु प्रयासरत है। अतः लड़को के प्रति गलत दृष्टिकोण मत रखना।
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बेटियों को इतना आत्मविश्वास हर माता पिता मेरे माता पिता की तरह दिला दें, तो वो स्वयं सबल सक्षम बन के न सिर्फ स्वयं सुरक्षीत रहेंगी, बल्कि अन्य कन्याओं का भी मनोबल बढ़ाएंगी। तब टीवी और न्यूज़ में खबर का टाइप ही बदल जायेगा। तब महिषासुर मर्दिनी दुर्गाओं की वीर गाथा न्यूज पेपर में भरी होगी। दुराचारी भय ग्रस्त रहेंगे।
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दुर्गा शक्ति संगठन का प्रतीक है, जीवन का खेल भी टीम वर्क से ही जीता जाता है।
अनाचार वहीं फैलता है जहाँ सदाचारी मौन होते हैं। छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को समाज दंडित करना शुरू कर दे, हुक्का पानी दुराचारी का बन्द कर दे। पूरे समाज के लोग एकजुट हो जाएं, तब ही छोटी कन्याओं की सुरक्षा सम्भव होगी।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - आत्मीय बहन, मैं भी एक लड़की हूँ और जब मैं पहली बार अपने गांव से दूर दिल्ली एनसीआर में जब जॉब करने आ रही थी, तो मेरे माता-पिता ने जो सलाह मुझे दिया था, वो मैं आपके साथ पहले शेयर करना चाहती हूँ।
1- पिता ने कहा, स्वयं को कभी भी अकेला मत समझना। तुम्हारा परमपिता सद्गुरु सूक्ष्म रूप में तुम्हारे साथ है और स्थूल रूप में तुम्हारा जन्मदाता पिता तुम्हारे साथ है।
2- एक कागज़ लो और जितना बुरा सम्भावित हो सकता है, वो भय सारा लिख डालो, और फ़िर उस बुरे वक्त में तुम्हारा एक्शन प्लान क्या होगा यह भी लिख डालो। कितनी बहादुरी से बुरी से बुरी परिस्थिति का तुम सामना करोगी कल्पना करो और लिख डालो। अब इस कागज़ को पूजन के दीपक में जला दो। पहली बात तुम्हारे साथ कुछ बुरा नहीं होगा, यदि हुआ तो अब तुम्हारे पास प्लान है कि क्या करना है।
3- यदि कोई आततायी तुम्हें परेशान करे तो उसको ऐसा सबक सिखाना कि उसकी रूह तक थर्रा जाए। ठंडे दिमाग से उसका बुद्धि से सामना करना। ध्यान रखना बुद्धि से हाथी और शेर दोनों को मारा जा सकता है।
4- कुत्ता हो या विकारी पुरुष तभी हावी होगा, जब आप भयग्रस्त होंगे। निर्भय से कुत्ता और विकारी पुरुष दोनों डरता है। भयग्रस्त कभी किसी भी परिस्थिति में मत होना, समस्या आने पर समाधान ढूंढना। कायर समस्या का रोना रोते है और बहादुर समस्या का समाधान ढूंढते है।
5- देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल पुलिस और सैनिक की नहीं है। हम सब नागरिकों की भी है। यदि कोई आततायी तुम पर हमला करे तो यह सोचना की *देश की सेवा के सौभाग्य का सुअवसर* मिल गया है, देश की समस्त स्त्रियों को इस आततायी से मुक्ति देने के लिए मां दुर्गा ने तुम्हें भेजा है। न्यूज़ पेपर में यह ख़बर कभी नहीं छपनी चाहिए कि एक अबला का रेप हुआ, बल्कि *यह खबर छपनी चाहिए कि एक महिषासुर मर्दिनी ने एक असुर को मार गिराया*। इस *देश के उद्धार हेतु शहीद हो गयी*। मार कर आना या मरकर शहीद होकर आना।
6- यदि तुम असुर युद्ध में विजयी हुई और कोई कोर्ट कचहरी मुकद्दमा हुआ तो वो मैं सम्हाल लूँगा। लोग क्या कहेंगे परवाह मत करना, तुम्हारे माता पिता तुम्हारे साथ है यह हमेशा याद रखना।
7- डर दूर है तो डरो, लेकिन डर सामने आ जाये तो मुकाबला करो। अग्नि में जलकर कभी अकेले जौहर मत करना, बल्कि युद्ध में दो चार आततायी को मारकर ही मरना।
8- डर सबको लगता, फर्क केवल इतना है कायर भय को हावी होने देता है, और वीर डर का मुकाबला करता है।
9- बेटा, अगर कुछ गन्दे लड़के दुनियाँ में है, तो बहुत सारे अच्छे लड़को की भी दुनियाँ में है, जिन्हें बचपन से अच्छे संस्कार दिए हैं। अच्छे लड़के लड़कियों का समूह बनाओ।
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*मेरी माता ने मुझे युगऋषि परमगुरुदेव की लिखी तीन पुस्तक मुझे दी*- 📖हारिये न हिम्मत, 📖शक्तिवान बनिये, 📖प्रबुद्ध नारियाँ आगे आए- *नारी जागरण की आवश्यकता
दी और कहा* :-
1- बेटा कभी तुमने मांसाहारियों की टेबल पर शेरनी का मांस या मिस भेड़िए का मांस परोसे देखा। नहीं न, वो लोग किसे मारकर खाते है जो कमज़ोर होता है- मुर्गी और बकरी
