*बुद्धिकुशलता और मानसिक संतुलन बढ़ाने की दिव्य औषधि - गायत्री मंत्र*
1- गायत्री मंत्र जप वह विद्या है, जिससे मानसिक संतुलन और बौद्धिक कुशलता सहज़ ही पाई जा सकती है। दवाईयां और मंन्त्र साम्प्रदायिक नहीं होते। दवा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई जो खायेगा उसे असर करेगी, संस्कृत में गायत्री मंत्र जो हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई जपेगा उसे मानसिक सन्तुलन और बौद्धिक कुशलता मिलेगी।
रेफरेन्स के लिए AIIMS के डॉक्टर रामा जयसुंदर की मेडिकल रिसर्च समझें:-
https://youtu.be/9UgLBVs7k6o
https://youtu.be/30bJ4SKHgbs
https://www.sbs.com.au/yourlanguage/hindi/en/article/2018/05/17/could-chanting-ancient-sanskrit-mantras-increase-size-your-brain
2- डॉक्टर रामा जयसुन्दर ने अपने रिसर्च में यह भी सिद्ध किया कि गायत्री मंन्त्र संस्कृत में पढ़ने पर ही प्रभावशाली है, क्योंकि संस्कृत के मंन्त्र की ध्वनियां न्यूरोसिस्टम पर असर डालती है। इसका ट्रांसलेशन करके अन्य भाषा मे पढ़ना कम लाभप्रद है।
3- आज की पाश्चात्य की अन्धनकलची मॉडर्न जनता गायत्री मंत्र के वैज्ञानिक लाभ से अंजान है, इसे मात्र धार्मिक कर्मकांड समझती है। जबकि धर्म में इसके प्रवेश का मूल कारण लोगों की बुद्धिकुशलता, बौद्धिकक्षमता और मानसिक संतुलन के साथ निरोगी रहने के लिए इसे जोड़ा गया था।
4- डॉक्टर से पर्ची लिखवा के भी दवा ली जा सकती है और डायरेक्ट दवा की दुकान से भी लेकर उपयोग की जा सकती है। इसीतरह गायत्री जप गुरुदेव से गुरुदीक्षा से लेकर विधिविधान से किया जाता है, और बिना गुरुदीक्षा के गायत्री मंत्र जप कर इसका औषधीय लाभ लिया जा सकता है।
5- इसके बहु आयामी लाभ को देखते हुए ही इसे महामंत्र की वेदों में संज्ञा दी गयी है। भागवत गीता में स्वयं भगवान कृष्ण ने इसका महत्त्व बताया है।
6- युगऋषि पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने गायत्रीमंन्त्र के लाभ से परिचित थे, उन्होंने इस पर अनेकों शोध करके गायत्री महाविज्ञान नामक पुस्तक भी लिखी है। युगऋषि ने मनुष्य के मानसिक असंतुलन और विकृत चिंतन से उपजी समस्याओं के निदान के लिए गायत्री मंत्र और यज्ञ को चुना। घर घर तक पहुंचाया, जन जन को गायत्री मंत्र जपवाया।
7- आज भी गायत्री परिजन गायत्री मंत्र के लाभ को जन जन तक पहुंचा रहे हैं और लोग अपने जीवन के कष्टों को गायत्री जप के माध्यम से बौद्धिकक्षमता पाकर दूर करने में सफल भी हो रहे हैं।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
1- गायत्री मंत्र जप वह विद्या है, जिससे मानसिक संतुलन और बौद्धिक कुशलता सहज़ ही पाई जा सकती है। दवाईयां और मंन्त्र साम्प्रदायिक नहीं होते। दवा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई जो खायेगा उसे असर करेगी, संस्कृत में गायत्री मंत्र जो हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई जपेगा उसे मानसिक सन्तुलन और बौद्धिक कुशलता मिलेगी।
रेफरेन्स के लिए AIIMS के डॉक्टर रामा जयसुंदर की मेडिकल रिसर्च समझें:-
https://youtu.be/9UgLBVs7k6o
https://youtu.be/30bJ4SKHgbs
https://www.sbs.com.au/yourlanguage/hindi/en/article/2018/05/17/could-chanting-ancient-sanskrit-mantras-increase-size-your-brain
2- डॉक्टर रामा जयसुन्दर ने अपने रिसर्च में यह भी सिद्ध किया कि गायत्री मंन्त्र संस्कृत में पढ़ने पर ही प्रभावशाली है, क्योंकि संस्कृत के मंन्त्र की ध्वनियां न्यूरोसिस्टम पर असर डालती है। इसका ट्रांसलेशन करके अन्य भाषा मे पढ़ना कम लाभप्रद है।
3- आज की पाश्चात्य की अन्धनकलची मॉडर्न जनता गायत्री मंत्र के वैज्ञानिक लाभ से अंजान है, इसे मात्र धार्मिक कर्मकांड समझती है। जबकि धर्म में इसके प्रवेश का मूल कारण लोगों की बुद्धिकुशलता, बौद्धिकक्षमता और मानसिक संतुलन के साथ निरोगी रहने के लिए इसे जोड़ा गया था।
4- डॉक्टर से पर्ची लिखवा के भी दवा ली जा सकती है और डायरेक्ट दवा की दुकान से भी लेकर उपयोग की जा सकती है। इसीतरह गायत्री जप गुरुदेव से गुरुदीक्षा से लेकर विधिविधान से किया जाता है, और बिना गुरुदीक्षा के गायत्री मंत्र जप कर इसका औषधीय लाभ लिया जा सकता है।
5- इसके बहु आयामी लाभ को देखते हुए ही इसे महामंत्र की वेदों में संज्ञा दी गयी है। भागवत गीता में स्वयं भगवान कृष्ण ने इसका महत्त्व बताया है।
6- युगऋषि पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने गायत्रीमंन्त्र के लाभ से परिचित थे, उन्होंने इस पर अनेकों शोध करके गायत्री महाविज्ञान नामक पुस्तक भी लिखी है। युगऋषि ने मनुष्य के मानसिक असंतुलन और विकृत चिंतन से उपजी समस्याओं के निदान के लिए गायत्री मंत्र और यज्ञ को चुना। घर घर तक पहुंचाया, जन जन को गायत्री मंत्र जपवाया।
7- आज भी गायत्री परिजन गायत्री मंत्र के लाभ को जन जन तक पहुंचा रहे हैं और लोग अपने जीवन के कष्टों को गायत्री जप के माध्यम से बौद्धिकक्षमता पाकर दूर करने में सफल भी हो रहे हैं।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
बहुत बढ़िया जानकारी बहन जी
ReplyDeletebahut badia jankari
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