Monday 19 November 2018

जिस पुत्री का भाग्य धरती के भगवान माता पिता ने बिगाड़ा हो उसका भला ऊपरवाला भी कैसे कर सकेगा?

*जिस पुत्री का भाग्य धरती के भगवान माता पिता ने बिगाड़ा हो उसका भला ऊपरवाला भी कैसे कर सकेगा?*

भगवान बड़ा दुःखी होता है...
जब एक माता-पिता उस पुत्री के सुख सौभाग्य के लिए प्रार्थना करते हैं...
जिसे उन्होंने पढ़ाया नहीं...
जिसे आर्थिक आत्मनिर्भर बनाया नहीं...
जिसे अच्छे संस्कार भी नहीं दिए...
जिसे मानसिक दक्षता नहीं दिया...
जिसे उसके अस्तित्व से परिचय करवा के उच्च मनोबल नहीं दिया...
जिसके अंदर कुछ कर गुजरने का बोध नहीं जगाया...
जिसे मनुष्य होने का भान नहीं करवाया...

ऐसी पुत्री जिसका भाग्य धरती के भगवान माता-पिता ने बिगाड़ा हो, उसे मानसिक गुलाम और पराधीन सोच देकर, उसका उद्धार तो ऊपरवाला भगवान भी नहीं कर सकता।

#श्वेता #DIYA

No comments:

Post a Comment

प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद्यमहे’, ' धीमही’ और 'प्रचोदयात्’ का क्या अर्थ है?

 प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद...