प्रश्न - *दी, मुझे एक अच्छी जॉब मिली है, जो मुझे बहुत पसन्द भी है। समस्या और असमंजस यह है कि जॉब के साथ ट्रेनिंग असोसिएटेड है, जो कॉस्टली है। जिसका भुगतान सैलरी से करना पड़ेगा यदि एक वर्ष के भीतर हम जॉब छोड़ते हैं। मेरे घरवाले रिश्ता भी देख रहे है यदि फाइनलाईज़ हुआ तो जल्दी विवाह होगा तो जॉब छोड़नी भी पड़ सकती है। मार्गदर्शन करें।*
उत्तर - आत्मीय बहन, सर्वप्रथम नई जॉब मिलने की बधाई, आनंदपूर्वक जाओ और जॉब ज्वाइन करो। सैलरी मिलने पर गुरूदेव को एक या दो % दान देना। गुरूदेव को अपनी कमाई का पार्टनर बनाओ सब कुशल मंगल होगा। हमे भी मिठाई खिला देना😇।
यदि बाहर से प्रोफेशनल ट्रेनिंग हम लेते है तो पैसा भी देना पड़ता है और जॉब गारण्टी भी नहीं होती। यहां पैसा भी मिलेगा, ट्रेनिंग भी मिलेगी, और जॉब सिक्योरिटी भी। सर्वत्र लाभ ही लाभ है, और साथ मे तुम्हारा मन पसन्द काम भी मिल रहा है।
अब मान लो तुम्हे एक वर्ष से पहले जॉब छोड़नी भी होगी तो उसकी दो वजह ही होगी:-
1- *नई जॉब और बेहतर सैलरी पैकेज* - इस नई जॉब की नींव में ट्रेनिंग काम आएगी, अतः गुरुदक्षिणा समझ के😇 पुरानी कम्पनी को ट्रेनिंग का पैसा दे देना। नई ख़ुशी को एन्जॉय करना।😇
2- *शुभ विवाह और नए जीवन सफर का शुभारंभ* - शुभ विवाह में नए जीवन का शुभारंभ होगा, नई खुशियां मिलेंगी। विवाह में खर्च होता ही है और पण्डित को दक्षिणा देती ही हो...अतः विवाहख़र्च और पण्डित की दक्षिणा समझ के😇 पुरानी कम्पनी को ट्रेनिंग का पैसा दे देना। नई ख़ुशी को एन्जॉय करना।😇
जब भी जॉब छोडोगी तो नई जीवन की ख़ुशी और नए स्वप्न को पूरा करने के लिए छोड़ोगी। दोनों ही परिस्थिति सुखमय है। तो ट्रेनिंग का मूल्य देने में टेंशन की कोई बात ही नहीं। घूमने कहीं जाना है तो वाहन का मूल्य तो देना ही पड़ता है। 😇
यह पैसा आता-जाता है, लेकिन यह समय अमूल्य है, गुजरा समय वापस नहीं आता।अतः मॉय डियर वर्तमान का प्रत्येक पल एन्जॉय करो, नई चीज़े पूरे मनोयोग से सीखो, तुम देवता बनकर जॉब करो। जितनी सैलरी तुम्हें मिल रही है उससे ज्यादा का काम उन्हें दान स्वरूप करके दो। *सैलरी से कम काम करना चोरी है, सैलरी जितनी उतना काम मजदूरी है, सैलरी जितनी उससे ज्यादा काम देवत्व की निशानी है।* इस नई कम्पनी के प्रोग्रेस का हिस्सा बनो। कुछ ऐसा करो कि जब भी तुम कम्पनी छोड़ो, तुम्हारे साथ काम करने वाले लोग, कस्टमर और यह कम्पनी - सबकी यादों में तुम अभिन्न हिस्सा बनी रहो। हे देव कन्या जाओ, इस कम्पनी और इस कम्पनी में कार्य करने वालो का कल्याण करो। कम्पनी का सौभाग्य जग गया है, क्योंकि तुम्हारे रूप में उसे श्रेष्ठ कर्मचारी मिल रहा है। आनन्दित रहो और आनन्द बाँटो।
*नित्य उपासना-साधना-आराधना करते हुए युगऋषि परमपूज्य गुरूदेव की लिखी यह नौ पुस्तक जरूर पढ़ो, इनसे कॉरपोरेट क्षेत्र के युवाओं में व्याप्त अशांति और तनाव लोगो के दूर करके पुण्य की भागीदार बनो और अपने जीवन को सफलता की बुलंदियों पर ले जाओ*:-
1- प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
2- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
3- दृष्टिकोण ठीक रखें
4- आगे बढ़ने की तैयारी
5- सफलता के सात सूत्र साधन
