Tuesday, 30 October 2018

प्रश्न - *हेलोवीन क्या है ? हेलोवीन दिवस का इतिहास व कहानी बतायें।*

प्रश्न - *हेलोवीन क्या है ? हेलोवीन दिवस का इतिहास व कहानी बतायें।* ( Halloween kya hai? Day 2018, History and Story In Hindi) बच्चे आज़कल इस दिन सोसायटी में बड़े अजीबोगरीब तरीक़े से मनाते है। ये है क्या...

उत्तर - आत्मीय बहन, यदि आप हिन्दू रीति रिवाज को समझते है तो नवरात्र के पहले पितृपक्ष को समझते ही होंगे और उसके बाद के नवदुर्गा पूजन को करते होंगे। अर्थात पहले पितर(मृतात्माओं) को भोजन 15 दिन श्राध्द देना होता है। उसके बाद 9 दिन दुर्गा देवी का पूजा होती है। पितृ पक्ष के बाद नवरात्र पूजन न हो तो आत्माएं वापस नहीं जा पाती और वो घर परेशानी उठाता है।


हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार पितर(मृतात्माओं) का ड्रेस सफ़ेद वस्त्र और शांत ड्रेस होता है। वो शांति पसन्द है। इसलिए 15 दिन वो नई वस्तु नहीं खरीदते और घर में चमक धमक हल्ला गुल्ला नहीं करते। ईसाई धर्म की मान्यता के अनुसार उनके पूर्वज की आत्माएं डरावनी और भयावह होती है और हल्ला गुल्ला पसन्द करती है। इसलिए ईसाई डरावने वस्त्र और मेकअप करके हल्ला गुल्ला मचाते है। सबका त्योहार उनकी अपनी कल्पना शक्ति के आधार पर है।

*इसी हिंदू पर्व का ईसाई में बना शॉर्टकट रूप पितृपक्ष श्राद्ध - हेलोवीन है। और नवदुर्गा पूजन-मूर्ति पूजन - आल सेट्स डे है।*

हिंदू में अध्यात्म पूजन कर्मकांड के साथ साथ भावना प्रधान होता है। साथ ही स्थान के अनुसार भोजन और मिठाई तय होता है। इसाई धर्म के प्रत्येक त्योहार उनके पसंदीदा भोजन केक, पेस्ट्री, कैंडी और उपलब्ध सब्जी कद्दू इत्यादि के आइटम होते है।

हेलोवीन दिवस ईसाईयों का एक त्यौहार होता है, जोकि अक्टूबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता है. अलग – अलग धर्मों के त्यौहार अलग – अलग प्रकार के होते है जैसे हिन्दुओं में होली, राखी, दशहरा एवं दिवाली, राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस आदि और भी कई त्यौहार मनाये जाते है, इस्लाम में ईद – उल – फितर, बकरीद, मुहर्रम आदि और सिख में वैसाखी, गुरुनानक जयंती आदि उसी प्रकार ईसाईयों में भी कई प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है जैसे क्रिसमस, गुडफ्राइडे और इस्टर और उन्हीं का एक त्यौहार हेलोवीन दिवस भी है. इस त्यौहार को ज्यादातार अमेरिका, इंग्लैंड व यूरोपीय देशों के लोग मनाते है, लेकिन इस त्यौहार की शुरुआत आयरलैंड एवं स्कॉटलैंड से हुई है|

अक्टूबर के अंत के दो दिन 30 और 31, कहीं पर केवल लास्ट दिन 31 अक्टूबर मनाया जाता है। कहीं कहीं पर यह 31 को हेलोवीन और 1 को आल सेट्स डे के रूप में मनाया जाता है।

ईसाई लोग अपने पूर्वजो की मृतात्माओं और भूतों के आह्वाहन हेतु डरावने और भयावह कपड़े पहनते है, यह एक प्रकार का सिग्नल होता है कि हम आपसे मिलने को तैयार है, आप आ जाओ। उनके जैसी हरकत करते हैं। लोगों को डरवाते है। भूतों वाली पार्टी करते है। एक तरह का संदेश होता है कि - *एक दिन सबको मरना है, मरने के बाद भी जीवन है। शरीर नश्वर है आत्मा अमर है। पूर्वजो को याद करने का यह दिन है।* ईसाइयों का मानना है उनके पूर्वजो को गॉड ये दो दिन उनसे मिलने भेजता है। आत्माएं अपने वसँजो मिलती है और केक पेस्ट्री यहाँ एन्जॉय करती है। हेलोवीन मनाया तो आल सेट्स डे जरूर मनाएं।


शाम को पूर्वजो की प्रेयर के बाद विदाई कर दी जाती है। 1 नवम्बर को आल सेट्स डे के दिन मूर्ति पूजा करके भगवान/गॉड को पुनः बुलाया जाता है। पुनः सब व्यवस्था गॉड के अधीन कर दी जाती है।

यदि कोई हेलोवीन डे त्यौहार की नकल करते हुए मना रहा है। बच्चे डरावने वस्त्र पहन रहे हैं। तो अक्ल जरूर उपयोग करते हुए दूसरे दिन घर मे यज्ञादि द्वारा पूजन करके विदाई जरूर दे दें और भगवान का आह्वाहन जरूर कर लें। प्रेतात्मा हो या देवात्मा आह्वाहन पर आवाहित शरीर पर अपना असर जरूर छोड़ जाती है। प्रत्येक त्योहार के पीछे का भाव, कृत्य और सिस्टम समझे बिना नकल महंगी साबित होगी। आह्वाहन के बाद विसर्जन जरूरी है।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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