प्रश्न - *यदि हम मुसीबत में हों तो किसे पुकारे गुरूदेव को या भगवान को? मार्गदर्शन करें.*
उत्तर - आत्मीय बहन, ये प्रश्न कुछ ऐसा है कि माता पिता में से किससे मदद मांगे? मुसीबत में किसे पुकारें? इसका सहज जवाब है जिसे मन करे उसे पुकारो।
एक तरह से गुरु माँ की तरह है और भगवान परम् पिता की तरह है। देखने मे दोनों दो अलग इकाई दिखते हैं लेकिन वास्तव में दोनों एक ही तरह से ख़्याल रखते है। माँ को पुकारो तो भी पिता साथ आएगा और पिता को पुकारो तो भी माँ साथ आएगी।
शारीरिक जन्म माता देती है ठीक उसी तरह आध्यात्मिक जन्म गुरु देता है। माता की तरह अध्यात्म क्षेत्र में सम्हालता है।
अतः आपका मन जिसे चाहे पुकारे उस पर छोड़ दो, जैसे चोट लगने पर *ओ माँ* और तीव्र भय लगने पर *बाप रे बाप* आता है। वैसे ही हृदय से जो पुकार उठे उठने दो, यह भाव क्षेत्र है यहाँ बुद्धि न लगाओ तो ज्यादा अच्छा है। भगवान और गुरु दोनों से जुड़ने का एक ही माध्यम है वह है उन पर श्रद्धा और विश्वास रखना, उनके अनुसाशन पर जीवन जीना।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - आत्मीय बहन, ये प्रश्न कुछ ऐसा है कि माता पिता में से किससे मदद मांगे? मुसीबत में किसे पुकारें? इसका सहज जवाब है जिसे मन करे उसे पुकारो।
एक तरह से गुरु माँ की तरह है और भगवान परम् पिता की तरह है। देखने मे दोनों दो अलग इकाई दिखते हैं लेकिन वास्तव में दोनों एक ही तरह से ख़्याल रखते है। माँ को पुकारो तो भी पिता साथ आएगा और पिता को पुकारो तो भी माँ साथ आएगी।
शारीरिक जन्म माता देती है ठीक उसी तरह आध्यात्मिक जन्म गुरु देता है। माता की तरह अध्यात्म क्षेत्र में सम्हालता है।
अतः आपका मन जिसे चाहे पुकारे उस पर छोड़ दो, जैसे चोट लगने पर *ओ माँ* और तीव्र भय लगने पर *बाप रे बाप* आता है। वैसे ही हृदय से जो पुकार उठे उठने दो, यह भाव क्षेत्र है यहाँ बुद्धि न लगाओ तो ज्यादा अच्छा है। भगवान और गुरु दोनों से जुड़ने का एक ही माध्यम है वह है उन पर श्रद्धा और विश्वास रखना, उनके अनुसाशन पर जीवन जीना।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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