Sunday 17 February 2019

प्रश्न - *मेरा एक प्रश्न यह है दी कि क्या मन ही मन बिना मुंह से बोले टेलीपैथी द्वारा अपनी बात दूसरे तक पहुंचाई जा सकती है? दूरस्थ व्यक्ति एनर्जी/ऊर्जा ट्रांसमिट हो सकता है?*

प्रश्न - *मेरा एक प्रश्न यह है दी कि क्या मन ही मन बिना मुंह से बोले टेलीपैथी द्वारा अपनी बात दूसरे तक पहुंचाई जा सकती है? दूरस्थ व्यक्ति एनर्जी/ऊर्जा ट्रांसमिट हो सकता है?*

उत्तर - आत्मीय भाई, हाँजी यह संभव है।

बेले डांस में दोनों पंजो को इस क़दर मजबूत औऱ अभ्यस्त बनाया जाता है कि ऊंची जम्प के बाद भी उस पर बैलेंस बना के घूमा जा सके। यह यदि आम जनता करे तो गिर जाएगी लेक़िन एक विशेष प्रक्रिया और विधिविधान से निरन्तर म्यूजिक पर अभ्यास करने पर सध जाता है।

टेलीपैथी भी कुछ इसी तरह का अभ्यास मांगता है बस फ़र्क यह है कि यहाँ म्यूज़िक बाहरी नहीं अंतर्जगत में गूँजरित ब्रह्मनाद होता है, नृत्य साधना स्थूल नहीं सूक्ष्म शरीर करता है, पंजे पर बैलेंस अर्थात एक विचार पर एकाग्र होने की कुशलता हासिल करनी पड़ती है।

टैलीपैथी अर्थात विचारों का संप्रेषण। यह सम्प्रेषण कुशलता पूर्वक करना होता है। यह कुशलता तब आती है जब ध्यानस्थ एकाग्र होने की क्षमता विकसित हो जाती है और हम भीतर गूँजरित ब्रह्मनाद सुन सकने में सक्षम होते है। अब कुशल मन में जो विचार अमुक व्यक्ति को सम्प्रेषित करना है उस विचार पर कम से कम दस मिनट एकाग्र होना होता है, फिर अमुक व्यक्ति की चेतना का आह्वाहन अपने अंतर्जगत में करके उसे वो विचार सम्प्रेषित कर देते हैं। जब किसी व्यक्ति को बुला ही लिया तो उससे बात करो या उसे समान दो  सबकुछ सम्भव है। अब उसे सन्देश भी दे सकते हो और ऊर्जा भी ट्रांसफर कर सकते हो। जो चाहो वो करो, वो तुम्हारे नियंत्रण में होगा। इससे उपचार भी दूरस्थ व्यक्ति का कर सकते हो, अपनी बात भी मनवा सकते हो, कुछ भी करवा सकते हो।

इसे और अच्छे से निम्नलिखित अखण्डज्योति के आर्टिकल में समझो:- http://literature.awgp.org/akhandjyoti/2000/July/v2.13

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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