प्रश्न - *प्रणाम दी, मैं एक प्रायमरी स्कूल में टीचर हूँ। अपने क्लास के बच्चो में सँस्कार गढ़ना चाहती हूँ। मुझे 10 मिनट बच्चों को सुबह ध्यान करवाने की अनुमति स्कूल से मिल गयी है। कृपया मार्गदर्शन करें कि संक्षिप्त विधि के तौर पर ध्यान कैसे करवाऊँ।*
उत्तर - आत्मीय बहन, निम्नलिखित विधि अपनाएं:-
1- बच्चों को चेयर पर कमर सीधी करके बिठाएं, वो चाहे चेयर हो या जमीन हो।
2- दोनों हाथ को दोनों घुटनों में ज्ञानमुद्रा में रखवाएं, तर्जनी और अँगूठे को जोड़कर आसमान की तरफ ऊपर की ओर हाथ घुटनो पर रखवाएं।
3- तीन बार गहरी श्वांस लेने को बोलिये और धीरे धीरे छोड़ने को बोलिये। एक बार में 15 सेकंड लगते है बच्चो को तो कुल मिलाकर 45 सेकंड में यह हो जाएगा।
4- पंच कोषों के जागरण के लिए पांच बार ॐ दीर्घ स्वर में नाभि से बुलवाएं। एक बार ॐ बच्चे 15 सेकंड में बोलते है, 75 सेकंड(1 मिनट और 15 सेकंड) में यह हो जाएगा।
5- तीन बार गायत्री मंत्र बुलवाइए, यह 1 से डेढ़ मिनट में हो जाता है। एक महामृत्युंजय मंत्र बुलवाइए, यह 30 सेकंड में हो जाएगा।
6- अगले क्रम में आंखे बंद करके उगते हुए सूर्य का ध्यान करने को बोलिये और आती जाती श्वांस की आवाज सुनने और उसे महसूस करने को बोलिये। यह ध्यान का क्रम पांच मिनट करवाइये।
7-प्रार्थना मंन्त्र बुलवाइए
असतो मा सदगमय ॥
तमसो मा ज्योतिर्गमय ॥
मृत्योर्मामृतम् गमय ॥
ॐ शांतिः ॐ शांतिः ॐ शांतिः
मंत्र बोलते हुए हाथ रगड़ने को बोलिये और उसे बन्द आखों के ऊपर और चेहरे पर मसाज करने को बोलिये। धीरे धीरे पलको को खोलने को बोलिये।
यह उपरोक्त प्रक्रिया 10 मिनट में हो जाती है। बाल सँस्कार शाला में हम यह करवाते हैं। 3 डीप ब्रीदिंग, 5 ॐ, 3 गायत्री और 1 महामृत्युंजय के साथ 5 मिनट का ध्यान करवाना है।
रोज़ महापुरुषों के छोटे छोटे एक सदवाक्य उनकी कॉपी में नोट करवाये और उन्हें याद करवाएं।
सप्ताह में एक बार मूल्यपरक कहानी सुना दें।
यदि आप कर सकें तो, शान्तिकुंज हरिद्वार द्वारा बताई बालकों की आदर्श दिनचर्या की चेकलिस्ट की फोटोकॉपी उन्हें वितरित कर दें।जिससे वो बच्चे स्वयं के वक्त का प्रबंधन और मूल्यांकन कर सकें।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - आत्मीय बहन, निम्नलिखित विधि अपनाएं:-
1- बच्चों को चेयर पर कमर सीधी करके बिठाएं, वो चाहे चेयर हो या जमीन हो।
2- दोनों हाथ को दोनों घुटनों में ज्ञानमुद्रा में रखवाएं, तर्जनी और अँगूठे को जोड़कर आसमान की तरफ ऊपर की ओर हाथ घुटनो पर रखवाएं।
3- तीन बार गहरी श्वांस लेने को बोलिये और धीरे धीरे छोड़ने को बोलिये। एक बार में 15 सेकंड लगते है बच्चो को तो कुल मिलाकर 45 सेकंड में यह हो जाएगा।
4- पंच कोषों के जागरण के लिए पांच बार ॐ दीर्घ स्वर में नाभि से बुलवाएं। एक बार ॐ बच्चे 15 सेकंड में बोलते है, 75 सेकंड(1 मिनट और 15 सेकंड) में यह हो जाएगा।
5- तीन बार गायत्री मंत्र बुलवाइए, यह 1 से डेढ़ मिनट में हो जाता है। एक महामृत्युंजय मंत्र बुलवाइए, यह 30 सेकंड में हो जाएगा।
6- अगले क्रम में आंखे बंद करके उगते हुए सूर्य का ध्यान करने को बोलिये और आती जाती श्वांस की आवाज सुनने और उसे महसूस करने को बोलिये। यह ध्यान का क्रम पांच मिनट करवाइये।
7-प्रार्थना मंन्त्र बुलवाइए
असतो मा सदगमय ॥
तमसो मा ज्योतिर्गमय ॥
मृत्योर्मामृतम् गमय ॥
ॐ शांतिः ॐ शांतिः ॐ शांतिः
मंत्र बोलते हुए हाथ रगड़ने को बोलिये और उसे बन्द आखों के ऊपर और चेहरे पर मसाज करने को बोलिये। धीरे धीरे पलको को खोलने को बोलिये।
यह उपरोक्त प्रक्रिया 10 मिनट में हो जाती है। बाल सँस्कार शाला में हम यह करवाते हैं। 3 डीप ब्रीदिंग, 5 ॐ, 3 गायत्री और 1 महामृत्युंजय के साथ 5 मिनट का ध्यान करवाना है।
सप्ताह में एक बार मूल्यपरक कहानी सुना दें।
यदि आप कर सकें तो, शान्तिकुंज हरिद्वार द्वारा बताई बालकों की आदर्श दिनचर्या की चेकलिस्ट की फोटोकॉपी उन्हें वितरित कर दें।जिससे वो बच्चे स्वयं के वक्त का प्रबंधन और मूल्यांकन कर सकें।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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