Wednesday, 9 January 2019

प्रश्न - *दी, चेहरे पर ओज और तेज दिखे, आध्यात्मिक सौंदर्य की कुछ टिप्स एवं तकनीक बताइये?*

प्रश्न - *दी, चेहरे पर ओज और तेज दिखे, आध्यात्मिक सौंदर्य की कुछ टिप्स एवं तकनीक बताइये?*

उत्तर - 😂😂😂, बेटा यह प्रश्न सुनकर हंसी आ गयी। लेक़िन प्रश्न जरूरी है, अतः उत्तर ध्यान से सुनो:-

शरीर(body) + मन(mind) + आत्मा(Soul)  तीनों के स्वस्थ और सन्तुलित होने पर हमें पूर्ण  सुंदरता प्राप्त होती है। विद्युत बल्ब की सुंदरता उसकी बाह्य डिज़ाइन और कलर पर 10% निर्भर करती है और 40% उसकी भीतर विद्युत पॉवर की क्षमता और 50% विद्युत शक्ति की सप्पलाई पर निर्भर करता है।

👉🏼 *अतः इसी तरह 10% अपने शरीर के सौंदर्य पर ध्यान दो, और निम्नलिखित कार्य करो*:-

1- मुल्तानी मिट्टी या गोमय फेसपैक(शान्तिकुंज) का चेहरे के लिए प्रयोग करो।मुल्तानी मिट्टी से ही बाल धोना। मिट्टी गन्दगी साफ करने के साथ साथ पोषण करती है। साथ में ऑप्शनल नींबू या दही का प्रयोग करो।

शरीर में साधारण सफ़ेद नमक लगाकर नहाओ, त्वचा मुलायम होगी और उसमें निखार आएगा। नकरात्मक एनर्जी घटेगी। तुम्हारी मानवीय विद्युत (ऊर्जा शरीर) स्वस्थ होगा।

2- कुकर में चावल जैसे पकता है, वैसे ही पेट में खाना पकता है। अतः जिस प्रकार कुकर में आधा चावल, और उससे थोड़ा ज्यादा पानी  भरते हो और एक चौथाई हवा के लिए छोड़ते हो। इसी तरह  भूख से आधा स्वास्थ्यकर भोजन, करना एक चौथाई जल और एक चौथाई हवा के लिए छोड़ना। पेट स्वस्थ रहा तो खून साफ रहेगा, चेहरे पर रंगत खिलेगी। स्वादलोलुपता और सौंदर्य-स्वास्थ्य दोनों एक साथ संभव नहीं।

3- बिस्तर और सोफे के नीचे झाड़ू न लगने पर गंदगी जम जाती है, इसी तरह गहरी श्वांस न लेने पर फेफड़े के उन कोनो में गन्दी हवा हो जाती है जहां तक श्वांस नहीं पहुंचती। अतः दिन में कई बार गहरी श्वांस लें, जिससे रक्त में और दिमाग़ उचित मात्रा में ऑक्सीज़न पहुंचे और स्वास्थ्य लाभ मिले और रंगत खिले।

 4- नई हो या पुरानी मशीन जो नित्य न चलेगी तो जंग खाएगी। अतः नित्य कम से कम 2 से तीन किलोमीटर टहलो जिससे पूरे शरीर में रक्तसंचार हो।

5- योग-व्यायाम नित्य थोड़ा बहुत करो, स्वस्थ शरीर ही सुंदर होता है।

6- सप्ताह में कम से कम 12 घण्टे केवल रसाहार पर व्रत रहें। व्रत करने से विकार पचते हैं और प्रारब्ध कटते हैं।

👉🏼 *टोटल का 40% सुंदरता और स्वास्थ्य का आधार मन होता है। अतः मन की सुंदरता के लिए निम्नलिखित कार्य करें।*

1- नित्य कम से कम तीस मिनट निर्विचार या किसी एक विचार पर केंद्रित हों। इस हेतु ध्यान धारणा अपनाएं।

2- कोई सकारात्मक शक्ति युक्त मंन्त्र जप उदाहरण गायत्री मंत्र जप कम से कम 108 बार नित्य करें।

3- मन को सकारात्मक विचारों से भरने के लिए अच्छी पुस्तकों का स्वाध्याय करें।

4- भगवान को इस जीवन के लिए धन्यवाद देते रहें।

5- एक श्रेष्ठ जीवन लक्ष्य का चयन करना और उस ओर अग्रसर रहना।

6- पशुओं को रस्सी बांधती है, और मनुष्य के मन को लोभ-मोह और उच्च महत्वाकांक्षाओं इत्यादि के बंधन बांधते है। अतः इन रस्सियों के बंधन से मुक्त हो साक्षी भाव से जीवन आनन्द से जियो।

7- Need(आवश्यकता) और Greed (स्वार्थपूरित ख्वाहिशें) के बीच का अंतर समझें।

👉🏼 *टोटल का 50% सुंदरता और स्वास्थ्य का आधार आत्मा का प्रकाश होता है। अतः आत्म ऊर्जा की वृद्धि के लिए निम्नलिखित कार्य करें।*

1- नित्य उपासना - भगवान के पास बैठने से आत्म ऊर्जा में वृद्धि होती है। विभिन्न तप साधनाओ को करना।

2- पीड़ितों और गरीबों की सहायता करने से आत्म ऊर्जा में वृद्धि होती है।

3- भगवान से लोककल्याण की प्रार्थना करने से और सेवा भाव मन में रखने से आत्म ऊर्जा में वृद्धि होती है।

4- पशु पक्षी जीव वनस्पतियों की देखरेख और सेवा से आत्म ऊर्जा में वृद्धि होती है।

5- बच्चों के साथ हँसने-खिलखिलाने से खेलने से आत्म ऊर्जा में वृद्धि होती है। क्योंकि बच्चे निश्छल देव स्वरूप होते है और प्राणऊर्जा से भरे होतें है।


🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

1 comment:

  1. उत्तर पढ़कर हँसी आ गई
    ओर चेहरे का ओज पड़ते पड़ते ही बढ़ गया।
    Thank you.

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