प्रश्न - *पूजन और जीवन में फूलों का क्या महत्त्व है? आशीर्वाद देते वक़्त भी पुष्पवर्षा क्यों करते हैं? चरणामृत में गुलाब की पंखुड़ियों का क्या महत्त्व है?*
उत्तर - आत्मीय बहन, जिस प्रकार पत्र(letter) प्रेषित(send) करने के लिए हम लिफ़ाफ़े(Envelope) का प्रयोग करते हैं, ठीक वैसे ही हृदय की भावनाएं, प्रेम, विश्वास, शुभवचन, मन्त्रपूरित भावनाओ को प्रेषित करने के लिए हम पुष्प का प्रयोग करते हैं। यह भावनाओं की कोरियर सर्विस भी है।
*उदाहरण* - भक्त को भगवान को पुष्प अर्पित करना, जन्मदिन-विवाहदिवस पर पुष्पवर्षा से आशीर्वाद देना, प्रेमी-प्रेमिका द्वारा एक दूसरे को पुष्प देना इत्यादि।
👉🏼फूल बहुत ही शुभ और पवित्र होते हैं. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो सुंदरता और सुगंध से भरपूर फूलों के इस्तेमाल से मन में उत्साह उमंग उल्लास का संचार होता है. जिस घर में फूल होते हैं, नकारात्मक ऊर्जा वहां के इर्द-गिर्द भी नहीं भटक पाती है.
फूलों के इस्तेमाल से आप अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ा सकते हैं. इसीलिए घर के आस-पास फुलवारी की परंपरा सदियों से चली आ रही है. धार्मिक मान्यताओं में फूलों का प्रयोग पूजा और उपासना के लिए किया जाता है. मान्यता है कि इससे ईश्वर तक भक्त की भावनाएं पहुंचती है. आइए जानते हैं उपासना में फूल क्यों हैं इतने महत्वपूर्ण:
*उपासना में फूलों का महत्व*
- फूल इंसान की श्रद्धा और भावना को स्वयं में समेटे प्रतीक रूप में पहुंचाते हैं।
- इसके साथ ही फूल इंसान की मानसिक स्थितियों के बारे में भी बताते हैं।
- फूलों के अलग-अलग रंग और सुगंध अलग तरह के प्रभाव पैदा करते हैं।
- पूजा में वास्तविक फूल भी अर्पित कर सकते हैं और मानसिक रूप से पुष्प का स्मरण करके भी पुष्प अर्पित कर सकते हैं।.
🌹🌹🌹🌹🌹🌼
*चरणामृत में गुलाब के पुष्प की पंखुड़ियों को देने के पीछे कारण*
- गुलाब का फूल एक अद्भुत और चमत्कारी फूल है, जो रिश्तों पर सीधा असर डालता है.
- गुलाब के फूल की ढेर सारी किस्में पाई जाती हैं, परन्तु ज्योतिष और पूजा में लाल गुलाब का ही प्रयोग किया जाता है.
- लाल गुलाब मंगल से सम्बन्ध रखता है और इसकी खुश्बू का सम्बन्ध शुक्र से होता है.
- इसके प्रयोग से प्रेम, आकर्षण, रिश्तों और आत्मविश्वास का वरदान मिलता है.
- जिस तरह भक्त भगवान तक पुष्प के माध्यम से अपने भाव पहुंचाता है। ठीक उसी प्रकार पुष्प पंखुड़ियों में भगवत कृपा और वरदान की भावनाएं चरणामृत के साथ भक्त तक पहुंचती है।
💐💐💐💐💐
*आशीर्वचन बोलते हुए किसी पर पुष्प वर्षा करने पर वह पुष्प उस व्यक्ति के शरीर पर गिरते हैं, जो आपकी भावनाओं और मन्त्रों को उसके ऊर्जा शरीर मे प्रवेश करवा देते हैं। प्राणऊर्जा को बढ़ाते हैं।*
💐💐💐💐💐💐
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - आत्मीय बहन, जिस प्रकार पत्र(letter) प्रेषित(send) करने के लिए हम लिफ़ाफ़े(Envelope) का प्रयोग करते हैं, ठीक वैसे ही हृदय की भावनाएं, प्रेम, विश्वास, शुभवचन, मन्त्रपूरित भावनाओ को प्रेषित करने के लिए हम पुष्प का प्रयोग करते हैं। यह भावनाओं की कोरियर सर्विस भी है।
*उदाहरण* - भक्त को भगवान को पुष्प अर्पित करना, जन्मदिन-विवाहदिवस पर पुष्पवर्षा से आशीर्वाद देना, प्रेमी-प्रेमिका द्वारा एक दूसरे को पुष्प देना इत्यादि।
👉🏼फूल बहुत ही शुभ और पवित्र होते हैं. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो सुंदरता और सुगंध से भरपूर फूलों के इस्तेमाल से मन में उत्साह उमंग उल्लास का संचार होता है. जिस घर में फूल होते हैं, नकारात्मक ऊर्जा वहां के इर्द-गिर्द भी नहीं भटक पाती है.
फूलों के इस्तेमाल से आप अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ा सकते हैं. इसीलिए घर के आस-पास फुलवारी की परंपरा सदियों से चली आ रही है. धार्मिक मान्यताओं में फूलों का प्रयोग पूजा और उपासना के लिए किया जाता है. मान्यता है कि इससे ईश्वर तक भक्त की भावनाएं पहुंचती है. आइए जानते हैं उपासना में फूल क्यों हैं इतने महत्वपूर्ण:
*उपासना में फूलों का महत्व*
- फूल इंसान की श्रद्धा और भावना को स्वयं में समेटे प्रतीक रूप में पहुंचाते हैं।
- इसके साथ ही फूल इंसान की मानसिक स्थितियों के बारे में भी बताते हैं।
- फूलों के अलग-अलग रंग और सुगंध अलग तरह के प्रभाव पैदा करते हैं।
- पूजा में वास्तविक फूल भी अर्पित कर सकते हैं और मानसिक रूप से पुष्प का स्मरण करके भी पुष्प अर्पित कर सकते हैं।.
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*चरणामृत में गुलाब के पुष्प की पंखुड़ियों को देने के पीछे कारण*
- गुलाब का फूल एक अद्भुत और चमत्कारी फूल है, जो रिश्तों पर सीधा असर डालता है.
- गुलाब के फूल की ढेर सारी किस्में पाई जाती हैं, परन्तु ज्योतिष और पूजा में लाल गुलाब का ही प्रयोग किया जाता है.
- लाल गुलाब मंगल से सम्बन्ध रखता है और इसकी खुश्बू का सम्बन्ध शुक्र से होता है.
- इसके प्रयोग से प्रेम, आकर्षण, रिश्तों और आत्मविश्वास का वरदान मिलता है.
- जिस तरह भक्त भगवान तक पुष्प के माध्यम से अपने भाव पहुंचाता है। ठीक उसी प्रकार पुष्प पंखुड़ियों में भगवत कृपा और वरदान की भावनाएं चरणामृत के साथ भक्त तक पहुंचती है।
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*आशीर्वचन बोलते हुए किसी पर पुष्प वर्षा करने पर वह पुष्प उस व्यक्ति के शरीर पर गिरते हैं, जो आपकी भावनाओं और मन्त्रों को उसके ऊर्जा शरीर मे प्रवेश करवा देते हैं। प्राणऊर्जा को बढ़ाते हैं।*
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🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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