6- समय का सदुपयोग
7- निराशा को पास न फटकने दो।
8- मानसिक संतुलन
9- मित्रभाव बढ़ाने की कला
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - आत्मीय बहन, सर्वप्रथम नई जॉब मिलने की बधाई, आनंदपूर्वक जाओ और जॉब ज्वाइन करो। सैलरी मिलने पर गुरूदेव को एक या दो % दान देना। गुरूदेव को अपनी कमाई का पार्टनर बनाओ सब कुशल मंगल होगा। हमे भी मिठाई खिला देना😇।
यदि बाहर से प्रोफेशनल ट्रेनिंग हम लेते है तो पैसा भी देना पड़ता है और जॉब गारण्टी भी नहीं होती। यहां पैसा भी मिलेगा, ट्रेनिंग भी मिलेगी, और जॉब सिक्योरिटी भी। सर्वत्र लाभ ही लाभ है, और साथ मे तुम्हारा मन पसन्द काम भी मिल रहा है।
अब मान लो तुम्हे एक वर्ष से पहले जॉब छोड़नी भी होगी तो उसकी दो वजह ही होगी:-
1- *नई जॉब और बेहतर सैलरी पैकेज* - इस नई जॉब की नींव में ट्रेनिंग काम आएगी, अतः गुरुदक्षिणा समझ के😇 पुरानी कम्पनी को ट्रेनिंग का पैसा दे देना। नई ख़ुशी को एन्जॉय करना।😇
2- *शुभ विवाह और नए जीवन सफर का शुभारंभ* - शुभ विवाह में नए जीवन का शुभारंभ होगा, नई खुशियां मिलेंगी। विवाह में खर्च होता ही है और पण्डित को दक्षिणा देती ही हो...अतः विवाहख़र्च और पण्डित की दक्षिणा समझ के😇 पुरानी कम्पनी को ट्रेनिंग का पैसा दे देना। नई ख़ुशी को एन्जॉय करना।😇
जब भी जॉब छोडोगी तो नई जीवन की ख़ुशी और नए स्वप्न को पूरा करने के लिए छोड़ोगी। दोनों ही परिस्थिति सुखमय है। तो ट्रेनिंग का मूल्य देने में टेंशन की कोई बात ही नहीं। घूमने कहीं जाना है तो वाहन का मूल्य तो देना ही पड़ता है। 😇
यह पैसा आता-जाता है, लेकिन यह समय अमूल्य है, गुजरा समय वापस नहीं आता।अतः मॉय डियर वर्तमान का प्रत्येक पल एन्जॉय करो, नई चीज़े पूरे मनोयोग से सीखो, तुम देवता बनकर जॉब करो। जितनी सैलरी तुम्हें मिल रही है उससे ज्यादा का काम उन्हें दान स्वरूप करके दो। *सैलरी से कम काम करना चोरी है, सैलरी जितनी उतना काम मजदूरी है, सैलरी जितनी उससे ज्यादा काम देवत्व की निशानी है।* इस नई कम्पनी के प्रोग्रेस का हिस्सा बनो। कुछ ऐसा करो कि जब भी तुम कम्पनी छोड़ो, तुम्हारे साथ काम करने वाले लोग, कस्टमर और यह कम्पनी - सबकी यादों में तुम अभिन्न हिस्सा बनी रहो। हे देव कन्या जाओ, इस कम्पनी और इस कम्पनी में कार्य करने वालो का कल्याण करो। कम्पनी का सौभाग्य जग गया है, क्योंकि तुम्हारे रूप में उसे श्रेष्ठ कर्मचारी मिल रहा है। आनन्दित रहो और आनन्द बाँटो।
*नित्य उपासना-साधना-आराधना करते हुए युगऋषि परमपूज्य गुरूदेव की लिखी यह नौ पुस्तक जरूर पढ़ो, इनसे कॉरपोरेट क्षेत्र के युवाओं में व्याप्त अशांति और तनाव लोगो के दूर करके पुण्य की भागीदार बनो और अपने जीवन को सफलता की बुलंदियों पर ले जाओ*:-
1- प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
2- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
3- दृष्टिकोण ठीक रखें
4- आगे बढ़ने की तैयारी
5- सफलता के सात सूत्र साधन
6- समय का सदुपयोग
7- निराशा को पास न फटकने दो।
8- मानसिक संतुलन
9- मित्रभाव बढ़ाने की कला
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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