Sunday 23 December 2018

प्रश्न - *ठंड के मौसम में 45+ लोगों का या ज्यादा वृद्ध लोगों का ठंड से बचाव कैसे करें? ख़ासकर जिन्हें जोड़ो, पैरों और शरीर में दर्द है। मार्गदर्शन करें।*

प्रश्न - *ठंड के मौसम में 45+  लोगों का या ज्यादा वृद्ध लोगों का ठंड से बचाव कैसे करें? ख़ासकर जिन्हें जोड़ो, पैरों और शरीर में दर्द है। मार्गदर्शन करें।*

उत्तर - आत्मीय बहन, ठंड के मौसम में कुछ निम्नलिखित उपाय 45+ उम्र के लोगो के लिए अपनाएं:-

1- लौंग को मिक्सी में बारीक पीस लें और एक चुटकी लौंग पावडर(करीब 2 से 3 लौंग का अंदाज से) एक कप या ग्लास में हल्के गर्म पानी मे डालकर सुबह और रात को सोने से पहले पियें।

2- लहसन देशी को अत्यंत बारीक काट के गर्म पानी से सुबह एक बार दवा की तरह ले लें।

3-  जिसे भी सर्दी ज्यादा लग रही है या सर्दीसे तबियत ठीक नहीं; या स्वस्थ भी हो वो भी ठंड के समय केवल *सूर्य भेदी प्राणायाम नित्य करें;*(कम से कम 10 से 20 बार)

*दाहिनी नासिका से श्वांस गहरी लेनी है (inhale) और बाईं, नासिका से धीरे धीरे श्वांस छोडना है(exhale)*।

4- हमारे शरीर को 1% कैल्शियम की जरूरत होती है, शरीर के दैनिक कार्य हेतु। यदि यह आपूर्ति आप बाहर कैल्शियम युक्त भोजन से नहीं करेंगे, तो शरीर आपकी हड्डियों से वो कैल्शियम लेता जाएगा। कैल्शियम की कमी जोड़ो और पैर में दर्द का कारण बनेगी। दुनियाँ में जितनी भी कैल्शियम की दवाई है उसके मूल में चूना ही होता है। पान की दुकान से चूना ले आइये। सरसों के दो दाने बराबर (अत्यंत थोड़ा) नित्य गर्म पानी मे मिलाकर या दाल के पानी मे मिलाकर पीने को दीजिये।  पैर स्वस्थ हो जाएंगे।

5- सरसों के तेल को हल्का गर्म करके या अन्य जोड़ो की मालिश वाले तेल से पैरों की हल्के हाथों से स्वयँ मसाज करके, थोड़ा तेल नाभि में लगाकर सोएं।

6- सुबह प्रज्ञा योग में जो भी आसानी से हो जाये कर लें, गणेश योगा (सुपर ब्रेन योगा) कम से कम 10 बार करें।

7- नई मशीन हो या पुरानी मशीन यदि नित्य नहीं चलेगी तो जंग लगेगा ही।इसी तरह युवा हों या वृद्ध जो कम से कम 3 किलोमीटर रोज नहीं चलेंगे उनके पैर जंग खाएंगे ही। अतः जब भी धूप निकली हो आसपास टहलने जाएं। नहीं तो घर मे ही दस बीस चक्कर लगा लें।

8- शरीर के रोगों की जड़ पेट और मन मे होती है, अतः दोनों को साफ़ रखें। पेट के लिए सन्तुलित आहार लें, और मन के लिए सन्तुलित विचार(स्वाध्याय) द्वारा लें। नित्य स्वाध्याय अवश्य करें। रात को सोने से पूर्व गुनगुना पानी पीकर और अच्छे विचार स्वाध्याय द्वारा पढ़कर सोएं। सुबह पेट और मन दोनों हल्का रहेगा। पेट में कब्ज ज्यादा हो तो त्रिफला वटी या लघु हरीतकी वटी दो गोली रात को लेकर सोएं।

9- दिन में कम से कम 324 बार अर्थात 3 माला गायत्री की जरूर जपें। प्राचीन ऋषि, आधुनिक विज्ञान और ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने सिद्ध कर दिया है, बौद्धिक कुशलता और मानसिक संतुलन में गायत्री मंत्र बहुत उपयोगी है। यह प्राण ऊर्जा शरीर की बढ़ाता है। प्राण ऊर्जा घटने से ठंड ज्यादा लगती है, प्राण ऊर्जा बढ़ने पर ठंड कम लगती है।

10- सुबह उठते ही बिस्तर पर बैठे बैठे 5 चीज़ों के लिए ईश्वर को धन्यवाद दीजिये, जो ईश्वर की कृपा से आपको मिली है। कोई यदि अंगूठी दे तो उसको कई बार धन्यवाद देते हो, लेकिन जिस ईश्वर ने तुम्हें हाथ और उंगली दिया उसे धन्यवाद देना भूल जाते हो। मोबाईल गिफ्ट करने वाले को धन्यवाद देते हो, लेकिन जिस मोबाइल को चलाने के लिए उंगली, देखने के लिए आंख, सुनने के लिए कान, बात करने के लिए मुंह देने वाले उस ईश्वर को रोज धन्यवाद देना क्यों भूल जाते हो? अतः ईश्वर को धन्यवाद दो, जो उसने दिया उसे खरीदने की औकात हम सबकी नहीं है। रात को सोते वक्त भी उसे धन्यवाद देना न भूलें क्योंकि बिस्तर आपका है लेकिन नींद परमात्मा ही देगा। उसे हमेशा याद रखें।

11- खुशियां बांटने से बढ़ती है, ख़ुशी की गर्मी हो तो ठंड नहीं लगती।

12- स्वयं के साथ एकांत में एक घण्टे बिताएं, बिना फ़ोन और टीवी के, स्वयं के भीतर जगत को समझने की कोशिश करें। युगऋषि कहते हैं कि अंतर्जगत की ऊर्जा से जुड़ने के बाद ज़ीरो डिग्री ठंड में भी योगियों की तरह रहना सम्भव होगा।

दवाओं पर जितनी निर्भरता कम रखेंगे उतना सुखी रहेंगे। मन के हारे हार है मन के जीते जीत।

कुछ पुस्तकें जो आपकी मदद करेंगी:-

1- बिना औषधि के कायाकल्प
2- स्वस्थ रहने के सरल उपाय
3- प्रज्ञा योग
4- व्यक्तित्व विकास की उच्चस्तरीय साधनाएं
5- जीवेम शरदः जीवेम शतम

सभी वरिष्ठों तक यह मैसेज पहुंचाए। जब स्वस्थ हो जाये तो मुझे फीडबैक जरूर दें।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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