2- स्त्री जाति शेरनी भी है और दुर्गा भी। अतः जेंडर से स्त्री हो इसलिए स्वयं को कमज़ोर समझना मूर्खता है। जो स्त्री पुरुष को जन्म दे सकती है वो भला आतातायी और विकारी पुरुष की अक्ल ठिकाने क्यों नहीं लगा सकती।
3- स्त्री की असली ताकत उसके हृदय, नेत्रों और आत्मविश्वास भरी चाल से होती है। गायत्री साधना से इतना प्राणबल जागृत करो, कि तुम्हारे घूरकर देखने भर से आततायी डरकर कांप उठे। भद्दे कमेंट वही तत्क्षण रूक जाएं।
4- कुत्ते के भौंकने पर हाथी अपनी राह नहीं बदलता। अतः रोडछाप विकारी कुत्तों की कमेंट पर ध्यान मत देना। मंन्त्र जप करते हुए चलना।
5- वस्त्र मनुष्य के आत्मविश्वास का परचम होता है, जो लड़कियां अभद्र वस्त्र पहनती है उन्हें अपने गुणों और योग्यता पर भरोसा नहीं होता। इसलिए अभद्र वस्त्रों से कुछ लोगों की वाह वाही लूटकर अपनी आत्महीनता का परिचय देती है। तुम्हे अपने गुणों के बल पर सम्मान चाहिए तो वस्त्र भारतीय संस्कृति के अनुसार शालीन हमेशा पहनना। सॉफ्टवेयर फील्ड की जॉब और प्रमोशन के आधार ज्ञान है वस्त्र नहीं। अतः भौंडे फैशन से दूर रहना।
6- बेटे घोड़े और घास की कभी दोस्ती नहीं हो सकती, स्त्री और पुरुष का कुछ रिश्ता ऐसा ही है। एकांत में सज्जन पुरुष दिखने वाले व्यक्ति के कुत्सित विचार भी जग जाते है। अतः किसी भी ऑफिस के लड़के के साथ चाय कॉफी अकेले कहीं पीने मत जाना। ऑफिस पार्टी हो तो समूह में जाना। पब में पार्टी हो तो व्रत का बहाना बना के मत जाना।
7- अपने ऑफिस डेस्क में गुरुदेब के सद्विचार लगाना। इससे तुम्हारी धार्मिक प्रकृति लोगो को क्लियर रहेगी। साधारणतया कुछ अपवादों को छोड़कर असुर प्रवृत्ति धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों से दूर रहते हैं।
8- बड़े शहरों की लड़कियां जो चरित्र से भ्रष्ट और नशाखोर दिखे उनसे दूर रहना।
9- भगवान उसकी मदद करता है जो अपनी मदद ख़ुद करता है।
10- द्रौपदी को मदद भगवान की तब मिली जब उसके अकाउंट में पुण्य था, जैसे साधू को वस्त्र दान, कृष्ण भगवान के हाथ की मरहम पट्टी, गरीबों को अन्नदान इत्यादि। अतः अपने अकाउंट में पुण्य भरे रखना। ज्यादा से ज्यादा पुण्य कमाना।
11- आत्मा न मरती है और न जन्म लेती है, शरीर जन्मता और मरता है। आत्मा तो इस शरीर रूपी सराय मे कुछ समय रहने आयी है। अतः इस किराए की सराय का मोह मत करना और कायरों की भांति मत जीना। जब तक जिंदा हो ख़्याल रखना कोई तुम्हें छू भी न पाए और मरने के बाद कोई आततायी बचने न पाए ध्यान रखना। क्योंकि मरने के बाद आत्मा की शक्ति हज़ार गुना ज्यादा होती है, और उसका अस्तित्व शरीर के न रहने पर भी रहता है। जीते जी भी गुरुकार्यं-युगनिर्माण और मरने के बाद शरीर के न रहने पर भी सूक्ष्म शरीर से गुरुकार्य युगनिर्माण करते रहना।
12- लड़के और लड़की एक दूसरे के विरोधी नहीं, बल्कि एक दूसरे के पूरक है। यह धरती अच्छे पुरुषो से भी भरी है, बस अच्छे लोगों को साहसी होने की आवश्यकता है। कुछ गन्दे लड़को की वजह से सभी लड़को के प्रति गलत धारणा मन मे मत बनाना। तुम्हारे पिता और भाई भी लड़के ही है। भारत देश तो सौभाग्य शाली है, कि इस देश मे अच्छे लड़को की भरमार है जो स्वयं नारी सुरक्षा और अधिकार के रक्षण हेतु प्रयासरत है। अतः लड़को के प्रति गलत दृष्टिकोण मत रखना।
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बेटियों को इतना आत्मविश्वास हर माता पिता मेरे माता पिता की तरह दिला दें, तो वो स्वयं सबल सक्षम बन के न सिर्फ स्वयं सुरक्षीत रहेंगी, बल्कि अन्य कन्याओं का भी मनोबल बढ़ाएंगी। तब टीवी और न्यूज़ में खबर का टाइप ही बदल जायेगा। तब महिषासुर मर्दिनी दुर्गाओं की वीर गाथा न्यूज पेपर में भरी होगी। दुराचारी भय ग्रस्त रहेंगे।
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दुर्गा शक्ति संगठन का प्रतीक है, जीवन का खेल भी टीम वर्क से ही जीता जाता है।
अनाचार वहीं फैलता है जहाँ सदाचारी मौन होते हैं। छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को समाज दंडित करना शुरू कर दे, हुक्का पानी दुराचारी का बन्द कर दे। पूरे समाज के लोग एकजुट हो जाएं, तब ही छोटी कन्याओं की सुरक्षा सम्भव होगी।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
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